राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त के लिए आया 500 करोड़ रुपया, बीजेपी केन्द्रीय कार्यालय से निकला यह पैसा!


जयपुर. राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त के लिए पांच सौ करोड़ रुपए की निकासी हुई थी और यह निकासी कहीं और से नहीं बल्कि केन्द्रीय बीजेपी कार्यालय से हुई थी. यह दावा विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव के दौरान सरकार के मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने जैसे ही दिया तो राजस्थान की राजनीति में एक नया भूचाल सा आ गया.

धारीवाल ने सदन में कहा कि 'दीनदयाल उपाध्याय के मार्ग पर बने बीजेपी के आलिशान दफ्तर से पांच सौ करोड़ रुपया कैसे निकला, कहां गया? राजस्थान में खरीद फरोख्त के लिए 500 करोड़ रुपए आये. जनता हिसाब पूछता चाहती है कि वो पांच सौ करोड़ रुपया किसके पास गया. आज नहीं, कल नहीं पर जनता हिसाब जरुर मांगेगी.' इस दौरान शांति धारीवाल ने सतीश पूनिया और राजेन्द्र राठौड को कहा कि 'पूनियां साहब, राठौड साहब झगड़ना मत वरना भंडा फूट जाएगा'.

जब बयान से सदन में हंगामा होने लगा तो वरिष्ठ भाजपा विधायक और नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि इस तरह की बातों से कोई मतलब नहीं, इससे आपका भाषण निरस्त माना जाएगा.

बावजूद इसके शांति धारीवाल यहीं नहीं रुके और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की तरफ इशारा करते हुए कहा कि ' बीजेपी की तिकडी मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रही है. संजीवनी जडी बूटी खाकर इथोपिया में जमीनें खरीदकर एक नए-नए नेता जी मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं मैडम.' यह निशाना केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह पर था. धारीवाल ने कहा कि अमित शाह इस पैसे का हिसाब मांगकर रहेंगे छोडेंगे नहीं! पैसा दिया है तो उसका हिसाब तो मांगा ही जाएगा. छोटा भाई और मोटा भाई ने विधायकों के लिए मिनिमम सपोर्ट प्राइस बढा दी है, लेकिन विधायक इतनी बडी रकम लेने से डर गए. राजस्थान में ना किसी शाह की चली ना किसी तानाशाह की चली.

राजेन्द्र राठौड ने धारीवाल के बयान पर आपत्ति करते हुए कहा कि पहले उनका और पूनियां का नाम लिया और फिर गृहमंत्री अमित शाह का नाम लिया जो ठीक नहीं. धारीवाल ने आरोप लगाय कि केन्द्र के इशारे पर अरुणाचाल प्रदेश, गोवा, मणीपुर, मेघालय, कर्नाटक, मध्यप्रदेश में संवैधानिक सरकारों को खरीद फरोख्त की राजनीति के तहत गिराया गया. बीजेपी का मूल मंत्र है 'अंबानी और अडानी का चंदा, खरीद-फरोख्त का गोरख-धंधा.' प्रजातांत्रिक सरकारों को धनबल और सत्ताबल पर उखाड फैंकने का यह काम कर रहे हैं.

धारीवाल ने इस दौरान भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश मेघवाल की भी तारीफ की और कहा कि उन्होंने खरीद फरोख्त करने वालों का डंके की चोट पर विरोध किया. उधर राजेन्द्र राठौड़ ने आरोप लगाया कि 34 दिन तक सरकार गायब रही, बाड़ेबंदी में रही, जनता की सुध तक नहीं ली और बेवजह के आरोप लगा रहे हैं.