90 करोड़ की अवैध कॉलोनी पर चला JDA का बूलडोजर, सीकर रोड के बढ़ारणा में तोड़ी अवैध फैक्ट्रियां


जयपुर। JDA जोन 13 की प्रवर्तन विंग ने विश्वकर्मा इण्डस्ट्रियल एरिया के पास बढ़ारणा गांव में सरकारी स्कूल के पास कृषि भूमि पर 20 बीघा में बसाए जा रहे नए इण्डस्ट्रीज एरिया व नई अवैध कॉलोनी पर गुरुवार बड़ी कार्रवाई की। जेसीबी से यहां डाली नई ग्रेवल सड़कों को उखाड़ दिया और निर्माणाधीन फैक्ट्रियों व गोदाम को तोड़ दिया। यहां बिना भू रूपांतरण करवाए ही कृषि भूमि पर फैक्ट्रियां व वेयरहाउस बनाए जा रहे हैं, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। स्थानीय लोगों की शिकायतों के बाद जेडीसी गौरव गोयल व मुख्य नियंत्रक (प्रवर्तन) रघुवीर सैनी के निर्देश के बाद प्रवर्तन अधिकारी गणेश सैनी ने पुलिस बल के साथ यह कार्रवाई की है। हालांकि लोगों का आरोप है कि जेडीए यहां अधूरी कार्रवाई की है। यहां बन रहे कुछ गोदाम व फैक्ट्रियों को नहीं तोड़ा। जबकि उनसे यहां प्रदूषण फैल रहा है। यह कॉलोनी भगवान नगर के नाम से मोती भवन गृह निर्माण सहकारी समिति के पट्टों पर बसाई जा रही है।

JDA मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन रघुवीर सैनी ने बताया कि बढारना में सरकारी स्कुल के पीछे करीब 05 बीघा निजी खातेदारी भूमि पर बिना जेडीए की अनुमति व स्वीकृति के नवीन अवैध आवासीय कॉलोनी बसाने के प्रयोजनार्थ बनाई जा रही ग्रेवल सड़ड़के व अन्य अवैध निर्माण को जेसीबी व मजदूरों की सहायता से ध्वस्त किया। अवैध कॉलोनी बसाने के प्रयास को विफल किया गया। इसके अलावा सीकर रोड़ न्यू ट्रासपोर्ट नगर के पास भेरू खेजड़ा में श्याम नगर की 10 बीघा, कचोलिया रोड़, चोमू में 3 बीघा और दिल्ली रोड़ निम्स हास्पिटल के सामने स्थित करीब 06 बीघा निजी खातेदारी भूमि पर नवीन अवैध आवासीय कॉलोनी बसाने की ग्रेवल सड़कों व अन्य निर्माण को भी तोड़ा है।

जेडीए के ध्वस्तीकरण की कार्यवाही का नियमानुसार खर्चा-वसूली व अवैध कॉलोनी बसाने वाली सोसायटियों के विरूद्ध रजिस्ट्रार, सहकारिता विभाग को नियमानुसार प्रभावी कार्यवाही हेतु लिखे जाने की कार्यवाहियां की जाएगी।

 

20 बीघा जमीन और 90 करोड़ का मुनाफा


बढ़ारणा ग्रुप हाउसिंग स्कीम और तेजाजी मंदिर-सरकारी स्कूल के पास विवादित कृषि भूमि को कई अधिकारियों व भू कारोबारियों ने बेनामी सपंति के तौर पर कुछ गरीब लोगों के नाम 10 साल पहले बहुत ही सस्ती कीमत केवल 30 लाख रुपए बीघा में खरीदी। बताया जा रहा है कि इस जमीन में कई प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के साथ ही एक पूर्व विधायक का पैसा लगा हुआ है। अब 20 हजार रुपए प्रति वर्ग गज से भूखंड बेचे जा रहे है। करीब 100 करोड़ का व्यापार होगा। किसानों को केवल 6 से 8 करोड़ का भुगतान किया है। सड़क डालने में 2 करोड़ खर्चा हुआ है। इस एक 20 बीघा की कॉलोनी में करीब 90 करोड़ का मुनाफा है। हालांकि जेडीए ने अपनी कार्रवाई में केवल पांच बीघा जमीन ही बतायी है।

 

सरकार के नाम होगी खातेदारी ?


बढ़ारणा की यह जमीन संयुक्त खातेदारी की है। एक ही खेत में कई हिस्सेदार है। विवाद का फायदा भूकोरोबारियों ने फायदा उठाया और धीरे धीरे प्रशासन व पुलिस का दबाव बना कर एक एक किसान की जमीन खरीद रहे है। यहां खसरा नं. 574, 575, 576, 577 व 669 के कुछ हिस्सा पर दो साल पहले ही अवैध कॉलोनी बसाना शुरु कर दिया और धीरे धीरे पट्टे बेच कर फैक्ट्री व गोदाम बन रहे है। जेडीए ने गुरुवार को यहां कार्रवाई नहीं की है। यहां तीन भूखंड पुलिस के बड़े अधिकारियों के दूसरे के नाम से लिए हुए है। यहां धड़ल्ले से निर्माण चल रहा है, लेकिन गुरुवार को जेडीए दस्ता बिना कार्रवाई ही लौट गया। खसरा नं. 674, 675, 676, 677, 652 के बड़े हिस्से में नई सड़क डाल कर धड़ल्ले से फैक्ट्री व गोदाम बन रहे है। कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनी विकसित करने व गैर कृषि उपयोग किये जाने के कारण संबंधित निजी खातेदारों के विरूद्ध धारा 175 राजस्थान कास्तकारी अधिनियम के तहत कार्यवाही कर खातेदारी सरकार के नाम की जाएगी। इसके लिए जोन 13 के प्रवर्तन अधिकारी गणेश सैनी जल्दी ही जोन 13 की उपायुक्त निशा को लिखेंगे। इसके बाद एसडीएम कृषि भूमि की खातेदारी सरकार के नाम कर देंगे।