वो हैं जरा खफा-खफा... ज्योतिरादित्य सिंधिया का अब बीजेपी से भी मोहभंग!


मध्यप्रदेश. क्या 18 बरस तक कांग्रेस की राजनीति करने के बाद 9 मार्च, 2020 को पार्टी छोड़ 11 मार्च को विधिवत सदस्यता लेकर बीजेपी में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया का अब बीजेपी से भी मोहभंग हो गया है. राजनीतिक गलियारों में ऐसी अटकलों का बाजार फिर से गर्म हैं.

यह चर्चा इसलिए शुरू हुई है क्योंकि सोशल मीडिया पर अचानक दावा होने लगा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने ट्विटर हैंडल पर बीजेपी शब्द हटाकर ट्वीटर बायो फिर से ‘पब्लिक सर्वेंट’ अपडेट कर दिया है. और यह कुछ वैसा ही कदम है जब उन्होंने कांग्रेस छोड़ने से ठीक पहले किया था. तब सिंधिया ने पब्लिक सर्वेंट के साथ क्रिकेट प्रेमी भी लिखा रहने दिया था. इसके बाद कांग्रेस से उनके मतभेद खुलकर सामने आए थे और उन्होंने भाजपा का रुख कर लिया था. कहा गया कि अब ठीक ऐसा ही फिर हुआ है.  

हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अचानक मीडिया में चली इस खबर को लेकर 6 जून को 2 बजकर 45 मिनट पर एक ट्वीट किया, और  इसका खंडन किया. और लिखा 'Sadly, false news travels faster than the truth.'

 

इस अफवाह के बाद ऐसी बातें सामने आने लगी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया का अब बीजेपी से भी मोहभंग हो गया है तो क्या वह बीजेपी को गुड बाय कहने वाले हैं? और इसके बाद क्या ज्योतिरादित्य फिर अपने पिता माधवराव सिंधिया की पुरानी पार्टी ‘मध्य प्रदेश विकास कांग्रेस’ को पुनर्जीवित करना चाहते हैं? या फिर बीजेपी को वो अपना ट्रेलर दिखाना चाहते हैं. ताकि पार्टी में कहीं उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो तुरंत ही बीजेपी संभल जाए.

मार्च, 2020 में ही मध्य प्रदेश के डेढ़ दर्जन से ज्यादा उनके समर्थक विधायकों ने भी विधायकी से इस्तीफा देकर बीजेपी का दामन थामा था, जिसके बाद कमलनाथ की सरकार गिर गई थी और प्रदेश में फिर से कमल के फूल की सरकार खिली थी.

अब भले ही यह अफवाह हो कि उन्होंने ट्वीटर से BJP का नाम हटा दिया हो लेकिन राजनीतिक गलियारों में सक्रिय सूत्रों के हवाले से खबर है कि सिंधिया आजकल बेहद नाखुश हैं. बीजेपी जो वादे करके उन्हें पार्टी में लाई थी, और जिन वादों के साथ उन्होंने कांग्रेस की सत्ता गिराकर बीजेपी की सरकार बनवाई थी उन वादों की राह पर बीजेपी सक्रिय नहीं है. और तो और मध्यप्रदेश में बीजेपी सरकार को बने दो महीने से ज्यादा का वक्त हो चुका है लेकिन सिंधिया के ज़्यादातर समर्थकों को अभी कैबिनेट में तरजीह नहीं मिल पा रही है. बैचेनी तो इस बात की भी है कि मंत्री पद छोड़कर आये कांग्रेसी विधायक भी मंत्री बनेंगे या नहीं बनेंगे, अभी साफ नहीं है. पर नाराजगी ऐसी नहीं कि सिंधिया ऐसी छोटी बात जल्दबाज़ी में करें.

हालांकि कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे छह में से दो को बीजेपी की सरकार एडजस्ट कर चुकी है, लेकिन बचे हुए चार तथा अन्य वरिष्ठ विधायक का नम्बर कब आएगा कुछ पता नहीं है. पर इस माहौल के बीच अचानक सिंधिया के ट्विटर बायो चेंज करने की खबर उड़ने से ना केवल बीजेपी सकते में आ गई बल्कि कांग्रेस के गलियारे में टीका टिप्पणी आनी शुरू हो गई.