योग शारीरिक व्यायाम नहीं, मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग


आज पूरा विश्व 8वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रहा है, Internation Yog Day का उद्देश्य लोगों में योग के प्रति जागरूकता लाना है, आम जीवन के लिए शरीर को निरोगी रखने के लिए योग अति महत्वपूर्ण है,सदियों पहले भारत में योग की शुरुआत हो चुकी थी, जो कि एक शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक प्रैक्टिस है.

योग दिवस का महत्व यही है कि लोगों में योगाभ्यास के प्रति जागरुकता फैलाई जा सके. क्योंकि, आजकल शारीरिक गतिविधि में कमी के कारण हमारा स्वास्थ्य काफी खराब हो गया है और योग, प्राणायाम और योगासनों का अभ्यास करके हम फिर से पूर्ण रूप से स्वस्थ बन सकते हैं, अगर बात करें प्राणायाम की तो प्राणायाम हमें मानसिक और आध्यात्निक तौर पर मजबूत बनाता है, प्राणायाम शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है 'प्राण+आयाम'...प्राण का अर्थ होता है जीवनी शक्ति, आयाम के दो अर्थ है, पहला कंट्रोल करना या रोकना और दूसरा लम्बा या विस्तार करना, अपनी देह के जीवन की अवस्था का नाम प्राण है और उस अवस्था के अवरोध को आयाम कहते है, इसका तात्पर्य़ यह है कि जीवन की अवस्था के अवरोध का नाम प्राणायाम हैं.

महर्षि पतंजलि ने प्राणायाम योग सूत्र 2/49 में परिभाषित करते हुए कहा:- तस्मित् सति श्वासप्रश्वास योर्गविविच्छेद योग की शक्ति ही हमें अंदर से मजबूत कर सकती है योग शब्द का उद्भव आज से सैकड़ों साल पहले हमारे ऋषि मुनियों ने पूरे विश्व को दिया था, योग शब्द का शाब्दिक अर्थ संस्कृत धातु के 'युज' शब्द से निकला है जिसका मतलब होता स्वयं की चेतना अथवा आत्मा का मिलन या समाधि से भी ले सकते है. योग भारतीय ज्ञान की पांच हजार वर्ष पुरानी शैली है. वर्तमान परिवेश में लोग आज योग को एक शारीरिक व्यायाम के तौर पर देखने लगे है, परंतु इसके उल्ट योग एक विज्ञान है, यह गहन विज्ञान की सबसे सतही पहलू है, योग विज्ञान में जीवनशैली का पूर्ण सार आत्मसात किया गया है, यह वो क्रिया जिसके माध्यम से अध्यात्म को समझा जा सकें,योग के पिता के रूप में महर्षि पतंजलि को जाना जाता है,पतंजलि के योग सूत्र पूरी तरह से योग के ज्ञान को समर्पित है, इन सूत्रों का ध्येय योग सूत्र के अभ्यास को अधिक समझने योग्य और आसान बनाना है, पतंजलि योग दर्शन के अऩुसार ''योगश्चित्तवृत्त निरोध''. आसान शब्दों में कहा जाए तो 'चित्त की वृत्तियों का निरोध ही योग है' मानवता को समर्पित है 2022 को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम यूएन के मुताबिक, पूरी दुनिया के लिए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 की थीम 'मानवता के लिए योग (Yoga for Humanity)' रखी गई है. इस योग दिवस की थीम 'योगा फॉर ह्यूमैनिटी' भी कोविड-19 के प्रभाव को देखते हुए चुनी गई है. क्योंकि कोरोना महामारी ने ना सिर्फ हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि चिंता (anxiety), अवसाद (depression) जैसी मनोवैज्ञानिक और मानसिक समस्याएं भी दी हैं. जो कि इस समय मानवता के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. वहीं, योग का मूल सार सिर्फ शरीर को स्वस्थ रखना या फिर दिमाग व शरीर के बीच संतुलन बनाना नहीं है, बल्कि दुनिया में मानवीय रिश्तों के बीच संतुलन बनाना भी है. इसलिए ही मानवता के लिए योग का सहारा लिया जाना चाहिए.

लेखक: लक्ष्मीनारायण (सर्टिफाइड योग प्रशिक्षक)