जब राजस्थान की सरकार अपने पैसे से प्रोजेक्ट को बनाना चाह रही है, तो हमारी सरकार को प्रोजेक्ट बनाने से रोक रहे हैं: राहुल गांधी


कोटा। राहुल गांधी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि स्टेज पर कांग्रेस पार्टी के सब वरिष्ठ नेता, हमारे प्यारे कार्यकर्ता, भाईयों और बहनों, राजस्थान के युवाओं, किसान और मजदूर साथियों, प्रेस के हमारे मित्रों, आप सबका यहां बहुत-बहुत स्वागत, रात के समय आप यहां हमारी बात सुनने आए, इसके लिए मैं आप सबका दिल से धन्यवाद करता हूं। ये जो हमारी भारत जोड़ो यात्रा है, इसको हमने कन्याकुमारी में शुरू किया। इसके बाद केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और अब राजस्थान से ये निकली है और ये श्रीनगर में जाकर, जो हमारा तिरंगा है, इसको हम श्रीनगर में जाकर फहराएंगे। 3,700- 3,800 किलोमीटर के बीच की दूरी है। शुरू किया था तो हम सबको लगा था कि ये काफी मुश्किल सफर होगा, आसान नहीं होगा। 3,700 किलोमीटर चलना आसान नहीं होता है। पहले धूप थी, बारिश हुई, आंधी आई, अब थोड़ी ठंड हो रही है, मगर अजीब बात ये है कि ये सफर मुश्किल नहीं लग रहा है, काफी आसान है। आप हमारे यात्रियों से पूछिये, जो भी इस यात्रा में चल रहा है, 25-26 किलोमीटर हम चलते हैं, 7-8 घंटे चलते हैं मगर थकान किसी को नहीं होती और शुरूआत से मैं सोच रहा हूं कि इसका कारण क्या है? आमतौर से 5-10 किलोमीटर चलते हैं, थकान हो जाती है, मगर इसमें हम 25-26 किलोमीटर चल रहे हैं, थकान नहीं हो रही है और इसका कारण है कि आप लोगों ने, हिन्दुस्तान की जनता ने इस यात्रा को अपना प्यार, अपना समर्थन और अपनी पूरी शक्ति दे दी है और आपने हमारी मदद की है, हमारा काम आसान बनाया है, तो इसके लिए भी मैं आप सबका दिल से धन्यवाद करना चाहता हूं, यात्रा का लक्ष्य मैं आपको बताना चाहता हूं। हिन्दुस्तान एक लोकतांत्रिक देश है। इसमें अलग-अलग संस्थाएं, लोकतंत्र की रक्षा करती हैं। इसमें हमारी विधानसभाएं हैं, लोक सभा, राज्य सभा, जुडिशियरी। जैसे अभी गहलोत जी ने कहा मीडिया, जो चौथा स्तम्भ, माना जाता है, इन सबका काम लोकतंत्र की रक्षा करने का होता है। मगर आज के हिन्दु‍स्तान में बीजेपी ने, आरएसएस ने इन सबको दबा दिया है और इन सबके अंदर अपने लोगों को इन्होंने बैठा दिया है। पार्लियामेंट में हम भाषण करना चाहें, चाहे वो नोटबंदी के बारे में हो, चाहे वो जीएसटी के बारे में हो, किसानों के लिए काले कानून के बारे में हो, चीन, जिसने हमारी जमीन ले ली, उसके बारे में हो, हमारा माईक ऑफ कर दिया जाता है, हमें बोलने नहीं देते। हम चिल्लाते रहते हैं पार्लियामेंट हाऊस में, वीडियो कैमरा हमारी ओर आता ही नहीं है। स्पीकर राजस्थान के हैं, लोकसभा टीवी को उनका चेहरा बहुत अच्छा लगता है, 24 घंटे उनका चेहरा दिखाते रहते हैं और जो हम कहते हैं, वो कोई सुन नहीं पाता है, इसलिए हमने सोचा कि हमारे लिए एक ही रास्ता है इन सड़कों पर चलकर, आपसे बातचीत करके आपको जो हिंदुस्तान की सच्चाई है, वो बताना, तो ये है लक्ष्य यात्रा का। अभी-अभी गहलोत जी ने एक बात बोली और मैं उनसे सहमत हूं, मगर मैं उसमें एक चीज जोड़ना चाहता हूं। गहलोत जी ने कहा कि जो हमारे मीडिया हैं, वो अपना काम नहीं कर रहे हैं, जो चौथा स्तम्भ का काम होता है, जिम्मेदारी होती है, उसको पूरा नहीं कर रहे हैं। वो सही बोल रहे हैं, मगर यहां, जो हमारे मीडिया के मित्र आए हैं और मैं यहां कहना चाहता हूं कि जो लोग भीड़ में हैं, आपको गलतफ़हमी नहीं होनी चाहिए। ये इनकी गलती नहीं हैं, ये अपना काम करने की कोशिश करते हैं, ये रिपोर्टिंग करने की