सियासी संकट के बीच गहलोत ने दिखाई ताक़त, अब सचिन पायलट के दावे पर सवाल, इनकम टैक्स विभाग की 'सियासी एंट्री'


जयपुर. राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार पर से फिलहाल संकट टल गया है, यहां सत्ता में बने रहने के लिए जो नम्बर गेम गहलोत को चाहिए वो फिलहाल उनके पास नजर आ रहा है. बावजूद इसके सरकार को अस्थिर करने की साजिशें अभी भी सक्रिय मानी जा रही है. ऐसे में गहलोत ने आलाकमान से हरी झण्डी मिलने के बाद फिर से कांग्रेस और समर्थित निर्दलीय विधायकों की बाड़ेबंदी का फैसला किया है. होटल फेयरमाउंट में इस बाड़ेबंदी की व्यवस्था की गई है. अशोक गहलोत के निवास पर आयोजित कांग्रेस विधायक दल की बैठक में करीब 107 विधायक इस बैठक में शामिल हुए. सरकार में बने रहने के लिए अशोक गहलोत को 101 विधायकों का समर्थन चाहिए. गहलोत सरकार के मंत्रियों ने दावा किया है कि उनके पास 109 विधायकों का समर्थन है. इसके बाद पायलट का दावा कितना सच है इस पर सवाल उठा है. पायलट ने अपने पास तीस विधायकों का समर्थन होने और सरकार के अल्पमत में होने का दावा किया था.

बाड़ेबंदी के फैसले से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी अविनाश पाण्डे, राज्यसभा सांसद केसी वेणुगोपाल, रणदीप सुरजेवाला के नेतृत्व में सीएम आवास पर विधायक दल की बैठक हुई. बैठक में सरकार को बचाए रखने के मामले में हालांकि सीएम अशोक गहलोत अपने चिर परिचित अंदाज में विक्ट्री साइन के साथ खुद की सरकार को सेफ बताने का दावा करते नजर आए लेकिन अंदरखाने कहीं ना कहीं सरकार को खतरा बना हुआ है. इससे भी गहलोत अंजान नजर नहीं आए, और विधायक दल की बैठक के बाद सीधा होटल फेयरमाउंट में बाड़ेबंदी का फैसला किया.

हालांकि जो विधायक बैठक में नहीं आए उनके खिलाफ एक प्रस्ताव भी पारित किया गया. जिसमें कांग्रेस सरकार या पार्टी विरोधी गतिविधि करता है या ऐसे षडयंत्र में संलिप्त है, तो उनके खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए. कांग्रेस विधायक दल एकमत से राजस्थान की जनता की सेवा के प्रति संकल्पबद्ध है. इस पूरे मसले पर कांग्रेस नेता रणदीप सूरजेवाला ने बैठक के दौरान विधायकों के बीच जल्द राजनीतिक नियुक्तियों और मंत्रीमंडल विस्तार का भी आश्वासन दिया. और तीस दिन के भीतर इस कार्य को पूरा करने का आश्वासन दिया. वहीं सूरजेवाला ने पायलट से आग्रह भी किया की वो अपनी बात को उचित मंच पर रखें और मन में नाराजगी हो तो दूर करें.

सुरजेवाला ने कहा, 'व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा हो सकती है लेकिन राजस्थान को लोगों की भलाई सबसे बड़ी है. मैं सभी विधायकों, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से अपील करता हूं कि इस विधायक दल की बैठक में शामिल हों.'

पूरे घटनाक्रम में सबसे चर्चित सचिन पायलट के खेमे के लोगों की गुरुग्राम में बाड़ेबंदी या मौजूद होने की खबरें दिनभर चलती रहीं. विधायक दल की बैठक में दावा किया गया कि 105 प्लस विधायक बैठक में पहुंचे वहीं पायलट ने अपने पास तीस विधायकों का समर्थन होने का दावा किया. इस पूरे मसले पर कांग्रेस नेताओं की सचिन पायलट से बातचीत जारी है. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ कई वरिष्ठ नेताओं को पायलट को मनाने का जिम्मा सौंपा गया है. बड़ी बात यह रही कि राजस्थान कांग्रेस दफ्तर में पहले तो राजस्थान उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के पोस्टर और होर्डिंग हटा दिए गए और वापस इनको लगाया भी गया.

