राहुल गांधी सेफ जोन में? कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव जून तक टाला


नई दिल्ली. कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव अब पांच राज्यों के विधान सभा चुनावों के बाद होगा. यानी एक बार फिर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव टल गया है. अब जून 2021 में कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाएगा. कांग्रेस कार्य समिति में शुक्रवार को यह फैसला लिया गया. इससे पहले पार्टी की बैठक में दो गुटों के बीच गर्मागरम बहस हुई तो राहुल गांधी को दखल देना पड़ा. सीडब्ल्यूसी की बैठक में वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद, आनंद शर्मा, मुकुल वासनिक और पी चिदंबरम ने कथित तौर पर तत्काल संगठनात्मक चुनाव के लिए कहा. यह वही नेता हैं जिन्होंने कई चुनावों में हार के बाद हाल में पार्टी के नेतृत्व और प्रबंधन पर असहज सवाल उठाए थे.

बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पार्टी के शीर्ष निर्णय लेने वाले निकाय की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि सीडब्ल्यूसी ने फैसला किया है कि जून 2021 में एक नए निर्वाचित कांग्रेस अध्यक्ष को चुना जाएगा.

उधर राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अब जब भी राहुल दुबारा राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेंगे तो उनके नेतृत्व पर कोई सवाल ना उठे. इस लिहाज से देश के पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने का फैसला किया गया है. क्योंकि इन राज्यों में कांग्रेस को नुकसान की पूरी पूरी आशंका है और ऐसा होते ही एक बार फिर राहुल गांधी की लीडरशिप पर सवाल खड़ा होगा, और उनकी लीडरशिप फिर पार्टी में ही हमेशा के लिए नकार दिए जाने की पूरी आशंका होगी. ऐसे में सीडब्ल्यूसी ने बहुत ही सोच समझकर यह फैसला किया है ताकि हार का ठीकरा राहुल गांधी पर ना फूटे और राहुल गांधी की लीडरशिप पर भी सवाल ना उठें.

दरअसल केरल, पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडू, केन्द्र शासित पुड्डुचरी कहीं भी कांग्रेस मजबूत नहीं दिख रही है. ऐसे में यदि राहुल गांधी पार्टी के अध्यक्ष अभी बना दिए जाते हैं तो इस हार का जिम्मा नैतिक तौर पर भी राहुल गांधी को लेना होगा. वहीं पार्टी नेता और कार्यकर्ता भी इसका ठीकरा उनके सिर पर फोडेंगे. इतना ही नहीं नरेन्द्र मोदी की छवि को इस दौरान और मजबूत होने का मौका मिल जाएगा. ऐसे में कांग्रेस कोई गलती नहीं करना चाहती. और इसी दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है.