नैतिक साहस है तो केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह जांच एजेंसी के पास जाकर अपनी आवाज़ का सैंपल दें, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा: महेश जोशी, कांग्रेस


जयपुर/ दिल्ली. राजस्थान में एक बार फिर फोन टैपिंग काण्ड चर्चा में है. राजस्थान से ताल्लुक रखने वाले केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत की शिकायत पर एक ओर जहां दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने फोन टैपिंग मामले में राजस्थान कांग्रेस के नेता महेश जोशी को 24 जून प्रात: 11 बजे पेश होने के लिए मंगलवार को नोटिस जारी किया था, वहीं अब महेश जोशी भी मुखर हो गए हैं. 

महेश जोशी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि राजस्थान में चुनी हुई सरकार को गिराने की साजिश में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र एस शेखावत मुख्य किरदार के रूप में सामने आए थे। इसके लिए PM को उनसे इस्तीफा मांगना चाहिए या बर्खास्त कर देना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हुआ. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय पीएम और गृहमंत्री ने उसे बचाने की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस को दे दी इसलिए नोटिस जारी किए जा रहे हैं। जबकि शेखावत जी की जांच होनी चाहिए थी लेकिन उनकी जांच करने के बजाय गलत तरीके से FIR दर्ज कराया गया.

इतना हीं नहीं महेश जोशी ने यहां तक कहा कि मैं गजेंद्र सिंह शेखावत जी को एक बार फिर चुनौती देता हूं कि अगर उनमें नैतिक साहस है तो वो जांच एजेंसी के पास आकर अपनी आवाज़ का सैंपल दें, जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए.

बता दें कि पिछले साल सरकार के खिलाफ सचिन पायलट खेमे की बगावत के समय राजस्थान सरकार पर फोन टैपिंग के आरोप लगे थे और विधानसभा में भी यह मुद्दा जमकर उछला था. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के परिवाद के बाद 25 मार्च को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें गजेंद्र सिंह ने जनप्रतिनिधियों के फोन टैप करने और उनकी छवि खराब करने की शिकायत दी. FIR में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के OSD लोकेश शर्मा समेत अज्ञात पुलिस अफसरों को आरोपी बनाया गया. दिल्ली क्राइम ब्रांच ने अब इस मामले में जांच का दायरा बढ़ाते हुए महेश जोशी को भी शामिल कर लिया है. जिसके बाद जोशी को पूछताछ के लिए बुलाया गया और इसी से खफा जोशी ने यह ताजा बयान दिया है.