सूत्रों की माने तो पायलट खेमे से रमेश मीणा, राकेश पारीक, मुरारी लाल मीणा, जीआर खटाना, इंद्राज गुर्जर, गजेंद्र सिंह शक्तावत, हरीश मीणा, दीपेंद्र सिंह शेखावत, भंवर लाल शर्मा, इंदिरा मीणा, विजेंद्र ओला, हेमाराम चौधरी, पीआर मीणा, विश्वेंद्र सिंह, रामनिवास गावड़िया, मुकेश भाकर और सुरेश मोदी बैठक में शामिल नहीं हुए. वहीं विधायक खरीद फरोख्त मामले में एसीबी जांच में फंसे निर्दलीय विधायक सुरेश टांक, खुशवीर सिंह, ओमप्रकाश हुडला भी बैठक में नहीं पहुंचे.

 

पारित प्रस्ताव में यह लिखा:

राजस्थान की 8 करोड़ जनता ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को संपूर्ण बहुमत दे प्रदेश की सेवा, प्रगति व विकास की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस व कांग्रेस विधायक दल का हर साथी इस कर्तव्य को निभाने हेतु संकल्पबद्ध है. पिछले 15 वर्ष में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने जनहित व लोकसेवा के अनेकों क्रांतिकारी और निर्णायक कदम उठाए हैं और फैसलों का क्रियान्वयन किया है. इस मार्ग पर बढ़ते रहने के लिए कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस विधायक दल वचनबद्ध है. हाल में ही कोरोना महामारी व आर्थिक संकट से जूझने में राजस्थान की कांग्रेस सरकार द्वारा उठाए गए कदमों व निर्णयों की पूरे देश में प्रशंसा हुई. यहां तक कि केंद्र सरकार ने भी राजस्थान कांग्रेस सरकार द्वारा उठाए गए निर्णयों की अनुशंसा करते हुए उन्हें पूरे देश के लिए अनुकरणीय बताया.

कांग्रेस सरकार के बेहतरीन कार्यों व जनसेवा से घबराकर भाजपा के नेतृत्व वाली षडयंत्रकारी ताकतों द्वारा कांग्रेस की राज्य सरकार को अस्थिर करने, विधायकों की खरीद-फरोख्त करने, पैसों का प्रलोभन दे निष्ठा खरीदने, धनबल व सत्ताबल का दुरुपयोग कर प्रजातंत्र की हत्या करने का षडयंत्र किया जा रहा है. दुर्भाग्य की बात यह है कि हाल में ही हुए राज्यसभा चुनावों की करारी हार के बावजूद भाजपा ने कोई सबक नहीं लिया और भ्रष्ट तरीकों से कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने का षडयंत्र बदस्तूर जारी है. कांग्रेस विधायक दल की यह बैठक इन षडयंत्रकारी मनसूबों की घोर निंदा करते हुए सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित करती है कि भाजपा के द्वारा प्रजातंत्र का चीरहरण करने का यह षडयंत्र राजस्थान की 8 करोड़ जनता के जनमत का अपमान है, जिसे राजस्थान का मानुष कभी स्वीकार नहीं करेगा. कांग्रेस विधायक दल की यह बैठक कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी और हमारे नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में संपूर्ण आस्था व विश्वास प्रकट करती है.

विधायक दल की यह बैठक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का एकमत से संपूर्ण समर्थन करती है. कांग्रेस विधायक दल की यह बैठक कांग्रेस पार्टी व कांग्रेस सरकार को कमजोर करने वाले सभी अलोकतांत्रिक कुकृत्यों की कठोर शब्दों में निंदा करती है और यह मांग करती है कि कांग्रेस का कोई पदाधिकारी या विधायक दल का कोई सदस्य अगर प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कांग्रेस सरकार या पार्टी विरोधी गतिविधि करता है या ऐसे षडयंत्र में संलिप्त है, तो उनके खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए. कांग्रेस विधायक दल एकमत से राजस्थान की जनता की सेवा के प्रति संकल्पबद्ध है.

 

गहलोत के करीबियों पर छापे:

राजस्थान में इस पूरे सियासी नाटक के बीच एक बड़ी खबर तब चर्चा में आई जब गहलोत के करीबी नेताओं पर आयकर विभाग ने रेड डाल दी. कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष और आम्रपाली ज्वैलरी फर्म के राजीव अरोड़ा के साथ ही कांग्रेस नेता धर्मेंद्र राठौड़ के यहां आयकर विभाग ने छापे मार दिए. राजस्थान, दिल्ली और महाराष्ट्र में कई ठीकानों पर एक साथ यह कार्रवाई की गई. माना जाता है दोनों ही गहलोत के बेहद खास हैं और चुनाव प्रबंधन के साथ फंडिंग का काम भी देखते हैं. इतना हीं नहीं आयकर विभाग के साथ ईडी ने भी जयपुर के पास कूकस में होटल फेयरमाउंट में भी छापा मार दिया. अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत के करीबी का यह होटल है. और भी लोगों पर यह कार्रवाई हो सकती है. कांग्रेस ने इस तरह की कार्रवाई की निंदा की.