गुरूग्राम में किड़नी रैकेट का भंडाफोड, जयपुर के फोर्टिस हाॅस्पिटल में बदलती थी किड़नी, अस्पताल के डाॅक्टर्स की गिरफ्तारी संभव


जयपुर। राजस्थान एसीबी द्वारा आॅर्गन ट्रांसप्लांट के फर्जी एनओसी प्रकरण में लिए गए एक्शन के बाद नित नए खुलासे हो रहे हैं और अब कई बड़े अस्पतालों की पोल पट्टी खुलती नजर आ रही है। इस मामले में अब तक जहां इसे फर्जी एनओसी तक ही सिमटा हुआ मामला समझा जा रहा था वहीं अब इसमें फर्जी तरीके से मानव अंगो की तस्करी और खरीद फरोख्त का मामला भी सामने आया है। 

गुड़गांव में सीएम फ्लाइंग और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने किडनी रैकेट का भंडाफोड़ किया है। यह रैकेट राजस्थान के जयपुर से चलाया जा रहा था। टीम ने गुड़गांव के सैक्टर 39 के बाबिल पाला होटल में रेड की तो उन्हें बंगलादेश मूल का मोहम्मद शमीम नाम का युवक मिला जिसकी किडनी को जयपुर फोर्टिस अस्पताल में निकाली गई थी। जिसे इसी होटल में डे केयर दिया जा रहा था। टीम ने गेस्ट हाऊस में ठहराए गए किडनी ट्रांसप्लांट कराने वाले 4 मरीजों को पकड़ा है। वहीं पुलिस ने रैकेट संचालक सहित अन्य पर मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।

राजस्थान एसीबी की सूचना पर गुड़गांव में एक होटल के जरिए किडनी प्रत्यारोपण रैकेट पर यह कार्रवाई की गई। इस पर स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीम ने बाबिल पाला होटल में रेड की। यहां गैस्ट हाऊस संचालक रोहित मिला और उसने गेस्ट हाऊस में ठहरे लोगों बारे जानकारी दी।

टीम को मौके पर बंगलादेश मूल का शमीम नामक व्यक्ति मिला जिसकी किडनी निकाली जा चुकी थी। शमीम ने बताया कि वह बंगलादेश में मोबाइल शॉप चलाता है। फेसबुक पर किडनी प्रत्यारोपण का विज्ञापन देखकर उसने झारखंड के रांची निवासी मोहम्मद मुर्तजा अंसारी नामक एजेंट से संपर्क किया। जिसने बंगलादेश की करंसी के मुताबिक उसे 4 लाख टका दिए जाने का सौदा तय किया। यह राशि लेकर उसने किडनी देने के लिए लिए डील फाइनल कर दी। एजेंट ने ही उसके फिंगरप्रिंट लेकर उसका फर्जी पासपोर्ट बनवाया और करीब 2 महीने पहले भारत भेज दिया। यहां उसका फोर्टिस अस्पताल जयपुर में ऑपरेशन किया गया और कुछ दिन पहले ही उसे गुड़गांव में शिफ्ट किया गया है।

सदर थाना प्रभारी इंस्पैक्टर अर्जुन देव ने कहा कि सदर थाना पुलिस ने रैकेट संचालक सहित अन्य पर केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। मुख्य आरोपी मो. अंसारी सहित अन्य फरार हैं। आरोपियों की तलाश में छापेमारी जारी है। जल्द एक टीम जयपुर के फोर्टिस अस्पताल में जाकर भी पूछताछ करेगी। उधर फोर्टिस अस्पताल के किड़नी प्रत्यारोपण कार्य में जुटे डाॅक्टर्स के साथ अस्पताल प्रबंधन के किसी बड़े अधिकारी की भी जल्द गिरफ्तारी पूछताछ के लिए हो सकती है। माना जा रहा है कि अस्पताल से भी एक बड़ी टीम लम्बे समय से इस पूरे प्रकरण में शामिल रही है। 

उधर फोर्टिस हेल्थकेयर ने वही घिसा पिटा बयान जारी कर इतिश्री कर ली। अस्पताल द्वारा जारी बयान में कहा गया कि स्वास्थ्य देखभाल में उच्चतम नैतिक मानकों के लिए प्रतिबद्ध है। अंग प्रत्यारोपण के लिए एसओटीटीओ प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करता है। प्रोटोकॉल के अनुसार राज्य प्राधिकरण समिति द्वारा अनुपालन के लिए प्रत्येक मामले का गहन मूल्यांकन किया जाता है और आवश्यक सरकारी अनुमोदन प्राप्त किया जाता है। प्रक्रियात्मक विचलन के प्रति हमारी शून्य सहिष्णुता की नीति है और हम रोगी की सुरक्षा, देखभाल और पारदर्शिता और नैतिक प्रथाओं के लिए प्रतिबद्ध हैं। 

बता दें कि अंग प्रत्यारोपण स्कैम में राजस्थान के सबसे बड़े सरकारी एसएमएस हाॅस्पिटल और सबसे बड़े प्राइवेट अस्पतालों में शुमार ईएचसीसी और फोर्टिस हाॅस्पिटल की मिलीभगत सामने आने के बाद अब कई और प्राइवेट हाॅस्पिटल का नाम भी शामिल हो गया है जिसके बाद राजस्थान एसीबी ने इस पूरे स्कैम को एक साधारण मामले की तरह डील ना करते हुए इसे स्पेशल केस मानकर पड़ताल और तेज कर दी है। एसीबी की एक स्पेशल टीम अब इस पूरे प्रकरण में शामिल हर उस शख्स तक पहुंचने में जुटी है जो किसी भी रूप में इसमें शामिल था। सूत्रों की मानें तो ना केवल एसएमएस अस्पताल के बल्कि ईएचसीसी, फोर्टिस के अलावा अन्य प्राइवेट अस्पताल के कई और बड़े अधिकारियों की भी इसमें गिरफ्तारी हो सकती है। कुछ लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया जा सकता है।