दो गुटों में बंटने से कमजोर पड़ा सरपंच संघ का आंदोलन, आपस मे भिड़े सरपंच


जयपुर। विभिन्न मांगों को लेकर राजस्थान सरपंच संघ द्वारा जयपुर में महापड़ाव का आह्वान किया गया था, लेकिन महापड़ाव में सरपंचों में आपस में फूट नजर आई। सरपंच संघ के पदाधिकारी एक ही मंच से विरोधाभासी बातें करते नजर आए। एक गुट जहां अपनी मांगों पर अड़ा रहा वहीं दूसरे गुट ने मांगों में बदलाव की मांग की और ग्रामीण विकास विभाग एवं पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा का समर्थन करते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ की जा रही जांच को जायज बताया। पहला मंत्री रमेश मीना के विरोध में दूसरा गुट मंत्री के समर्थन में दिखा।

बता दें कि मंत्री रमेश मीना ने बाडमेर और नागौर में नरेगा विकास कार्यों में सैंकड़ों करोड़ के भ्रष्टाचार का दावा किया था, जिसके बाद से सरपंच संघ मंत्री से नाराज था। जयपुर में प्रदेशभर के सरपंचों को मंत्री के खिलाफ महापडाव डालने के लिए बुलाया गया लेकिन सरपंच संघ का दूसरा गुट मंत्री के समर्थन में खड़ा रहा। 

मंत्री समर्थिक सरपंच जब महापडाव में पहुंचे तो हंगामा हुआ। हालांकि यहां पुलिस ने तुरंत मौके की स्थिति को भांपते हुए दोनों गुटों को अलग कर दिया ताकि कोई बवाल ना हो सके। मंच से एक सरपंच ने मंची के समर्थन करने की बात पर गहमागहमी हुई थी, जिस पर पुलिस ने दोनों गुटों को जोर आजमाइश कर अलग कर दिया। 

इसके बाद DCP साउथ योगेश गोयल के निर्देशन में पुलिस दोनों गुटों के बीच सुरक्षा दीवार बन कर खड़ी रही। पुलिस के माकूल इंतजाम और बेहतरीन नेतृत्व की बानगी यहां साफ देखी गई। DCP ने लगातार दोनों गुटों को शांतिपूर्वक अपनी बात रखने के लिए प्रेरित किया। जिसका नतीजा यह हुआ कि बिना किसी बड़े टकराव के शांतिपूर्ण तरीके से दोनों गुटों के विवाद को समय रहते कंट्रोल कर लिया गया। 

इस दौरान सरपंचों ने राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को सरकार के नाम ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगों से अवगत करवाया।

रमेश मीना समर्थक सरपंच संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष नेमीचंद मीना का कहना है कि पूर्वी राजस्थान और दूसरे जिले ये चाहते है कि 36 मांगों को लेकर आंदोलन पर उतरा हुआ है, एक मांग को छोड़कर राजनैतिक दैषता के शिकार होकर मंत्री का इस्तीफा मांग रहे हैं. मंत्री का स्वैया हमेशा सरपंचो की पक्ष में रहा है. नरेगा स्कीम और दूसरी योजनाओं में विकास होना चाहिए, लेकिन कुछ लोग राजनैतिक से प्रेरित होकर आंदोलन कर रहे है। जांच हो रही है तो उसमें दिक्कत कैसी है?

 

मंत्री बोले जांच गलत तो इस्तीफा देने को तैयार

सरपंचों के महापडाव पर मंत्री रमेश मीना का कहना है कि यदि बाडमेर और नागौर में फर्जीवाडा की शिकायत गलत है तो मैं तुरंत इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं, लेकिन सरपंचों का जांच हो रही है तो दिक्कत क्या है। मैंने वहां दौरा किया था, जहां कमियां मिली थीं। ये आज से ही नहीं, बल्कि सालों से चला आ रहा है। पूरा आंदोलन नागौर ने हाईजेक कर लिया है।

मंत्री ने बिना नाम लिए नागौर सरपंच संघ अध्यक्ष अशोक गोलियां पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग एमएलए बनने के लिए आंदोलन चला रहे है। ये आंदोलन पूरी तरह से राजनीति की भेट चढा हुआ है