मिलावटखोरों के खिलाफ राजस्थान सरकार ने कसी कमर, ज्यादा से ज्यादा निरीक्षण कर सैंपल लेने के दिए निर्देश


जयपुर। राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को ज्यादा से ज्यादा सैंपल लेने व मिलावट पाए जाने पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। चिकित्सा मंत्री शुक्रवार को 'शुद्ध के लिए युद्ध' अभियान की प्रगति की जानकारी लेकर समीक्षा कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि आमजन को शुद्ध और मिलावट रहित खाद्य पदार्थ मुहैया करवाना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिकारियों को ज्यादा से ज्यादा खाद्य पदार्थों के सैंपल लेने व मिलावट पाए जाने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 1 जनवरी से अब तक 1700 से ज्यादा खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में प्रतिदिन औसतन 100 सैंपल लिए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अधिकारी पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की टीम के साथ निरीक्षण कर छापेमारी करें ताकि अपराधियों में भय व्याप्त और वे मिलावट करने से डरें। उन्होंने कहा कि अभियान में और गति लाकर आमजन को शुद्ध खाद्य पदार्थों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। श्री मीणा ने बताया कि अभियान की कार्य योजना के तहत लगभग 10 हजार एनफोर्समेंट सैंपल और 2 हजार सर्विलेंस सैंपल मोबाइल वैन के जरिए लिए जायेंगे। साथ ही 200 दूध उत्पादन इकाइयों की ऑडिट किया जाना प्रस्तावित है। इसके अलावा रजिस्ट्रेशन एवं लाईसेन्स के लिए राज्य में 92 कैम्प आयोजित किये जाने हैं।

उन्होंने बताया कि राज्य में वर्तमान में 11 लैब के अतिरिक्त 7 नवीन लैब (सीकर, बारां, धौलपुर, नागौर, गंगानगर, भीलवाडा एवं बाडमेर) का निर्माण वर्तमान बजट में प्रस्तावित है।

गौरतलब है कि प्रदेश में 1 जनवरी से 31 मार्च तक 'शुद्ध के लिए युद्ध' अभियान चलाया जा रहा है। इसमें छह विभागों की टीमें आपस में समन्वय कर खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने का प्रयास कर रही है। बैठक में खाद्य सुरक्षा आयुक्त सुनील कुमार शर्मा व सम्बंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।