शाहपुरा विधानसभा सीट पर मुकाबला हुआ त्रिकोणीय, बीजेपी के बागी ने आरएलपी से ठोकी ताल


बीजेपी के बागी हरी प्रसाद बलिवाल बीजेपी के उपेन यादव और कांग्रेस के मनीष यादव के सामने RLP से आए मैदान में, लम्बे समय से क्षेत्र में थे राजनीतिक तौर पर सक्रिय

जयपुर. राजस्थान की राजनीति में टिकटों के बंटवार के बाद कहीं एक तरफा तो कहीं त्रिकोणीय समीकरण बनते नजर आ रहे हैं। खासकर पार्टी के लिए लगातार पांच साल समर्पित रहकर टिकट मांगने वालों को जब टिकट नहीं मिला तो अब बागी के रूप में निर्दलीय या अन्य पार्टियों से चुनाव लड़ने वालों ने पार्टी की नींद उड़ा रखी है। ऐसा ही एक त्रिकोणीय और रोचक मुकाबला अब शाहपुरा विधानसभा की सीट पर देखने को मिल सकता है। जहां बीजेपी ने बेरोजगारों के लिए आवाज उठाने वाले उपेन यादव पर दाव खेला है तो एक बार फिर कांग्रेस ने पिछली बार हारे हुए प्रत्याशी युवा नेता मनीष यादव पर दाव लगाया है। 

भाजपा व कांग्रेस पार्टी द्वारा टिकट इस विधानसभा सीट के लगातार टिकट होल्ड पर रखने से बेसब्री से इंतजार होता रहा। जिससे शाहपुरा विधानसभा सीट जयपुर जिले की हॉट सीट बन गई। यहां पर पहली बार दोनों ही पार्टियों द्वारा टिकट फाइनल करने में देरी हुई। बीजेपी के उपेन यादव और कांग्रेस के मनीष यादव दोनों के फाॅलोअर्स युवा हैं, दोनों यादव जाती से हैं। दोनों ही जीत भी इन्हीं युवाओं के भरोसे है। लेकिन इस बीच लगातार बीजेपी के लिए संघर्षरत रहे बीजेपी से टिकट मांग रहे हरी प्रसाद बलिवाल ने टिकट नहीं मिलने पर RLP से ताल ठोक दी है। एक स्थानीय जाट नेता के रूप में बलिवाल स्थानीय स्तर पर बीजेपी के मजबूत चेहरा थे लेकिन टिकट नहीं मिला। ऐसे में अब यहां मुकाबला रोचक होता नजर आ रहा है। यदि पिछले चुनावों को देखें तो इस सीट पर बागी होकर निर्दलीय रहते हुए ही पिछली बार आलोक बेनीवाल ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों के प्रत्याशियों को धूल चटाई थी। 

हरी प्रसाद बलिवाल को लेकर बीजेपी डैमेज कंट्रोल करने और उन्हें मनाने में नाकामयाब रही। माना जा रहा है कि इस सीट पर बलिवाल के मैदान में आने से मामला रोचक और त्रिकोणीय हो गया है। जहां बीजेपी और कांग्रेस प्रत्याशियों के पास पार्टी का सिंबल है वहीं बलिवाल अब RLP के सिंबल से जीत का दावा कर रहे हैं। अपनी सभाओं में अपनी व्यावसायिक उपलब्धियों के अलावा, बलिवाल एक समर्पित गौसेवक हैं और विभिन्न सामाजिक और सामुदायिक सेवा पहलों में सक्रिय रूप से योगदान देते रहे हैं। स्थानीय स्तर पर मंदिरों की सेवा और इससे जुड़े कार्यक्रमों के जरिए हिंदुवोट बैंक पर अपनी मजबूत पकड़ रखते हैं। 

हरी प्रसाद बलिवाल का कहना है कि सेवा ही मेरा संकल्प, सेवा ही मेरी प्रतिबद्धता है, इसलिए मुझे लगता है कि जनता के बीच लगातार सक्रिय रहने, उनके दुख सुख के साथी के रूप में हमेशा आगे रहने का अवसर मुझे दिया गया, मुझे जनता का आर्शीवाद जरूर मिलेगा। यदि चुनाव जीता तो क्षेत्र के विकास में कोई कमी नहीं आने जी जाएगी, गरीब को गणेश मानकर सेवा की जाएगी। कोई फर्क नहीं पड़ता की सामने कोन प्रत्याशी है। 

वहीं बीजेपी प्रत्याशी उपेन यादव ने कहा कि मैंने लगातार युवाओं की बेरोजगारी, पेपर लीक जैसे मसले उठाए हैं, बीजेपी जैसी पार्टी से मुझे टिकट मिला है तो मुझे जीत जरूर मिलेगी। 

कांग्रेस प्रत्याशी मनीष यादव भी मानते हैं कि युवाओं का साथ उनके साथ है। मैं लगातार संघर्ष कर रहा हूं, यहां की जनता की सेवा और क्षेत्र के विकास में हमेशा सक्रिय रहा हूं। गहलोत सरकार की विभिन्न गारंटी योजनाओं के दम पर जरूर सफल होंगे। 

क्या थे 2018 चुनाव के समीकरण?
2018 के चुनाव में शाहपुरा में निर्दलीय प्रत्याशी आलोक बेनिवाल कांग्रेस और बीजेपी दोनों पर भारी पड़े और जीत हासिल की। निर्दलीय प्रत्याशी और पूर्व राज्यपाल डॉ. कमला के बेटे आलोक बेनिवाल को जीत मिली थी. आलोक बेनिवाल ने 66,538 वोट हासिल किए जबकि कांग्रेस के मनीष यादव के खाते में 62,683 वोट मिले. भारतीय जनता पार्टी के राव राजेंद्र सिंह तीसरे स्थान पर खिसक गए थे, जिसके चलते उनका इस बार टिकट भी काटा गया। उन्हें 40,215 वोट मिले थे.

शाहपुरा सीट पर वोटर्स का गणित 
कुल 213 मतदान केन्द्रों पर मतदान होगा। जहां कुल वोटर्स 2 लाख 33 हजार 227 हैं। इनमें पुरूष मतदाता 1 लाख 22 हजार 163 हैं वहीं महिला मतदाता 1 लाख 11 हजार 064 हैं।