एईएन और जेईएन के साथ हुई मारपीट के मामले में विधायक गिर्राज सिंह मंलिंगा ने किया सरेण्डर


जयपुर: आखिरकार धौलपुर के बाड़ी विद्युत निगम कार्यालय में एईएन और जेईएन के साथ हुई मारपीट के मामले में विधायक गिर्राज मलिंगा (MLA Girraj Malinga) ने पुलिस कमिश्नरेट में सरेंडर (surrendered) कर दिया. इस दौरान मलिंगा के साथ कमिश्नरेट में मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा भी मौजूद रहे. बिजली विभाग के इंजीनियर्स कई दिनों से मलिंगा की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे. मारपीट के मामले में घायल एईएन ने पुलिस को पर्चा बयान दिया था. घायल एईएन के पर्चा बयान के आधार पर बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा और वार्ड नंबर दो के पार्षद प्रतिनिधि समीर खान के खिलाफ मारपीट और एससी-एसटी एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज कराया था. 

बता दें कि बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा पर कार्रवाई नहीं होने के मामले को लेकर बीजेपी लगातार सरकार पर निशाना साध रही थी. इसके साथ ही बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 131वीं जयंती समारोह के दौरान जयपुर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री की मौजूदगी में कुछ लोगों ने तख्तियां लहराई और विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा की गिरफ्तारी की मांग की थी. लोग गिरफ्तारी की मांग के नारे लगाने लगे थे. तब सीएम गहलोत ने कहा था कि सब को न्याय मिलेगा.  सरेण्डर करने से पहले गहलोत से भी मलिंगा ने मिलकर अपना पक्ष रखा था, पर सीएम ने घटनाक्रम पर नाराजगी जताते हुए मलिंगा को तुरंत सरेण्डर करने को कहा था.

वहीं इस मामले में घिरे विधायक मलिंगा ने डीजीपी पर व्यक्तिगत दुश्मनी के चलते फंसाने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि अगर सही जांच नहीं की गई तो वो अदालत का रुख करेंगे. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार विधायक गिर्राज मलिंगा ने कहा था कि डीजीपी एमएल लाठर मेरे खिलाफ चुनाव लड़ने वाले भाजपा नेता जसवंत गुर्जर का समर्थन करते हैं. विधायक ने आरोप लगाया कि 1996 में डीजीपी को जसवंत गुर्जर ने कार भी गिफ्ट की थी. यहां तक की डीजीपी लाठर और जसवंत गुर्जर बिजनेस पार्टनर भी रह चुके हैं. यही कारण है कि डीजीपी संबंध निभाने के लिए अब मुझे फंसा रहे हैं. बहरहाल पुलिस ने सरेण्डर के बाद आगे की प्रक्रिया शुरु कर दी है.