कोशिश करते हैं, मगर इनके जो मालिक हैं, उन्होंने इनके पीछे एक लगाम सी बांध रखी है, तो ये अपना काम पूरा नहीं कर सकते हैं, तो गलती इनकी नहीं हैं, ज़रूर ये थोड़ा और कर सकते हैं और करना चाहिए मगर इनका कंट्रोलर, इनका रिमोट कंट्रोल, जैसे टीवी का रिमोट कंट्रोल होता है, वो इनके हाथ में नहीं है, वो इनके जो मालिक हैं उनके हाथ में है और सरकार में, जो आपका दिल्ली में राज करते हैं, उनके हाथ में हैं। तो ये मैं अशोक गहलोत जी की बात को थोड़ा बढ़ावा देना चाहता था। हिन्दुस्तान के सामने 2-3 बड़े मुद्दे हैं, सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी का और महंगाई का। जो रोजगार देने का सिस्ट‍म हैं, वो जो स्मॉल और मीडियम बिजनेस चलाते हैं, जो छोटे व्यापारी होते हैं, वो लोग देते हैं। रोजगार जो 3-4 अरबपति हैं हिन्दुस्तान में, वो रोजगार नहीं देते हैं और जब नरेंन्द्र मोदी जी ने नोटबंदी की और गलत जीएसटी लागू की, तो जो छोटे व्यापारी हैं, जो स्मॉल और मीडियम बिजनेस चलाते हैं, जो देश को रोजगार देते है, उनकी रीढ़ की हड्डी टूट गई और सच्चाई आज ये हैं कि देश अगर चाहे भी अपने युवाओं को रोजगार नहीं दे सकता। तो सबसे बड़ा मुद्दा, देश के सामने ये है। दूसरा मुद्दा महंगाई हैं। इंटरनेशनल मार्केट में पेट्रोल और डीजल के दाम ऊपर जाएं या नीचे जाएं, हिन्दुस्तान में पेट्रोल और डीजल के दाम ऊपर ही जाते हैं, चाहे कुछ भी हो जाए। इंटरनेशनल मार्केट में तेल के दाम गिर जाएं, मगर उसका फायदा हिन्दुस्तान के गरीब लोगों को नहीं मिलता, फायदा 3-4 बड़े उद्योगपतियों को मिलता है। आपको याद होगा यूपीए के समय पेट्रोल के दाम 60 रूपए के थे, याद है आपको, याद है? (जनता ने कहा- हाँ), 60 रुपए के थे, आज क्या है- आज 107 रुपए है। तो आपको ये सवाल पूछना है कि ये जो पैसा है, जो आपकी जेब में से निकल रहा है, ये कहां जा रहा है, ये किसकी जेब में जा रहा है? (जनता ने कहा कि अडानी- अंबानी की जेब में) ये। देखिए भईया, देखिए, आपको ये सब व्यापारियों की जेब में नहीं जा रहा, क्योंकि जीएसटी, नोटबंदी ने व्यापारियों की जेब में से पैसा निकाला। ये चुने हुए 2-3-5 लगा लो, ये 4-5 उद्योगपति हैं, हिन्दुस्तान में। इनको सब एयरपोर्ट मिलते हैं, रेलवेज़ इनको मिलेगी, बीएचईएल, एचएएल, ये जो सरकारी कंपनियां है, एक-एक करके प्राईवेटाइजेशन करके इनको मिलेंगी। इंफ्रास्ट्रक्चर का काम ये करते हैं, अनाज का स्टोरेज का काम ये करते हैं, बिजली का पावर जनरेशन का काम ये करते हैं, तो सारा का सारा फायदा इन्हीं 4-5 लोगों को जाता है। आज कल प्रधानमंत्री जी सेना की बात करते हैं। जो भी कॉन्ट्रैक्ट्स, हथियार के कॉन्ट्रैक्ट्स हैं, इन्हीं 4-5 लोगों को जाते हैं। तो पूरा का पूरा फायदा 4-5 लोगों को हो रहा है। वो लाखों करोड़ रुपए कर्जा ले सकते हैं, उनका एक सेकेंड में कर्जा माफ हो जाता है और अगर हमारा किसान 50 हजार रुपए का कर्जा माफ करवाना चाहे, एक लाख रुपए का कर्जा माफ करवाना चाहे, तो ये लोग उसका कर्जा नहीं माफ कर सकते। हमने आपसे वादा किया था, आपको याद होगा कि किसानों का कर्जा माफ होगा, याद है, आपको? (जनता ने कहा- हाँ) किया न? (जनता ने फिर से कहा- हाँ)। तो जो हम कहते हैं, हम करके दिखा देते हैं। हमने कहा था, किसानों का कर्जा माफ होगा, 22 लाख किसानों का कर्जा माफ किया। आज हम चाय पी रहे थे, सुबह। किसान के घर में हमने चाय पी। किसान आया, मुझसे गले लगा, और मुझसे कहा कि राहुल जी, आपने हमारा कर्जा माफ किया, आपने हमारी जिंदगी बदल दी, इसलिए मैं आपको दिल से धन्यवाद करता हूँ और ऐसे 22 लाख लोग हैं। 