बीजेपी विधायक की अपनी ही पार्टी की महिला नेता पर अभद्र टिप्पणी कितनी जायज? हर तरफ निंदा, स्पेशल रिपोर्ट


जयपुर/ नई दिल्ली(Special report). लगता है भाजपा के नेता अपने ही चुनावी वादों और मुद्दों से भटक गए हैं. महिला सुरक्षा और सम्मान के नाम पर उनके स्वाभिमान की रक्षा करने का वादा करने वाले भाजपा नेता ही पार्टी लाइन से भटक गए हैं. राजस्थान बीजेपी के एक विधायक ने 22 अगस्त 2019 को अपनी ही पार्टी की एक महिला नेता पर अभद्र टिप्पणी कर दी. जयपुर के सांगानेर से बीजेपी के विधायक अशोक लाहोटी ने पार्टी नेता सुमन शर्मा को लेकर ऐसी टिप्पणी कर दी, जो अभद्र थी. खास यह कि जिस समय विधायक ने टिप्पणी की, सुमन शर्मा भी मौजूद थीं. इतना ही नहीं सुमन शर्मा पर इस दौरान की गई टिप्पणी का असर यह हुआ कि ना केवल पूर्व महिला आयोग अध्यक्ष खुद सुमन शर्मा असहज हो गई बल्कि साथ बैठी महिला कार्यकर्ता भी शर्मिदंगी महसूस करने लगीं. लाहोटी ने गहलोत सरकार के कार्यकाल में कानून-व्यवस्था के गिरते स्तर पर बीजेपी द्वारा आयोजित प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार को लगता है कि मामला संवेदनशील है, सरकार को लगता है कि महिलाओं को न्याय दिलाना है, तो सरकार का प्रतिनिधि आए और यहां पर आकर ज्ञापन ले और उस पर कार्रवाई करे. सरकार को लेकर बोलते-बोलते लाहोटी ने ट्रैक बदला और सुमन शर्मा को लेकर बोलना शुरू कर दिया. उन्होंने सुमन शर्मा को संबोधित करते हुए कहा कि 'आप पीछे से पेंट खींच रही हो. मैं आपको 354 की जगह कौन सी लगाऊं, यह बताओ. लाहोटी इतने पर ही नहीं रुके. लाहोटी ने कहा कि आपका तो कालीचरण आंचल खींच रहे थे. आप कुछ लगाओगी नहीं. मैं क्या लगाऊं?' इस तरह की टिप्पणी करने के बाद शायद लाहोटी को गलतबयानी का एहसास हुआ और हालात संभालने की कोशिश में उन्होंने तुरंत ही सुमन शर्मा को बड़ी बहन भी बता दिया. दरअसल यह स्थिति तब उत्पन्न हुई जब लाहोटी का भाषण लम्बा हो गया था और सुमन शर्मा उन्हें भाषण समाप्त कर अगले वक्ताओं को मौका देने का आग्रह कर रहीं थीं. मसला यह नहीं है कि यह टिप्पणी मजाक में की गई या गंभीरता से, विषय यह है कि जो बीजेपी महिला सम्मान की दुहाई देती आई है उसी के नेता सार्वजनिक मंच पर ऐसा करें तो कैसे चलेगा? बात 2018 की है, जब राजस्थान की एक चुनावी सभा में बातों-बातों में जनता दल (यू) के नेता शरद यादव ने राजस्थान की दिग्गज महिला नेता और तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर एक अभद्र टिप्पणी की थी. बकौल शरद यादव 'वसुंधरा को आराम दो, बहुत थक गई हैं. बहुत मोटी हो गई है, पहले पतली थी. हमारे मध्य प्रदेश की बेटी है.' शरद यादव के लिए यह लफ्ज महज मजाक भर थे, पर वसंधुरा राजे ने कड़ा एतराज़ जताते हुए कहा कि वे इस बयान से अपमानित महसूस कर रही हैं. वसुंधरा राजे ने कड़ी आपत्ति जताई थी और यादव के इस बयान पर असहज, दुखी भी हुईं थीं. वजन बढाना घटाना एक अलग बात है लेकिन क्या एक सभ्य समाज में इस तरह से महिलाओं पर टिप्णियां ठीक कही जा सकती हैं? शायद बिल्कुल नहीं. अपने वजन, अपने पहनावे, अपने रूप रंग, काम करने के तरीके या बर्ताव को लेकर भी अकसर महिलाएं और महिला राजनेता आए दिन भारत में पुरुष नेताओं के हाथों अश्लील, अभद्र, अशोभनीय, असभ्य और तौहीन भरी  टिप्पणियों की शिकार होती रही हैं. एक अन्य मामले में वर्ष 2012 में गुजरात चुनावों के नतीजों पर चल रही एक टीवी बहस के दौरान कांग्रेस सांसद संजय निरुपम ने स्मृति ईरानी को कहा था, 'कल तक आप पैसे के लिए ठुमके लगा रही थीं और आज आप राजनीति सिखा रही हैं.' तक भी भाजपा ने जमकर शोर मचाया था और संजय निरुपम के खिलाफ मोर्चा खोला था कि एक महिला के खिलाफ ऐसी टिप्पणियां असहनीय और अशोभनीय हैं. स्मृति ईरानी ने भी इस पर दुख व्यक्त किया था, और इसे महिला सम्मान के खिलाफ बताते हुए मीडिया में काफी मामला उछाला. हाल में जुलाई 2019 में संसद में ट्रिपल तलाक बिल पर बहस के दौरान आज़म ख़ान ने उस वक्त चेयर पर बैठीं बीजेपी सांसद रमा देवी के लिए ऐसी टिप्पणी कर डाली जिसे लेकर सदन के अंदर और बाहर खूब नाराजगी देखने को मिली. पार्टी लाइन से हटकर महिला सांसदों ने आज़म ख़ान की टिप्पणी को अभद्र और आपत्तिजनक बताते हुए उनकी निंदा की. बीजेपी ने सदन के बाहर और अंदर जमकर नाराजगी जताई. उधर कांग्रेस अब इस मुद्दे को भुनाने में जुट गई है. राजस्थान कांग्रेस की प्रवक्ता और उपाध्यक्ष अर्चना शर्मा ने कहा कि बीजेपी का चाल, चरित्र और चेहरा किसी से छुपा नहीं है. पहले भी ऐसी वाह्याद बयानबाजी बीजेपी नेताओं की ओर से की जाती रही है, लाहोटी की टिप्प्णी शर्मनाक है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि एक वरिष्ठ भाजपा नेता जो खुद राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रहते हुए महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ीं, उन पर जयपुर के सांगानेर क्षेत्र से बीजेपी विधायक अशोक लाहोटी की यह टिप्पणी कितनी जायज है? खासकर उनका नाम एक अन्य पार्टी के ही विधायक के साथ सार्वजनिक मंच पर जोड़ना क्या शोभनीय है? देखना होगा बीजेपी सांसद रमा देवी, वसुंधरा राजे और स्मृति ईरानी पर अभद्र टिप्पणी के मामले में सड़कों पर आकर विरोध जताने और कार्रवाई की मांग करने वाली भाजपा अब इस मामले में क्या कदम उठाती है, ताकि पार्टी में बेहतर अनुशासन का मैसेज दिया जा सके.