भारत में नहीं हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा की कमी, 20 करोड़ टैबलेट का उत्पादन


अहमदाबाद. भारत के लिए अच्छी खबर है. भारत में उस दवा की कोई कमी नहीं है जो इस वक्त दुनिया की सबसे बड़ी जरुरत बनी हुई है. हम बात कर रहे हैं कोरोना की रोकथाम के लिए इस वक्त सबसे बड़ी संजीवनी जड़ी बूटी बनी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) दवा की.

जाइडस कैडिला के सीईओ पंकज पटेल ने अहमदाबाद में पत्रकारों को बताया कि 'फार्मास्यूटिकल उद्योग ने HCQ के उत्पादन में काफी वृद्धि कर दी है, इसी का नतीजा है कि इस महीने दवा उद्योग ने करीब 20 करोड़ हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा टैबलेट का उत्पादन किया है.'

इतना ही नहीं पंकज पटेल ने कहा कि 'हमारे पास दवा का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है, न केवल घरेलू बाजार भारत के लिए बल्कि जरुरत पड़ने पर हम दुनिया को भी आपूर्ति करने में सक्षम हैं. जाइडस कैडिला कंपनी ही अगले महीने 15 करोड़ गोलियों के बराबर 30 टन एक्टिव फार्मास्यूटिकल इनग्रीडीएंट (एपीआई) का उत्पादन करेगी.'

गौरतलब है कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात के लिए 13 देशों की पहली सूची को मंजूरी दे दी है. जिसमें अमेरिका, स्पेन, जर्मनी, बहरीन, ब्राजील, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, अफगानिस्तान, मालदीव और बांग्लादेश शामिल हैं. भारत ने अमेरिका, ब्राजील सहित कई देशों को मलेरिया रोधी दवाई हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन सप्लाई की है, ताकि संकट के इस दौर में मानवीय पहलुओं के मद्देनजर मानवता की रक्षा की जा सके.

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक USA ने एचसीक्यू की 48 लाख टैबलेट मांगी और भारत ने 35.82 लाख टैबलेट की मंजूरी दी है. यह बात सामने आने के बाद भारत में लोग जरुर राहत की सांस लेंगे क्योंकि इतने बडे स्तर पर दवा का स्टॉक रहने से भारत कोरोना के इस दौर में मुकाबले में पीछे नहीं हटेगा, ना ही दवा की कोई कमी आएगी.

इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देश के लोगों की अनदेखी कर विदेशों को यह दवा देने पर केन्द्र सरकार को आड़े हाथों लिया था और कहा था कि 'पहले देश के कोने-कोने तक यह दवा भेजनी चाहिए इसके बाद दूसरे देशों को इसकी आपूर्ति की जानी चाहिए.'

इन सबके बीच अब इस पर दवा कंपनी जाइडस कैडिला के बयान से देश को बड़ी राहत मिली है.