महिला से छेड़छाड़ का विरोध करने पर गुंडों के हमले में घायल पत्रकार की मौत


जयपुर. राजस्थान के पत्रकार की मौत सिर्फ इसलिए हो गई क्योंकि उसने अपनी पत्रकार महिला साथी से छेड़छाड़ करने वाले गुंडों का विरोध किया था. इस विरोध का खमियाजा उन्हें अपनी जान देकर चुकानी पड़ा.

मामला मानसरोवर थाना इलाके का है. जहां 8 दिसम्बर की रात को पत्रकार अभिषेक सोनी और पत्रकार महिला साथी पर हुए हमले में करीब 15 दिनों तक वेंटिलेटर पर रहे गंभीर घायल पत्रकार अभिषेक सोनी निवासी ऋषि गालव नगर गलता गेट की बुधवार देर शाम को इलाज के दौरान मौत हो गई. पुलिस ने इस मामले में एक आरोपित को कुछ दिन पहले ही गिरफ्तार किया था. लेकिन अब तक बाकी अन्य आरोपित पुलिस पकड से दूर हैं. पुलिस को इस अपराध से जुड़े CCTV भी मिले, पत्रकार पर किस तरह से जानलेवा हमला किया गया और उसकी पिटाई कर कर हाईवे पर पटक दिया गया साफ नजर आ रहा है. बावजूद इसके कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई. शायद ऐसे ही लापरवाहीपूर्ण घटनाक्रम होते हैं जो पुलिस की बेदाग छवि को नुकसान पहुंचाते हैं.

इधर पत्रकार अभिषेक सोनी की मौत की सूचना मिलने पर पत्रकारो में आक्रोश है. वहीं अब तक मामले में सुस्त पड़े पुलिस महकमें के लोग मौत की सूचना पर मामले की गंभीरता को देखते हुए मानसरोवर थाने में डेेरा जमाए हुए है और मामले की जानकारी लेते में जुटे हुए हैं. अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अवनिश कुमार शर्मा ने बताया कि घायल पत्रकार अभिषेक सोनी की मौत के बाद हत्या मामला दर्ज कर लिया गया है. वहीं इस मामले में फरार चल रहे अन्य आरोपितों की तलाश के लिए टीमों का गठन कर उनके सम्भावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है जल्द ही सभी आरोपित पुलिस गिरफ्त में होंगे.

गौरतलब है कि ऋषि गालव नगर गलता गेट निवासी अभिषेक सोनी आठ दिसम्बर की रात को कहीं से आते समय अपनी महिला साथी के साथ नारायण विहार मोड़ स्थित जय माता दी स्पेशल दाल बाटी चूरमा ढाबा पर रुके थे. जहां उन्होंने अपनी कार साइड में लगाकर खाने का आर्डर दिया ही था कि इस दौरान वहां बाइक सवार तीन बदमाश आए और युवती तरफ अश्लील इशारे करने लगे. इसके बाद लड़के बदतमीजी पर उतर आए और युवती पर अभद्र कमेंट करने लगे. जब अभिषेक ने इसका विरोध किया तो तीनों लड़के वहां से धमकी देकर चले गए. इसके कुछ ही देर बाद ही तीनों लड़के आए और पास में पड़े लोहे के पटे से मारपीट शुरू कर दी. आरोपियों ने अभिषेक के सिर पर ताबड़तोड़ वार किए, बीच बचाव में युवती आई तो उसके सिर पर भी वार कर दिया. युवती ने पत्रकार को छोड़ देने की खूब मिन्नते भी की हाथी भी जोड़े लेकिन बेरहम गुंडे बेखौफ थे, ना दया का भाव था, ना पुलिस का खौफ. इसके बाद आरोपित वहां से फरार हो गए. अधमरी हालत में अभिषेक ढाबे के बाहर करीब दस मिनिट तक पड़े रहे. इस दौरान वहां से कई गाड़िया गुजरी, यहां तक की ढाबे पर खड़े लोग तमाशा देखते रहे. लेकिन डरपोक, कायर जैसी प्रवृत्ति के लोगों यह सब देखकर भी मदद नहीं की. पुलिस और एम्बुलेंस को कॉल करने के बावजूद वहां काफी देर तक कोई नहीं आया. दस मिनिट बाद अभिषेक को होश आया तो वह दोस्त को साथ लेकर खुद ही कार चलाकर सवाई मान सिंह अस्पताल के ट्रॉमा वार्ड पहुंचा और वहां पहुंचते ही वह बेहोश हो गया. हमले में अभिषेक का सिर बुरी तरह फटा हुआ था. फिलहाल अभिषेक इस दुनिया से जा चुका है. अभिषेक को बचाने की सारी दुआएं नाकाफी साबित हुई. शायद अभिषेक के जीते जी पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर लेती तो अभिषेक जाते-जाते बद दुआएं देकर नहीं जाता. बहरहाल इस पूरे मामले में अब देखना होगा पुलिस प्रशासन की नींद कब टूटती है और अभिषेक की आत्मा और परिजनों को न्याय कब तक मिल पाता है.