कांग्रेस इन मुद्दों पर केन्द्र सरकार को घेरने की बनाएगी रणनीति, उदयपुर में नव संकल्प चिंतन शिविर में होगा मंथन


उदयपुर. राष्ट्रीय कांग्रेस के उदयपुर में होने जा रहे दिन दिवसीय चिंतन शिविर में केन्द्र की मोदी सरकार को कैसे घेरा जाए और अगले साल राजस्थान सहित विभिन्न राज्यों में होने वाले चुनावों में कैसे कांग्रेस को मजबूती से स्थापित किया जाए इसी को लेकर यह चिंतन शिविर आयोजित होगा. इसमें राष्ट्रधर्म की कसौटी पर ‘नवसंकल्प’ थीम को आधार बनाया गया है. खासकर मोदी सरकार को किन मुद्दों पर घेरा जाए, यह रणनीति कांग्रेस के दिग्गजों की मौजूदगी में तय होगी. 

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि हर मोर्चे पर मोदी सरकार फेल है. ऐसे ही कुछ उदाहरण भी कांग्रेस ने बताए जिनको आधार बनाकर आगे की रणनीति इस चिंतन शिविर में तय होगी.

कांग्रेस का आरोप
1. कांग्रेस का आरोप है कि भारत भयावह ‘‘आर्थिक असमानता’’ का शिकार है। 115 देशों के ‘‘ग्लोबल हंगर इंडैक्स’’ में भारत पिछड़कर 101वें पायदान पर है। इस आर्थिक असमानता के चलते 142 सबसे बड़े अमीरों की सम्पति तो एक साल में ₹30 लाख करोड़ बढ़ गई पर देश के 84ः घरों की आय घट गई। 15
लाख हर खाते में आना तो दूर, बचत का पैसा भी लुट गया।

2. कांग्रेस के मुताबिक गर्त में गिरती अर्थव्यवस्था के चलते भारतीय रुपया ‘‘बेदम’’ हो रहा है। रुपये की कीमत में 75 साल में सबसे बड़ी गिरावट आई है। आज 1 अमेरिकी डॉलर के मुक़ाबले रुपये की क़ीमत ₹77.56 हो गई। दूसरी ओर देश का क़र्ज़ साल 2014 में ₹55 लाख करोड़ से बढ़ कर साल 2022 में ₹135 लाख करोड़ हो गया। मोदी सरकार हर रोज़ ₹4,000 करोड़ का क़र्ज़ लेती है। देश के हर नागरिक पर ₹1,00,000 का कर्ज़ है। यहां तक कि 8 वर्षों में मोदी सरकार ने अपने ‘मित्रों’ का 11 लाख करोड़ बैंक कर्ज माफ कर दिया।

3. कांग्रेस महंगाई के मामले में भी मोदी सरकार को घेरने की रणनीति बना रही है. आरोप है कि महंगाई और मोदी सरकार, दोनों ने मिलकर जनता की जीवन नर्क बना दिया है। साल 2014 में ₹410 में मिलने वाला रसोई गैस सिलेंडर अब ₹1,000 का हो गया; पेट्रोल ₹71/-लीटर था, आज ₹105.41/-लीटर हो गया; डीज़ल ₹56/लीटर था, आज ₹95.87/लीटर हो गया। अकेले पेट्रोल-डीज़ल पर टैक्स लगा मोदी सरकार ने तो ₹27 लाख करोड़ कमाये, पर जनता को क्या मिला? यही हाल आटा, दाल, खाने का तेल, सब्ज़ी, साबुन, टूथपेस्ट, TV, फ्रिज और रोज़ ज़रूरत की हर वस्तु का है।

4. बेरोजगारी के मुद्दे पर कांग्रेस ने कहा कि देश का युवा बेरोज़गारी के घिनौने साये में संघर्षरत है। 75 वर्षों में पहली बार बेरोज़गारी दर सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भी 8 प्रतिशत पार कर चुकी है। असलियत और भी विक्राल है। भारत सरकार, सरकारी उपक्रमों व प्रांतीय सरकारों में मिलाकर 30 लाख से ज्यादा पद ख़ाली पड़े हैं। सेनाओं में 2,55,000 पद ख़ाली हैं। निजी क्षेत्र में लघु और छोटे उद्योग तालाबंदी की कगार पर हैं। 2 करोड़ रोज़गार हर साल देना तो दूर, करोड़ों रोज़गार चले गए हैं।

5. दिल्ली की सत्ता के सिंहासन पर बैठे हुक्मरान मानो किसानी और खेती के दुश्मन बन बैठे हैं। कभी तीन काले कानूनों से खेत-खलिहान को मुट्ठीभर प्राईवेट कंपनियों को बेचने का षडयंत्र किया जाता है, तो कभी खेती पर टैक्स लगा किसान का उत्पीड़न किया जाता है। खाद पर GST, ट्रैक्टर व खेती के उपकरणों पर GST, कीटनाशक दवाईयों पर GST तथा यूरिया व DAP के दामों में अनाप-शनाप बढ़ोत्तरी। इन सबके बीच MSP के गारंटी कानून पर चर्चा तक नहीं। भूमिहीन मजदूरों पर तो और आघात हुआ है। मनरेगा का बजट तक भी काट दिया गया, और सौ दिन की बजाय 20 दिन का काम भी नहीं मिलता। किसान की आय साल 2022 तक दुगना होना तो दूर, उपज की क़ीमत भी नहीं मिल रही।

6. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों, वंचितों और गरीबों से दिल्ली के दरबार का पूर्वाग्रह और मुखर है। दलित व आदिवासी सब प्लान ख़त्म कर दिया गया। उनके आरक्षण व दलित पक्षधर क़ानूनों पर हमला बोला जा रहा है। दलितों व पिछड़ों का आरक्षण ख़त्म किया जा रहा है।
दलितों पर अत्याचार चरम सीमा पर है। यहां तक कि दलित कल्याण को टारगेटेड केंद्रीय योजनाएं कुल बजट का मात्र 4.4 प्रतिशत रह गई हैं। अब तो केंद्र सरकार पिछड़े वर्गों की संख्या का सेन्सस तक जारी करने से इनकार कर रही है।

7. देश की संप्रभुता और भूभागीय अखंडता पर हमला बोला जा रहा है। चीन ने दुस्साहस कर लद्दाख़ में भारत माता की सरज़मीं पर क़ब्ज़ा कर रखा है। अरुणाचल की सीमा पर अतिक्रमण कर चीन आए दिन नये ठिकाने बना रहा है। डोक़लाम में चीन द्वारा किए नए सड़क निर्माण, तोपख़ाने व
सैनिक ठिकानों का निर्माण हमारी अखंडता को सीधी चुनौती है। पर मोदी सरकार चीन को हमारी सरज़मीं से वापस खदेड़ने में असक्षम साबित हुई है। सरकार केवल चीनी ऐप बैन कर झूठी वाहवाही लूट रही है और उल्टा चीन से वस्तुओं का आयात बढ़कर 97 बिलियन डाॅलर हो गया
है।

8. देश व समाज की इन समस्याओं पर पर्दा डालने के लिए मोदी सरकार ने चैतरफ़ा धर्मांधता-रूढ़िवादिता का अंधकार फैला अल्पसंख्यक वर्गों, ख़ास तौर से मुस्लिम, ईसाइयों व सिखों को निशाना बना रखा है। रोज़ नया हिंदू-मुस्लिम पैदा कर देश की आँखों पर पट्टी बांधी जा रही है। समाज में हिंदू-मुस्लिम विभाजन के बीज बो कर व तुष्टिकरण की इस राजनीति को आधार बना भाजपा चुनावी जीत तलाशती है।

9. चुनावों में अब तरक्क़ी-विकास-सड़क-स्कूल-शिक्षा-अस्पताल-उद्योग-रोज़गार-खेती-बढ़ोत्तरी मुद्दे नहीं रह गए हैं। भाजपा प्रायोजित मुद्दे हैं- श्मशान-क़ब्रिस्तान, बुलडोज़र, लाउडस्पीकर, गर्मी निकालना, मंदिर बनाम मस्जिद बनाम गिरिजाघर बनाम गुरुद्वारा, सड़कों के नाम बदलना, खाने-पहनने के नाम पर बटवारा आदि। दुर्भाग्य यह है कि नफ़रत की खेती परोसने में भाजपा द्वारा मीडिया के एक बड़े वर्ग को भी इस्तेमाल किया जा रहा है। देश व देशवासियों के सामने यही सबसे बड़ी चुनौती है।

कांग्रेस के सवाल
1. क्या देश ऐसे चल सकता है?
2. क्या देश ऐसे तरक्क़ी कर सकता है?
3. क्या देश ऐसे आगे बढ़ सकता है?
4. क्या भविष्य के भारत का निर्माण धार्मिक, जातिगत व आर्थिक बँटवारे पर होगा?
5. क्या यह गाँधी-नेहरू-पटेल-बोस-तिलक-अंबेडकर-मौलाना आज़ाद-राजेंद्र प्रसाद-भगत सिंह-बिस्मिल-अश्फ़ाक आदि करोड़ों स्वतंत्रता सेनानियों के सपनों का भारत है?

कांग्रेस का आरोप है कि जब देश इतनी गहरी वेदनाओं की चिंता में डूबा हुआ है तब स्वाभाविक है कि कांग्रेस पार्टी देश की चिंताओं के प्रति अपने दायित्वों का निर्वाह करते हुए उसका समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध होगी। हम जानते हैं कि देश की अपेक्षाओं के अनुरूप उसे अपनी संगठनात्मक क्षमता, दक्षता, कार्यकुशलता और कार्यशैली का न सिर्फ़ मूल्यांकन करना होगा अपितु वर्तमान चुनौतियों व परिस्थितियों के अनुरूप ढालना भी होगा। इसी के दृष्टिगत कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान प्रांत के उदयपुर में चिंतन शिविर का आयोजन किया है।