नई दिल्ली. भारत में कोरोना के खिलाफ जंग में एक और मजबूत हथियार के रूप में
Johnson and Johnson की Single Dose Vaccine को आपात मंजूरी दे दी गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने एक ट्वीट कर अमेरिकी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल डोज वैक्सीन को भारत में अप्रूवल दिए जाने की जानकारी दी. इस तरह से अब देश में उपलब्ध होने वाली यह चौथी कोविड वैक्सीन है. सीरम इंस्टिट्यूट की कोविशील्ड (ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका), भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और डॉ रेड्डीज की स्पूतनिक वी (रूस) पहले से ही उपलब्ध हैं. सिप्ला को भी मॉडर्ना की वैक्सीन के इम्पोर्ट की इजाजत मिल चुकी है.
जॉनसन एण्ड जॉनसन का दावा है कि यह सिंगल डोज वैक्सीन सभी क्षेत्रों में हुई स्टडीज में गंभीर बीमारी रोकने में 85% तक सक्षम साबित हुई. और तो और डोज लगने के 28 दिन बाद, कोविड-19 से जुड़े हॉस्पिटलाइजेशन और मौत से भी वैक्सीन बचाने में कारगर है.
यह एक नॉन-रेप्लिकेटिंग वायरल वेक्टर वैक्सीन है यानी कि वैक्सीन के भीतर का जेनेटिक मैटीरियल शरीर के भीतर अपनी कॉपीज नहीं बनाएगा. यह इसलिए जरूरी है क्योंकि जब वायरस शरीर में प्रवेश करता है तो वह अपनी कॉपीज बनाना शुरू करता है जिससे संक्रमण फैलता है. इस वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री तापमान के बीच स्टोर किया जा सकता है. इसके अलावा खुल चुके वायल्स 9 डिग्री से 25 डिग्री तापमान के बीच 12 घंटे तक रखे जा सकते हैं.