दुनिया के सबसे मजबूत दो दोस्त रूस- भारत की मुलाकात, कई मसलों पर दोनों ने दुनिया को दिखाई अपनी ताकत


व्लादिवोस्तोक(रूस). प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi Russia Visit) रूस के दो दिवसीय दौरे पर व्लादिवोस्तोक में रहे. यहां रूस के व्लादिवोस्तोक में व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पूर्वी आर्थिक मंच के लिए आपका निमंत्रण मेरे लिए बहुत सम्मान की बात है. यह दोनों देशों के बीच समर्थन को एक नया आयाम देने का ऐतिहासिक अवसर है. भारत और रूस की दोस्ती सिर्फ राजधानी के शहरों तक सीमित नहीं है. हमने इस रिश्ते के केंद्र में लोगों को रखा है. पीएम मोदी ने कहा हमारे रिश्तों को हम राजधानियों के बाहर पहुंचा रहे हैं. मैं लंबे समय तक गुजरात का सीएम रहा हूं और पुतिन भी रूस के क्षेत्र को जानते हैं. साझा वार्ता में पीएम मोदी ने कहा कि मैं रूस में मिले सम्मान के लिए मित्र पुतिन का आभारी हूं. यह ऐतिहासिक मौका है क्योंकि यह भारत और रूस का 20वां सालाना शिखर सम्मेलन है. जब 2001 में पहला शिखर सम्मेलन हुआ तो मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था और पुतिन राष्ट्रपति. प्रधानमंत्री ने कश्मीर मुद्दे पर ‘स्पष्ट संदेश’ देने के लिए पुतिन को धन्यवाद दिया. रूस ने हाल ही में स्पष्ट किया था कि जम्मू कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच एक द्विपक्षीय मामला है. राष्ट्रपति पुतिन के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और रूस दोनों किसी भी देश से संबंधित मामलों में ‘बाहरी हस्तक्षेप’ के खिलाफ हैं. यह पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश था जो अपने रुख के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करने की कोशिश में जुटा है. विदेश सचिव ने कहा, ‘हमारी समझ यह है कि रूस इस (कश्मीर) पर दृढ़ता से भारत के साथ खड़ा है’ बाद में जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि भारत और रूस ने अंतरराष्ट्रीय कानून की प्रधानता को रेखांकित किया और संयुक्त राष्ट्र चार्टर में उल्लिखित उद्देश्यों और सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया. रूस ने जम्मू कश्मीर पर भारत के कदम का समर्थन किया है और कहा है कि दर्जे में परिवर्तन भारतीय संविधान के ढांचे के अनुरूप है. दोनों नेताओं ने 20वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता की. इससे पहले दोनों नेताओं के बीच दो घंटे तक एक पोत पर अकेले में बातचीत हुई जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच विशेष संबंधों को मजबूती प्रदान करना था. दोनों नेताओं ने व्यापार एवं निवेश, तेल एवं गैस, खनन, परमाणु ऊर्जा, रक्षा एवं सुरक्षा, वायु एवं समुद्री सम्पर्क, परिवहन आधारभूत ढांचा, हाई..टेक, बाहरी अंतरिक्ष और लोगों के बीच सम्पर्क के क्षेत्र में सहयोग मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की. गौरतलब है कि 2014 से लेकर अब तक पीएम मोदी चार बार रूस की यात्रा कर चुके हैं. सबसे पहले वह जुलाई 2015 में उफा में आयोजित ब्रिक्‍स सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने वहां गए थे. इसके बाद इसी वर्ष दिसंबर में भी उन्‍होंने रूस की यात्रा की थी. मई-जून 2017 में पीएम मोदी और राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पु‍तिन के बीच सेंट पीट्सबर्ग में भारत-रूस सम्‍मेलन के दौरान मुलाकात हुई थी. मई 2018 में ये दोनों नेता एक बार फिर से सोची में मिले थे. रूस की ही धरती पर इस तरह से यह पांचवीं मुलाकात रही. जहां तक दोनों नेताओं की मुलाकात की बात है तो इसी वर्ष जून में यह दोनों नेता किर्गिज की राजधानी बिश्‍केक में एससीओ सम्‍मेलन में मिले थे.