राजस्थान में अंगदान अभियान को और व्यापक रूप दिया जाएगा, विभिन्न विभागों के समन्वय से चलेगा जनजागरूकता अभियान


प्रदेश में अंगदान अभियान को और व्यापक रूप दिया जाएगा विभिन्न विभागों के समन्वय से बढ़ाएंगे जनजागरूकता - अति. मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य

जयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने कहा कि अंगदान एक पुनीत कार्य है, जो किसी व्यक्ति को नया जीवन दे सकता है। इसे देखते हुए प्रदेश में विभिन्न विभागों के समन्वय एवं जनभागीदारी के साथ अंगदान अभियान को और व्यापक रूप दिया जाएगा। 

सिंह सोमवार को शासन सचिवालय में राष्ट्रीय अंग प्रत्यारोपण कार्यक्रम के संबंध में अंतर्विभागीय समन्वय बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं।

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय में अंगदान के प्रति जागरूकता पैदा करने में राजस्थान ने नए प्रतिमान हासिल किए हैं। अब विभिन्न विभागों के माध्यम से नवाचार कर इस अभियान को और गति दी जाएगी। उन्होंने निर्देश दिए कि अंगदान से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने और लोगों को प्रेरित करने के लिए जनजागरूकता गतिविधियां निरंतर आयोजित की जाएं। उन्होंने बैठक में सामान्य प्रशासन, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता, विशेष योग्यजन तथा युवा एवं खेल मामले, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा, स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज, महिला एवं बाल विकास, परिवहन, खाद्य, सूचना एवं जनसम्पर्क, बिक्री कर, सूचना एवं प्रौद्योगिकी आदि विभागों के माध्यम से भविष्य में अंगदान को बढ़ावा देने के लिए प्रस्तावित कार्य योजना पर विस्तृत चर्चा कर दिशा-निर्देश दिए।

तकनीकी पक्ष मजबूत करने के लिए बनाएं प्लान

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि अंगदान को बढ़ावा देने के लिए जनजागरूकता एक महत्वपूर्ण पहलू है, लेकिन इसके साथ-साथ तकनीकी पक्ष को भी और मजबूत करने की आवश्यकता है। अंगदान के लिए चिकित्सा विशेषज्ञों एवं सहयोगी स्टाफ को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण देने के साथ चिकित्सालयों में अंगदान एवं अंग प्रत्यारोपण सुविधाओं का विस्तार करने के प्रयास भी हों। उन्होंने कहा कि अंगदान एवं अंग प्रत्यारोपण की प्रक्रिया से जुडे़ ऑर्गनाइजेशन इसके लिए अल्पकालिक एवं दीर्घकालिक एक्शन प्लान बनाएं।

प्रदेश में हुए प्रयासों को डब्ल्यूएचओ ने भी सराहा

बैठक में बताया गया कि भारत में प्रतिवर्ष लगभग 1 लाख 80 हजार रोगियों को किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता होती है, लेकिन मात्र 6 हजार ट्रांसप्लांट हो पाते हैं। देश में लगभग 2 लाख रोगियों की लिवर कैंसर और लिवर फेलियर से मृत्यु हो जाती है। इनमें से करीब 15 प्रतिशत रोगियों को लिवर ट्रांसप्लांट कर बचाया जा सकता है, लेकिन प्रतिवर्ष केवल 1500 लिवर ट्रांसप्लांट हो पाते हैं। उन्होंने बताया कि विगत कुछ समय में राजस्थान में अंगदान के प्रति जनजागरूकता तेजी से बढ़ी है। यहां संचालित किए गए अंगदान महाभियान को राष्ट्रीय स्तर के साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सराहा है। अंगदान दिवस पर करीब 1.43 करोड़ लोगों ने अंगदान की शपथ ली। प्रदेश में समस्त मेडिकल कॉलेजों में ऑर्गन ट्रांसप्लांट यूनिट की स्थापना भी की गई है।

बैठक में शासन सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता डॉ. समित शर्मा, सामान्य प्रशासन विभाग की विशिष्ट सचिव शैली किशनानी, महिला एवं बाल विकास विभाग के निदेशक रामावतार मीना, आरएमएससीएल की प्रबंध निदेशक अनुपमा जोरवाल, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुधीर भण्डारी सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।