कृषि कानून न केवल किसान विरोधी बल्कि मध्यम वर्ग व नौजवान विरोधी भी: सचिन पायलट


जयपुर.केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में एवं किसानो की मांगों के समर्थन में राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के नेतृत्व में चाकसू (जयपुर) में एक बड़ी जनसभा आयोजित हुई, जहां मंच से पायलट जमकर केंद्र सरकार के खिलाफ गरजे, और कहा कि ‘किसानों पर बहुत बड़ा संकट आया है. हम सबको समझना होगा कि ये तीनों कानून न केवल किसान विरोधी बल्कि मध्यम वर्ग व नौजवानों के विरोधी भी हैं. केंद्र सरकार में आज उन किसानों की कोई सुनने वाला नहीं है जो लगभग दो महीने से आंदोलन कर रहे हैं.'

उन्होंने कहा कि 'आज राजस्थान ही नहीं, पूरा देश इन तीन कानूनों के खिलाफ खड़ा हुआ है. केंद्र सरकार किसान के भविष्य को अंधकार में धकेलने वाले ये कानून बिना किसी से चर्चा किए, जल्दबाजी में लाई है और उसे इनको वापस लेना ही होगा.' पायलट ने कहा कि, 'लोकतंत्र में सबसे बड़ी ताकत जनता है. राजस्थान समेत पूरे देश के किसान अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. किसान को सहानुभूति नहीं, सहयोग चाहिए. किसान भीख नहीं, अपना अधिकार मांग रहा है. हमारी पार्टी ने संकल्प लिया है कि गांधीवादी तरीके से हम केंद्र सरकार को इन कानूनों को वापस लेने को मजबूर करेंगे’

उधर पायलट से पहले राजस्थान सरकार के पूर्व मंत्री रहे रमेश मीणा ने भी जमकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 'तीनों ही कृषि कानून किसान विरोधी हैं. जनता विरोधी हैं और चुनिंदा लोगों को फायदा पहुंचाने के लिहाज से लाए गए हैं. जब तक इन कानूनों को वापस नहीं लिया जाता तब तक वे राहुल गांधी के निर्देशन में और सचिन पायलट के नेतृत्व में किसानों की आवाज लगातार बुलंद करते रहेंगे.'

इस किसान महापंचायत में सचिन पायलट के साथ पूर्व मंत्री रमेश मीना, विश्वेन्द्र सिंह, राजेन्द्र चौधरी सहित विधायक हेमाराम चौधरी, बृजेन्द्र ओला,गजराज खटाना, मुकेश भाकर, हरीश मीना, मुरारी मीना, राकेश पारीक, प्रशांत बैरवा, इंद्राज गुर्जर, वेदप्रकाश सोलंकी और कई नेता, कार्यकर्ता मौजूद रहे. यह आयोजन चाकसू विधायक वेद प्रकाश सोलंकी के द्वारा रखा गया था.