पाकिस्तान से बड़ा बेवकूफ कोई नहीं, खुद का व्यापार ही चौपट करने में लगा


अनुच्छेद 370 हटने के बाद पाकिस्तान बेवकूफियों पर बेवफूफियां करता जा रहा है. बौखलाया पाकिस्तान मोदी सरकार के कदम से परेशान है.  
भारत के साथ व्यापार रोक कर पाक अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहा है. कपड़ा और दवा उद्योग तो उसका बर्बाद होगा ही उसके दूसरे उद्योग 
धंधों पर भी चौपट होने के आसार हैं. भारत कुल मिलाकर पाकिस्तान को जितना निर्यात करता है उसके एक-चौथाई से भी कम आयात करता है.
पाकिस्तान और भारत की सरकारों ने तक़रीबन 11 साल पहले नियंत्रण रेखा पर व्यापार की शुरुआत की थी. दोनों देशों ने 21 वस्तुओं के व्यापार की सूची तैयार की और उड़ी, मुज़फ़्फ़राबाद रोड और पुंछ, रावलकोट रोड को व्यापार के लिए खोल दिया.
कई दशकों के बाद यहां सामान से लदे ट्रकों के आने-जाने की शुरुआत हुई. व्यापारिक गतिविधियां बढ़ी. इतना ही नहीं इससे कश्मीरियों को एक-दूसरे से मिलने का, कारोबार का मौक़ा मिला और हज़ारों लोगों की रोज़ी-रोटी का ज़रिया भी बना. ये व्यापार सामान के आदान-प्रदान के बाद शुरू हुआ. लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने भारत के साथ व्यापार बंद करने की घोषणा की है. पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के नियंत्रण रेखा के पार होने वाला व्यापार पहले से ही बंद है. ऐसे में अब व्यापारिक हालात और बिगड़ने वाले हैं.
असल में पाकिस्तान में कपड़ा और दवा उद्योग तो काफी मजबूत है, लेकिन उसके लिए कच्चा माल भारत से जाता है. एक अंग्रेजी अखबार की 
माने तो वर्ष 2018-19 में पाकिस्तान ने भारत से 55.03 करोड़ डॉलर मूल्य का कपास और 45.77 करोड़ डॉलर मूल्य का ऑर्गेनिक 
केमिकल आयात किया था. यह दोनों उत्पाद ही पाकिस्तान द्वारा भारत से कुल आयात का करीब आधा हिस्सा रखते हैं. वर्ष 2018-19 में 
पाकिस्तान ने भारत से करीब 2.07 अरब डॉलर यानी करीब 14646 करोड़ रुपये की वस्तुओं का आयात किया था. कुछ इसी तरहा हाल के 
आंकड़ों पर नजर डालें तो अप्रैल से जून 2019 तक भारत ने पाकिस्तान को कुल 45.21 करोड़ डॉलर की वस्तुओं का निर्यात किया था, 
जिनमें 12.78 करोड़ डॉलर का ऑर्गेनिक केमिकल और 4.83 करोड़ डॉलर का कपास था. हालांकि, भारत से आयात के मामले में पाकिस्तान 
दक्ष‍िण एशिया के अन्य देशों जैसे श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल से पीछे है. कपास और ऑर्गेनिक केमिकल या कार्बनिक रसायन कपड़े और दवा के 
लिए प्रमुख कच्चे माल होते हैं. अगर इन उत्पादों का भारत से निर्यात बंद हुआ तो इससे खुद पाकिस्तान के टेक्सटाइल और फार्मा उद्योग को 
भारी नुकसान हो सकता है. यही नहीं, भारत से पाकिस्तान को होने वाला करीब 82 फीसदी निर्यात कच्चा माल या इंटरमीडिएट वस्तुओं के रूप में 
होता है. जो पाकिस्तान के इस कदम से चौपट हो सकता है.

पुलवामा के बाद भारत ने सख्ती दिखाते हुए बढ़ा दिया था टैक्स 
पुलवामा के बाद 200 प्रतिशत सीमा शुल्क लगाए जाने के बाद आयात में कमी आई है। आतंकवादी हमले के बाद 16 फरवरी को पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी आर्थिक कार्रवाई करते हुए भारत ने पड़ोसी देश से आयातित सभी वस्तुओं पर सीमा शुल्क बढ़ाकर 200 प्रतिशत कर दिया था।