कोरोना संकटकाल के बीच नहीं मनाया जा रहा आज राजस्थान स्थापना दिवस समारोह


जयपुर. राजस्थान के 71 साल के इतिहास में कोरोना संकट के चलते फिर ऐसा हुआ है जब 30 मार्च को राजस्थान स्थापना दिवस नहीं मनाया गया. राजस्थान में फिर से बढ़ते कोरोना मामलों के बीच राजस्थान दिवस के कार्यक्रम नहीं हो रहे हैं. पिछले साल भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला था.

बता दें कि 30 मार्च, 1949 को जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों का विलय कराकर वृहत्तर राजस्थान संघ बनाया गया था. तब से लेकर आज तक इस दिन को राजस्थान स्थापना दिवस के तौर पर बनाया जाता है और कई रंगारंग सांस्कृतिक आयोजनों की धूम राजस्थान में इस मौके पर देखने को मिलती है. लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ. हालांकि पिछले साल भी लॉक डाउन के बीच ऐसा ही हुआ था.

राजस्थान दिवस के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम नरेंद्र मोदी, राज्यपाल कलराज मिश्र और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी है.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बधाई देते हुए लिखा कि, ‘वीर-वीरांगनाओं की भूमि राजस्थान के स्थापना दिवस पर प्रदेश की जनता को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं. यह धरती असाधारण शौर्य, उद्यम, पर्यटन, संस्कृति, कला एवं वास्तुशिल्प के सौंदर्य के लिए विख्यात है. मैं इस राज्य के निवासियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करता हूं.'

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर शुभकामनाएं दी. लिखा कि 'राजस्थान दिवस की वहां के सभी भाइयों और बहनों को ढेरों शुभकामनाएं. मेरी कामना है कि साहस, शौर्य और पराक्रम के लिए प्रसिद्ध यह प्रदेश प्रगति की राह पर निरंतर आगे बढ़े.'

राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि 'राजस्थान के कण-कण में साहस और शौर्य समाया हुआ है. शताब्दियों से अमर शौर्य और अप्रतिम शक्ति के मूर्तिमान रूप में जिस भूभाग और अमर सांस्कृतिक चेतना का नाम लिया जाता है.'

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी. CM ने अपने संदेश में लिखा कि 'राजस्थान दिवस पर प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं. राजस्थान शौर्य और साहस का दूसरा नाम है. यहां की धरती रण बांकुरों एवं वीरांगनाओं की धरती है. अपने भव्य महलों, किलों, स्मारकों, गौरवशाली इतिहास और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से प्रदेश की विश्व में एक अलग पहचान है. सभी प्रदेशवासियों का आह्वान है कि राजस्थान दिवस के मौके पर वे प्रदेश को उन्नति के उच्चतम शिखर पर ले जाने में भागीदारी निभाने का संकल्प लें.'