नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि देश के बैंकों के पास पैसों की कोई कमी नहीं है, बाजार में कैस की कमी नहीं आने दी जाएगी. कोरोना वायरस की वजह से अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है. संकट के बीच वित्तीय हालातों पर पूरी नजर है. देश की वित्तीय हालत पहले से बिगड़ी है. दुनियाभर में 9 ट्रिलियन डॉलर के नुकसान की आशंका है. हालांकि जी-20 देशों में भारत की स्थिति बेहतर है. 2020 वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ी मंदी का साल है.
RBI की बड़ी बातें:
1 - अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुसार इस साल 1.9% विकास दर रहने का अनुमान. कोरोना के बाद 7.4% विकास दर की उम्मीद है. कोरोना के बाद बैंको की हालात सुधारना बड़ी चुनौती.
2- ग्लोबल बिजनेस में 13-32% गिरावट की आशंका.
3- रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं, यह 4.4 फीसदी पर स्थिर है. रिवर्स रेपो रेट 0.25 फीसदी से घटाकर 3.75 फीसदी कर दी गई.
4- भारत के पास विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार हैं. मार्च में देश के निर्यात के हालात बेहद खराब रहे हैं. 10 अप्रैल तक विदेशी मुद्रा भंडार 47,650 करोड़ डॉलर.
5- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुसार, देश की आर्थिक वृद्धि दर 1.9 फीसदी रहने का अनुमान है.
6- टीएलटीआरओ के जरिए आरबीआई सिस्टम में 50,000 करोड़ रुपये डालेगा. RBI नाबार्ड को 25 हजार करोड़ रुपये, SIDBI को 15 हजार करोड़ रुपये और नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB) को 10 हजार करोड़ देगा.
7– डेटा बताते हैं कि इंटरनेट बैंकिंग के जरिए अच्छा काम हो रहा है. चुनौतियों के बावजूद एटीएम ऑपरेट किए जा रहे हैं.
8- देश में बैंकिंग कारोबार सामान्य बनाए रखने की कोशिश जारी.
9- देश में 91 फीसदी एटीएम काम कर रहे हैं.
10- मार्च में सर्विसेज पीएमआई में गिरावट दर्ज की गई. लॉकडाउन के बावजूद कृषि क्षेत्र में बुवाई की स्थिति बेहतर रही है.