'कांग्रेस विलुप्त हो रही है, सोनिया के पुत्रमोह के चक्कर में सबकुछ बिखर गया है'- पंकज शंकर


नई दिल्ली. 'राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस धीरे-धीरे खत्म हो रही है. सोनिया गांधी के पुत्रमोह के चक्कर में सबकुछ बिखर गया है' यह कहना है गांधी परिवार के सबसे करीबी लोगों में शामिल पंकज शंकर का.

गांधी परिवार के करीबी रहे पंकज शंकर ने राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए जमकर कांग्रेस लीडरशिप को कोसा और कहा कि यही हालात रहे तो कहीं कांग्रेस पार्टी विलुप्त ना हो जाए. राजीव गांधी, इंदिरा गांधी के बाद एक्टिव रुप से 1991 से गांधी परिवार से जुड़े पंकज शंकर ने एबीपी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में पहली बार गांधी परिवार के खिलाफ जुबान खोलते हुए ऐसे कड़वा सच बोला कि कई लोगों की नींद उड़ गई है. बड़ी बात यह है कि गांधी परिवार और कांग्रेस की इस दुर्गति पर जल्द ही पंकज शंकर एक बेव सीरिज भी ला रहे हैं. पंकज शंकर ने कहा कि 'अपनी बातें एक छोटी फिल्म के माध्यम से रखूंगा, जिसमें बताउंगा की मुल्क की नब्ज क्या है, लोग क्या सोचते हैं.'

पंकज शंकर के बयान की 10 बड़ी बातें

1- राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस धीरे-धीरे खत्म हो रही है.

2- राहुल गांधी के काम करने का जो तरीका है वो कांग्रेस में संभाल नहीं पा रहा है.

3- मोदी से पहले कांग्रेस 10 साल सत्ता में रही लेकिन वो एक मजबूत, पावरफुल लीडर इंदिरा गांधी पर एक फीचर फिल्म तक नहीं बना पाए हैं.

4- 2004 में राहलु गांधी एक्टिव पॉलिटिक्स में लान्च हुए, पन्द्रह साल राहुल गांधी को राजनीति में आए हुए हो चुके हैं, मुझे ऐसा अहसास होता है कि राहुल गांधी की इंटर्नशिप अभी तक खत्म नहीं हुई है.

5- राहुल गांधी ने एनएसयूआई, यूथ कांग्रेस, संगठन से लेकर अमेठी में सब जगह एक्सप्रिमेंट किए, जो सफल नहीं हुए. और यदि ऐसे ही एक्सप्रिमेंट करते रहे तो कांग्रेस ही खत्म हो जाएगी. दो बार लोकसभा चुनाव हार गए हैं. आखिर और कितने मौके राहुल गांधी को दिए जाएंगे.

6- सोनिया गांधी के पुत्रमोह के चक्कर में सबकुछ बिखर गया, इस चक्कर में प्रियंका गांधी जैसे मजबूत लीडर को आगे लाने में भी अड़चने आ रही हैं.

7- क्या कभी आलाकमान ने सोचा है जो गांव में बैठे हुए वर्कर हैं, उन पर ऐसी परिस्थितियों में क्या गुजरती होगी. कांग्रेस वर्किंग कमेटी की हमारे यहां यह स्थिति है कि हमारा कांग्रेस प्रसिडेंट दस मिनट बाद क्या कर देगा? कुछ पता नहीं.

8- पहले हर एक गांव में बजरंग बलि की मूर्ति और एक कांग्रेसी होता था, लेकिन अब बडी मुश्किल से कांग्रेस का झंडा मिलता है. कांग्रेस छोडकर कोई नहीं जाता, हालात ऐसे बना दिए जाते हैं कि वो मजबूरन निकल जाता है.

9- राहुल गांधी की ओर इशारा करते हुए पंकज शंकर ने कहा कि वो किसी की सुनते ही नहीं हैं, अपनी सोच से चलते हैं, बस सो कॉर्ल्ड एक्सपर्ट ने उनको घेर रखा है, रियलिटी से कोई वास्ता ही नहीं. उनके आसपास कुछ लोगों की एक कोटरी बनी हुई है. राम जन्म भूमि जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर कोई पार्टी लाइन ही नहीं है. ऐसे में कैसे मजबूत विपक्ष के रुप में अपनी भूमिका निभाएंगे.

10- सबसे बड़ी कमी कम्यूनिकेशन की है. आप कम्यूनिकेट ही नहीं करना चाहते. लोगों से मिलने जुलने में परहेज है. जब तक लीडरशिप इंटरेक्ट नहीं करेगी तो कैसे समझेगी कि मुल्क की क्या आवश्यकता है. टेलेन्टेड लोगों की कमी कहां हैं, आज पूरे देश में प्रियंका कार्यकर्ताओं की पसंद है लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा.