कौन है 'एनकाउंटर मैन' वीसी सज्जनार, जो 11 साल पहले भी 3 को एनकाउंटर में कर चुके ढेर


हैदराबाद. तेलंगाना में शुक्रवार सुबह करीब 5.30 बजे हैदराबाद गैंगरेप मामले के अभियुक्तों को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराने वाले पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनार के मुताबिक चारों को तड़के घटनास्थल पर क्राइम सीन रिक्रिएशन के लिए ले जाया गया था. यहीं अपराधियों ने हथियार छीन कर पुलिस पर फायर किया और भागते हुए पत्थरबाजी की. पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में चारों को मार गिराया. इस घटनाक्रम के दौरान 10 पुलिसकर्मी मौजूद थे.

हैदराबाद पुलिस के इस एक्शन पर जहां लगातार बधाइयां दी जा रही है, वहीं बलात्कार कर हत्यार के आरोपियों को इस तरह से सजा देने पर वाह वाही भी मिल रही है. लेकिन इस पूरे मिशन को अंजाम देने वाले पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनार आखिर क्यों एनकाउंटर मैन कहे जाते हैं यह जान लेना जरुरी है.

कौन हैं सज्जनार?

1996 बैच के अधिकारी पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनार की इस एनकाउंटर में भूमिका की लोग काफी सराहना कर रहे हैं. एनकाउंटर मैन के नाम से विख्यात वीसी सज्जनार को सख्त मिजाजी, महिला सुरक्षा को लेकर संवेदनशील होने के लिए जाना जाता है. अपराधी उनके नाम से खौफ खाते हैं. पुलिस महकमें में भी उनकी बहादुरी, बॉल्डनेस और डिसिप्लेन के चर्चे रहते हैं.

2008 में संयुक्त आंध्र-प्रदेश के वारंगल जिले में एक स्कूली छात्रा पर कुछ लोगों ने एसिड से हमला कर दिया था. उस घटना का राज्यव्यापी विरोध हुआ था. इसी बीच खबर आई कि पुलिस ने एसिड हमले के तीन आरोपियों को मुठभेड़ में मार गिराया. उस समय वीसी सज्जनार वारंगल के पुलिस कप्तान हुआ करते थे और उन्हीं के नेतृत्व में ये एनकाउंटर किया गया था. जिसके बाद से उन्हें 'एनकाउंटर मैन' के नाम से जाना जाने लगा.

दरअसल बात 2008 की है जब सज्जनार वारंगल के एसपी थे. इस दौरान एस श्रीनिवास राव नाम के लडके ने एक लडकी को लव प्रपोजल दिया, लेकिन लड़की ने ठुकरा दिया. इस बात से खफा लड़के ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर प्रपोजल ठुकराने वाली इंजीनियरिंग कर रही छात्रा पर एसिड फेंका दिया था. जिसके बाद क्षेत्र में दहशत फैल गई और घटना से इलाके में काफी गुस्सा देखने को मिला. सज्जनार की अगुआई में स्पेशल टीम बनाई गई और कुछ ही घंटों में पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पर इस कहानी में बड़ा ट्विस्ट तब आया जब पकड़े जाने के बाद कुछ ही घंटों बाद खबर आई की पुलिस ने तीनों आरोपियों को एनकाउंटर कर मौत के घाट उतार दिया.

11 साल पहले हुए इस एनकाउंटर की थ्योरी भी ठीक वैसी ही बताई गई जैसी अभी के रेप और हत्याकांड के आरोपियों के एनकाउंटर में सामने आई है. एसिड अटैक के मामले में एनकाउंटर के बाद वारंगल पुलिस प्रेस को बताया कि घटनास्थल पर सबूत जुटाने के दौरान तीनों आरोपी सिपाहियों के हथियार छीनकर भाग रहे थे, मारपीट करने लगे. इसी दौरान क्रॉस फायरिंग हुई और एनकाउंटर में मारे गए. हालांकि उस वक्त भी कुछ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने इसे फेक एनकाउंटर बताया जैसा की आज बताया जा रहा है. कुछ ने आरोप लगाए कि जनता का गुस्सा शांत करने और त्वरित न्याय के लिए सुनियोजित तरीके से तीनों को मारा गया. लेकिन इन सबके बावजूद 2008 में घटनास्थल पर पुलिस के समर्थन में जमकर नारे लगाए गए और एनकाउंटर के बाद छात्रों ने पटाखे फोड़े. पुलिस द्वारा महज 48 घंटे में लिए गए एक्शन के बाद सज्जनार आमजन के हीरो बन गए. कई दिनों तक कॉलेज छात्र और छात्राएं उनसे मिलने उनके ऑफिस और घर जाते रहते थे.

11 साल पहले की इस कहानी को ठीक वैसे ही एक बार फिर दोहराया गया है. तेलंगाना में वेटरनरी डॉक्टर की हत्या और सामूहिक दुष्कर्म के चारों आरोपी शुक्रवार तड़के एनकाउंटर में मार दिए गए. साइबराबाद कमिश्नर वीसी सज्जनार की अगुआई में पुलिस की एक टीम आरोपियों को लेकर घटनास्थल पर पहुंची थी. पुलिस का कहना है कि आरोपी रीक्रिएशन के दौरान पुलिसकर्मियों के हथियार छीनकर भाग रहे थे. इसी दौरान क्रॉस फायरिंग में ढेर हो गए. तेलंगाना में सज्जनार की छवि एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की रही है.