पाकिस्तान की आंखें चौंधिया गईं, भौचक्क-सा रह गया-मोदी


नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra modi) ने विवादास्पद अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को हटाए जाने पर कहा कि जिस व्यवस्थित और निर्बाध तरीके से सफलतापूर्वक हटाया, उससे न केवल पाकिस्तान परेशान है बल्कि वह समझ नहीं पा रहा हो क्या रहा है. पाकिस्तान की आंखें चौंधिया गईं, बल्कि वह भौचक्क-सा रह गया. प्रधानमंत्री ने कश्मीर और अपनी सरकार के 75 महत्वपूर्ण दिनों के बारे में IANS से बातचीत की. आम तौर पर प्रत्येक सरकार अपना रिपोर्ट कार्ड 100 दिनों पर सामने रखती है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने 75 दिनों पर ही अपना रिपोर्ट कार्ड सामने पेश किया है. प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमने अपनी सरकार बनने के चंद दिनों के भीतर ही एक अभूतपूर्व रफ्तार तय कर दी. हमने जो हासिल किया है, वह स्पष्ट नीति, सही दिशा का परिणाम है. हमारी सरकार के प्रथम 75 दिनों में ही ढेर सारी चीजें हुई हैं. बच्चों की सुरक्षा से लेकर चंद्रयान-2, भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई से लेकर मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक जैसी बुराई से मुक्ति दिलाना, कश्मीर से लेकर किसान तक हमने वह सबकुछ कर के दिखाया है, जो एक स्पष्ट बहुमत वाली दृढ़संकल्पित सरकार हासिल कर सकती है. हमने जल आपूर्ति सुधारने और जल संरक्षण को बढ़ावा देने के एकीकृत दृष्टिकोण और एक मिशन मोड के लिए जलशक्ति मंत्रालय के गठन के साथ हमारे समय के सर्वाधिक जरूरी मुद्दे को सुलझाने के साथ शुरुआत की.' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर में निवेश की संभावनाओं पर कहा है कि वह इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर के युवा राज्य को नई ऊंचाइंयों पर ले जाएंगे. पीएम ने इस इंटरव्यू में कहा, 'मुझे पूरा भरोसा है कि ये होकर रहेगा. यही नहीं, कई बड़े उद्यमियों ने अभी से ही जम्मू-कश्मीर में निवेश करने के प्रति अपना रुझान दिखाना शुरू कर दिया है. आज के दौर में एक बंद माहौल में आर्थिक प्रगति नहीं हो सकती. खुले दिमाग़ और खुले बाज़ार ये आश्वस्त करेंगे कि घाटी के युवा कश्मीर को प्रगति के रास्ते पर लेकर जाएं क्योंकि एकीकरण निवेश, अन्वेषण, और आमदनी को बढ़ावा देता है.' प्रधानमंत्री ने कहा कि 17वीं लोकसभा का प्रथम सत्र ने रिकॉर्ड बनाया है. यह 1952 से लेकर अबतक का सबसे फलदायी सत्र रहा है. 'मेरी नजर में यह कोई छोटी उपलब्धि नहीं है, बल्कि बेहतरी का एक ऐतिहासिक मोड़ है, जिसने संसद को जनता की जरूरतों के प्रति अधिक जवाबदेह बनाया है. कई ऐतिहासिक पहल शुरू की गई.