मतदाता सूचियों के निस्तारण में राजस्थान बना देश का नम्बर वन राज्य, निर्वाचन आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता की करी सराहना


जयपुर। मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण अभियान, 2021 एवं इसके निरंतर अद्यतन अवधि के दौरान प्राप्त आवेदनों का समयबद्ध निस्तारण करने में राजस्थान देश भर में अव्वल रहा है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि मतदाता सूचियों के निरंतर अद्यतन अवधि के दौरान प्राप्त आवेदनों का समयबद्ध निस्तारण करने में राजस्थान ने देश के 37 राज्य एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में प्रथम रैंक हासिल की है।

गुप्ता ने बताया कि गुरुवार को भारत निर्वाचन आयोग ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों के कार्य की समीक्षा हुई। इसके लिए राजस्थान द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की गई।


संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के पश्चात् भी मतदाता सूची में नाम जुड़वाने अथवा संशोधन करवाने की प्रक्रिया पूरे वर्ष उपलब्ध रहती है। यद्यपि निरंतर अद्यतन के दौरान केवल वही मतदाता नाम जुड़वा सकते हैं जो कि अर्हता दिनांक 1 जनवरी को 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि मतदाता सूचियों में नाम जुड़वाने, विलोपित करवाने एवं अन्य संशोधनों के लिए मतदाता सूचियों को अद्यतन करने का कार्य एक निरन्तर प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया के अन्तर्गत राज्य की 200 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए अर्हता दिनांक 01 जनवरी के आधार पर मतदाता सूचियों का प्रारूप प्रकाशन किया जाता है। 

प्रारूप प्रकाशन के पश्चात् मतदाताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए राज्य के सभी 52 हजार 9 मतदान केन्द्रों पर BLO के माध्यम से मतदाता सूचियों में परिवर्धन, विलोपन, संशोधन हेतु आवेदन पत्र आमंत्रित किये जाते हैं। उन्होंने बताया कि इन आवेदन पत्रों के निस्तारण पश्चात् जनवरी माह में मतदाता सूचियों का अंतिम प्रकाशन किया जाता है।
 

19 लाख 67 हजार 857 आवेदनों का निस्तारण


गुप्ता ने बताया कि मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण अभियान 2021 के दौरान राज्य में कुल 15 लाख 17 हजार 232 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे। इसके उपरान्त निरंतर अद्यतन के दौरान दिनांक 1 जनवरी, 2021 से आदिनांक तक 4 लाख 50 हजार 625 आवेदन पत्र प्राप्त हुए। इस प्रकार दोनों कार्यक्रमों के दौरान 19 लाख 67 हजार 857 आवेदन राज्य में प्राप्त हुए, जिनका समय पर निस्तारण किया गया।