पाकिस्तान में बिजली संकट, भारत से मदद मांगने दिल्ली आएगा पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल


नई दिल्ली।​ बिगड़े आर्थिक हालातों के बीच पाकिस्तान बिजली संकट से जूझ रहा है. कई इलाकों में बिजली गुल है और कई हिस्सों में बिजली कटौती हो रही है। कई पावर प्लांट तय क्षमता के मुताबिक बिजली उत्पादन में पस्त हो चुके हैं। इसी बीच पाकिस्तान का पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल 30 मई को नई दिल्ली का दौरा करेगा। दोनों देश सिंधु जल संधि से जुड़े 3 हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स पर चर्चा करेंगे। इनमें से एक परियोजना की विद्युत उत्पादन क्षमता 1,000 मेगावाट है। दूसरे की क्षमता 48 मेगावाट और तीसरे की विद्युत उत्पादन क्षमता 624 मेगावाट है।

इस 118वीं द्विपक्षीय बैठक में दोनों पक्ष फ्लड इन्फॉर्मेशन और सिंधु जल के स्थायी आयोग (PCIW) की सालाना रिपोर्ट पर भी चर्चा करेंगे। पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल झेलम और चिनाब नदी पर बन रही किसी भी हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स का दौरा नहीं करेगा। हालांकि, दोनों पक्ष कुछ परियोजनाओं पर भी बातचीत करेंगे, जो पाकिस्तान के व्यूपॉइंट से सिंधु जल संधि 1960 के प्रावधानों के मुताबिक नहीं हैं। सिंधु जल पर पाकिस्तान के कमिश्नर सैयद मेहर अली शाह के मुताबिक PCIW स्तर पर यह 118वीं द्विपक्षीय बैठक होगी, इससे पहले 2-4 मार्च, 2022 को इस्लामाबाद में तीन दिवसीय वार्ता हुई थी।

बता दें कि सिंधु जल संधि पानी के बंटवारे की वह व्यवस्था है जिस पर 19 सितंबर, 1960 को तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने कराची में हस्ताक्षर किए थे। इसमें छह नदियों ब्यास, रावी, सतलुज, सिंधु, चिनाब और झेलम के पानी के वितरण और इस्तेमाल करने के अधिकार शामिल हैं। इस समझौते के लिए विश्व बैंक ने मध्यस्थता की थी। ऐसे में दोनों ही देशों के लिए यह समझौता काफी अहम रोल ​रखता है।