भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा! ओरेवा ग्रुप ने 2 करोड़ में से महज 12 लाख खर्च कर खोल दिया था पुल


मोरबी। गुजरात के मोरबी में हुए केबल पुल हादसे की जांच ने मरम्मत का ठेका लेने वाली ओरेवा ग्रुप की कई अनियमितताओं को उजागर किया है। कंपनी ने मरम्मत के कुल बजट 2 करोड़ में से महज 12 लाख खर्च कर पुल खोल दिया था। इसके अलावा ग्रुप ने नवीनीकरण का उप-अनुबंध किया था और पुल को ठीक करने की जिम्मेदारी ध्रांगधरा स्थित फर्म देवप्रकाश सॉल्यूशंस को दी थी। ओरेवा की तरह, उप ठेकेदार के पास भी इस तरह के काम के लिए आवश्यक तकनीकी जानकारी नहीं थी।

सूत्रों ने बताया कि संरचना को मजबूत करने के बजाय कुछ पेंटिंग, ग्रीसिंग और अन्य सतही काम किए गए। पुल की मरम्मत पर खर्च किए गए पैसे का जिक्र देवप्रकाश सॉल्यूशंस से जब्त दस्तावेजों में है। इस तरह देखें तो कंपनी ने नवीनीकरण में कुल बजट का 6 प्रतिशत ही खर्च किया।

ओरेवा समूह के अध्यक्ष जयसुख पटेल जिनकी फर्म ने पिछले मार्च में मोरबी नगर पालिका के साथ 15 साल के रखरखाव और संचालन अनुबंध किया था। मात्र छह महीने में मरम्मत का काम पूरा कर 24 अक्टूबर को घोषणा की थी कि पुल तैयार है और गुजराती नववर्ष पर फिर से खोल दिया।

बताया जाता है कि पुल का एकमात्र फिटनेस टेस्ट 24 अक्टूबर को पटेल और उनके परिवार ने ही किया था। ओरेवा जो घड़ियां और उपकरण बनाती है, लेकिन ऐसे काम के लिए उनके पास अनुभव नहीं था।