हिमाचल चुनाव से पहले डेरा ब्यास पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी, क्या है राजनीतिक समीकरण


अमृतसर। राजनीति से जुड़े कई दिग्गज डेरा ब्यास में हाजिरी लगाते हैं। यही वजह है कि उनके यहां पहुंचने के राजनीतिक मायने भी तलाशे जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को पंजाब दौरे के दौरान अमृतसर के ब्यास स्थित राधा स्वामी सत्संग के प्रमुख बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों से मुलाकात की। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा कई मायनों में अहम बताया जा रहा है।

दरअसल डेरा ब्यास का पंजाब के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश में भी काफी असर है। डेरा ब्यास के अनुयायी बड़ी संख्या में हिमाचल प्रदेश में भी मौजूद हैं। पंजाब चुनाव से पहले जब प्रधानमंत्री मोदी बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों से मुलाकात करने पहुंचे थे, तब भी इसके कई मायने निकाले गए थे।

गौरतलब है कि राधास्वामी डेरे की स्थापना 1891 में बाबा जैमल ने की थी। इस डेरे ने वैसे तो राजनीति से दूरी बनाकर रखी है, लेकिन बड़े स्तर पर इसके कई नेता समर्थक हैं। धर्मशाला के पालमपुर के परौर में डेरा ब्यास का सबसे बड़ा आश्रम है। इसकी जमीन को लेकर पिछले कई साल से विवाद चल रहा है। इसके अलावा सोलन में भी इसका बड़ा आश्रम है। इनमें पूर्व और मौजूदा मुख्यमंत्रियों के साथ ही विभिन्न दलों के दिग्गज नेता अक्सर हाजिरी लगाते रहते हैं। चुनाव आते ही पंजाब और हिमाचल में डेरा ब्यास के आश्रमों में नेताओं का पहुंचना शुरू हो जाता है। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी धर्मशाला और सोलन के राधा स्वामी सत्संग में कई बार शिरकत कर चुके हैं। मुख्यमंत्री कई मौके पर डेरा ब्यास की तारीफ कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि डेरा ब्यास हिमाचल में नौजवानों को नशा मुक्त करने के लिए बेहतरीन काम कर रहा है। जयराम ठाकुर से पहले मुख्यमंत्री रहे दिवगंत वीरभद्र सिंह भी डेरा के पक्ष में फैसले ले चुके हैं। 130 साल पुराना राधा स्वामी सत्संग ब्यास एक आध्यात्मिक केंद्र है। अमृतसर शहर से 43 किलोमीटर दूर ब्यास नदी के किनारे पर बनाया गया है। वर्तमान में दुनिया के 90 देशों तक डेरे का विस्तार किया जा चुका है। बाबा गुरिंदर सिंह राधा स्वामी ब्यास के पांचवे प्रमुख हैं। पिछले 32 सालों से वह डेरा प्रमुख की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।