कई बड़े प्राइवेट हाॅस्पिटल की मिलीभगत से बांग्लादेश, नेपाल, कंबोडिया जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर तक फैला था अंग प्रत्यारोपण स्कैम, करीब 40 फीसदी इंटरनेशनल मामलों में जारी की गई फर्जी एनओसी


जयपुर (आलोक शर्मा) । राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की एसीएस शुभ्रा सिंह और राजस्थान एसीबी के निर्देशन में अंग प्रत्यारोपण स्कैम में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों की सतर्कता से समय रहते इस स्कैम का भंडाफोड़ हो चुका है। लेकिन इसमें लगातार सामने आ रहे जांच के तथ्यों पर गौर करें तो यह हर किसी के होश फाख्ता कर देगा। 

इसमें राजस्थान में सबसे बड़े प्राइवेट अस्पतालों में शुमार ईएचसीसी और फोर्टिस हाॅस्पिटल की मिलीभगत सामने आने के बाद अब कई और प्राइवेट हाॅस्पिटल का नाम भी शामिल हो गया है जिसके बाद राजस्थान एसीबी ने इस पूरे स्कैम को एक साधारण मामले की तरह डील ना करते हुए इसे स्पेशल केस मानकर पड़ताल और तेज कर दी है। एसीबी की एक स्पेशल टीम अब इस पूरे प्रकरण में शामिल हर उस शख्स तक पहुंचने में जुटी है जो किसी भी रूप में इसमें शामिल था। सूत्रों की मानें तो ना केवल एसएमएस अस्पताल के बल्कि ईएचसीसी, फोर्टिस के अलावा अन्य प्राइवेट अस्पताल के कई और बड़े अधिकारियों की भी इसमें गिरफ्तारी हो सकती है। कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया जा सकता है। 

आशंका है कि एसएमएस अस्पताल और प्राइवेट अस्पतालों की एक पूरी गैंग अंग प्रत्यारोपण स्कैम में शामिल हो सकती है। हालांकि इस तथ्य पर एसीबी अभी पर्याप्त सबूत जुटाने में लगी है। 
एसीबी का मानना है कि ऐसा स्कैम किसी एक व्यक्ति के मार्फत नहीं चल सकता है। गिरफ्तार कार्मिक अंग प्रत्यारोपण की फर्जी एनओसी के लिए रिश्वत के लेनदेन की बड़ी राशि अपने स्तर पर ही नहीं दे सकते थे। ऐसे में अस्पतालों के और कौनसे अधिकारी कार्मिक इसमें शामिल थे, इसकी भी जांच की जा रही है। 

सूत्रों की मानें तो एसीबी इस तथ्य पर भी जांच कर रही है कि यह गैम अस्पताल के केवल एक व्यक्ति की मिलीभगत से नहीं बल्कि कई लोगों की सहमति और मिलीभगत से चला है। गिरफ्तार कार्मिक अंग प्रत्यारोपण की फर्जी एनओसी के लिए रिश्वत के लेनदेन की बड़ी राशि अपने स्तर पर ही नहीं दे सकते थे। ऐसे में अस्पतालों के और कौनसे अधिकारी कार्मिक थे इसमें शामिल, इसकी भी की जांच जरूरी है। किस मद में यह रूपए अस्पताल से लिए जाते थे या अस्पताल प्रबंधन किस मद में यह राशि जारी करता था इसकी भी जांच की जा रही है। 

उधर राजस्थान एसीबी के जबरदस्त खुलासे के बाद राजस्थान के बडे अस्पतालों के प्रबंधन के इस प्रकरण के खुलासे के बाद पसीने छूटे हुए हैं। बहरहाल राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की एसीबी शुभ्रा सिंह ने इस पूरे प्रकरण को गंभीर मानते हुए सख्त एक्शन के निर्देश दिए हैं। वहीं विभागीय स्तर पर भी आवश्यक तथ्य खंगालकर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।