नवरात्रि को लेकर पूरे भारतवर्ष में उत्साह चरम पर, विधि विधान से पूजा-पाठ का दौर शुरू


भारत. नवरात्रि एक हिंदू पर्व है. नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है 'नौ रातें'. इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है. दसवां दिन दशहरा के नाम से प्रसिद्ध है.

नवरात्रि वर्ष में चार बार आता है. पौष, चैत्र, आषाढ, अश्विन प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है. भारतवर्ष में नवरात्रि की नौ रातों में तीन देवियों - महालक्ष्मी, महासरस्वती या सरस्वती और दुर्गा के नौ स्वरुपों की पूजा होती है जिन्हें नवदुर्गा कहते हैं. इन नौ रातों और दस दिनों के दौरान, शक्ति या देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती है. दुर्गा का मतलब जीवन के दुख को हटाने वाली होता है.

नवरात्रि एक महत्वपूर्ण प्रमुख त्योंहार है जिसे पूरे भारत में महान उत्साह के साथ मनाया जाता है. भारत में नवरात्र के दौरान डांडिया आयोजनों का जहां जबरदस्त धमाल देखने को मिलता है वहीं दशहरे के हजारों, लाखों बड़े आयोजन प्रमुखता से होते हैं. नवरात्रि की शुरुआत 29 सितम्बर को मां शैलपुत्री पूजा और घटस्थापना के साथ होगी, दशमी 8 अक्टूबर 2019 को दुर्गा विसर्जन के साथ विजय दशमी मनाई जाएगी.

नौ देवियां और नामों का अर्थ-

1- शैलपुत्री- इसका अर्थ है पहाड़ों की पुत्री.

2- ब्रह्मचारिणी - इसका अर्थ है ब्रह्मचारीणी.

3- चंद्रघंटा - इसका अर्थ है चांद की तरह चमकने वाली.

4- कूष्माण्डा - इसका अर्थ है पूरा जगत उनके पैर में है.

5- स्कंदमाता - इसका अर्थ है कार्तिक स्वामी की माता.

6- कात्यायनी - इसका अर्थ है कात्यायन आश्रम में जन्मी.

7- कालरात्रि - इसका अर्थ है काल का नाश करने वाली.

8- महागौरी - इसका अर्थ है सफेद रंग वाली मां.

9- सिद्धिदात्री - इसका अर्थ है सर्व सिद्धि देने वाली.

शक्ति की उपासना का पर्व शारदीय नवरात्र प्रतिपदा से नवमी तक निश्चित नौ तिथि, नौ नक्षत्र, नौ शक्तियों की नवधा भक्ति के साथ सनातन काल से मनाया जा रहा है. सर्वप्रथम श्रीरामचंद्रजी ने इस शारदीय नवरात्रि पूजा का प्रारंभ समुद्र तट पर किया था और उसके बाद दसवें दिन लंका विजय के लिए प्रस्थान किया और विजय प्राप्त की. तब से असत्य, अधर्म पर सत्य, धर्म की जीत का पर्व दशहरा मनाया जाने लगा. आदिशक्ति के हर रूप की नवरात्र के नौ दिनों में क्रमशः अलग-अलग पूजा की जाती है. मां दुर्गा की नौवीं शक्ति का नाम सिद्धिदात्री है. ये सभी प्रकार की सिद्धियां देने वाली हैं. इनका वाहन सिंह है और कमल पुष्प पर ही आसीन होती हैं. नवरात्रि के नौवें दिन इनकी उपासना की जाती है.