हे प्रभु! अवैध खनन के खिलाफ आत्मदाह करने वाले संत विजयदास का निधन


भरतपुर। डीग इलाके में अवैध खनन के खिलाफ आत्मदाह करने वाले संत विजयदास ने प्राण त्याग दिए हैं। दिल्ली में इलाज के दौरान निधन हो गया। वो 80 फ़ीसदी झुलस गए थे। जिन्हें गंभीर अवस्था में सरकार के निर्देश पर ग्रीन कॉरिडोर बनाकर दिल्ली के सफदरगंज स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन बचाया नहीं जा सका। डॉक्टर ने बताया कि संत विजय दास का शुक्रवार रात 3:00 बजे के लगभग इलाज के दौरान निधन हो गया ।अब उनका शव भरतपुर के पसोपा स्थित आश्रम में रखा जाएगा।

 

बता दें कि भरतपुर में अवैध खनन को लेकर साधु-संत 550 दिन से विरोध जता रहे थे। 20 जुलाई को बड़ी संख्या में संत आंदोलन के लिए जुटे, इसी दौरान संत विजयदास ने खुद को आग लगा ली थी।

बताते हैं कि वो संत बनने से पहले कपड़ा फैक्ट्री में काम करते थे। उनका नाम मधुसूदन शर्मा था और हरियाणा के रहने वाले थे। लेकिन एक हादसे में उनके बेटे-बहू को खो देने के बाद उन्होंने अपनी पोती को गुरुकुल में डाल दिया और खुद साधु बन गए। अब उनका शव बरसाना लाया जाएगा जहां उनकी पोती अंतिम दर्शन करेगी और आमजन भी उनके अंतिम दर्शन कर सकेगा। इसके बाद शव को डीग स्थित पसोपा आश्रम लाया जाएगा जहां अंतिम संस्कार किया जाएगा।

 

उधर CM अशोक गहलोत ने कहा कि संत श्री विजय बाबा का निधन बेहद दुखद है। हमने उन्हें बचाने के हरसंभव प्रयास किए एवं उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाईं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें। मुझे दुख है कि जब सरकार ने उनकी मांगों पर सैद्धांतिक सहमति दे दी थी तो उन्हें किन परिस्थितियों में यह दुर्भाग्यपूर्ण कदम उठाना पड़ा। इस घटना की जांच प्रमुख शासन सचिव स्तर के अधिकारी से करवाने का निर्णय लिया है। साथ ही, श्री विजय बाबा के परिजनों को 5 लाख रुपये की सहायता राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष से दी जाएगी।