8 लाख किसान हैं, राजस्थान में। जिनको बिजली का बिल देना नहीं पड़ता, एक रुपया नहीं देना पड़ता और चिरंजीवी योजना के बारे में तो आप जानते हो, जानते हो? (जनता ने कहा- जानते हैं) 28 लाख बेनेफीशरीज़ को 10 लाख रुपए का बीमा, बिल्कुल फ्री, कोई भी ऑपरेशन करवाना हो, दिल का ऑपरेशन करवाना हो, कैंसर का इलाज करवाना हो, ट्रांसप्लांट करवाना हो, राजस्थान में हमारी सरकार फ्री में करवाती है। पहले गांव में मनरेगा होती थी, राजस्थान पहला स्टेट है, जहाँ पर अब शहरों में हम मनरेगा जैसी योजना लाए। तो हम जो कोशिश कर सकते हैं, ये काम हमने छत्तीसगढ़ में भी किया, मध्य प्रदेश में भी किया, पंजाब में भी किया था, हम जो कर सकते हैं, हम करते हैं, मगर दुःख की बात है कि जो दिल्ली की सरकार है, वो गरीबों पर, छोटे व्यापारियों पर, किसानों पर, मजदूरों पर 24 घंटे आक्रमण करती है। मैं आपको एक और उदाहरण देता हूँ। आपके स्टेट का उदाहरण देता हूँ। यहाँ पर आपका सिंचाई का प्रोजेक्ट था, 23 डिस्ट्रिक्ट्स में पानी देने का, ईआरसी, (ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट) जिससे 13 डिस्ट्रिक्ट्स को सिंचाई का और पीने का पानी मिलता। स्टेट की सरकार ने 9,500 करोड़ रुपए इस प्रोजेक्ट के लिए अलग रखे हैं। अब प्रधानमंत्री ने वादा किया था कि इसी प्रोजेक्ट को वो नेशनल प्रोजेक्ट बनाएंगे। कितनी बार किया था वादा- 2 बार। अपने भाषणों में हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री ने राजस्थान के 13 डिस्ट्रिक्ट्स को वादा किया था कि ये जो सिंचाई का प्रोजेक्ट है, इसको हम नेशनल प्रोजेक्ट बनाएंगे और जल्दी से जल्दी इसको हम पूरा करेंगे। उन्होंने उसको कैंसिल कर दिया और अब जब राजस्थान की सरकार अपने पैसे से प्रोजेक्ट को बनाना चाह रही है, तो हमारी सरकार को प्रोजेक्ट बनाने से रोक रहे हैं। तो ये है, हालत। नफरत और हिंसा के बारे में तो आप हर रोज देखते हो। देश को बांटने का काम करते हैं, भाई को भाई से लड़ाने का काम करते हैं, नफरत फैलाते हैं। तो ये तीन लक्ष्य हैं, यात्रा के। नफरत और हिंसा के खिलाफ खड़ा होना, बेरोजगारी, महंगाई के खिलाफ़ खड़ा होना और जो हमारे गरीब लोग हैं, किसान हैं, मजदूर हैं, छोटे दुकानदार हैं, बेरोजगार युवा हैं, उनकी बात सुनना और समझना। देखिए, अभी मैंने 10 मिनट भाषण दिया है, गहलोत जी ने 5-7 मिनट बोला, सचिन ने 5-7 मिनट बोला। सुबह 6 बजे से हम पैदल चल रहे हैं। घंटों चले हैं, हम। हम बोलते नहीं हैं, हम आपकी बात सुनते हैं। हमारे पास जो भी आना चाहता है, आ जाता है। चाहे वो किसान हो, युवा हो, माताएं- बहनें, मनरेगा के मजदूर, छोटे दुकानदार, जो भी इन सड़कों पर हमसे बात करना चाहते हैं, आ सकते हैं, आ जाते हैं। देखिए, ये लड़की हाथ उठा रही है, इससे जाकर अभी हम बात करेंगे (भीड़ में से एक लड़की द्वारा मिलने के लिए हाथ उठाने पर कहा)। जो भी बात करना चाहता है, आता है। हम प्यार से उनकी बात सुनते हैं। 7-8 घंटे सुनते हैं और फिर अंत में अपनी बात 15 मिनट के लिए रखते हैं। आपने इतना समर्थन दिया, इतना प्यार दिया, मैं आपको बता ही नहीं सकता हूँ। सिर्फ राजस्थान में ही नहीं, हर स्टेट में मैं आपको बता नहीं सकता, कितने लोगों ने हमारी मदद की। कितने लोगों ने पानी दिया, कितने लोगों ने चाय पिलाई, हमारे लोग गिरे, किसी को चोट लगी, कितने लोगों ने मदद की, पट्टी बांधी, अस्पताल तक ले गए। तो पूरे हिंदुस्तान ने इस यात्रा की मदद की है, प्यार दिया है। तो इसके लिए मैं आपको दिल से धन्यवाद करना चाहता हूँ और आपका एक बार फिर रात के समय आप आए, एक बार फिर आपको इसके लिए भी धन्यवाद करना चाहता हूँ।