कोरोना हारेगा जीतेगा इंडिया. बस थोड़ा और रखें धैर्य, समझें 10 फैक्ट्स से


नई दिल्ली (सुभद्र पापड़ीवाल). भारत में कोरोना के आतंक से निपटने के लिए एक बार फिर लॉक डाउन को 3 मई तक बढा दिया गया है, पहले लॉक डाउन का वक्त 21 दिन का था जो 14 अप्रेल को समाप्त होने वाला था लेकिन इसे फिर बढा दिया गया. लेकिन इस बीच लगातार निराशा झेल रहे लोगों, व्यापारियों के लिए कुछ आशा की किरण भी बाजार में है.

लॉकडाउन के दौरान कई फार्मा, चिकित्सा और डिजिटल कंपनियों में उछाल देखा गया है. इंटरनेट आधारित व्यापार, ई-कॉमर्स से जुड़े सेक्टर बढेंगे वहीं परिवहन, भंडारण, वेयर हाउसिंग जैसे क्षेत्र लॉकडाउन खत्म होने के बाद तेजी से वापसी करेंगे. यात्रा, होटल, विदेश यात्रा और शॉपिंग मॉल जैसे क्षेत्रों में जल्द वापसी की उम्मीद नहीं है लेकिन दुनिया अब पहले जैसी नहीं रहते वाली है. अवसाद और निराशा के इस माहौल में जब हर व्यक्ति सकारात्मक (Positive) खबर की आस लगाए बैठा है तब हर तरफ से नकारात्मक (Negative) सुचनाएं और खबरें ही उसे नजर आ रही हैं.

इस बीच दूर क्षितिज पर कुछ बहुत सकारात्मक परिदृश्य दिखाई दे रहे हैं जो भारत के सुखद भविष्य की ओर इशारा कर रहे हैं. जानिए इन दस बिंदुओं से.

1. जुलाई माह के शुरूआती दिनों में जनसंख्या घनत्व के आधार पर कोरोना से होने वाली सबसे कम मौतों वाले देश के रूप में, भारत समस्त विश्व में जाना जाएगा. स्वच्छता के क्षेत्र में आश्चर्यजनक परिवर्तन आएगा.

2. संपूर्ण भारत में शासन, प्रशासन, स्वास्थ्य कर्मियों, चिकित्सकों और खासकर पुलिस का एक नया अवतार विश्व के सामने उभर कर सामने आएगा जो कि इस समूह के बारे में भारत में प्रचलित पुरानी बहुत सी नकारात्मक मान्यताओं को भी ध्वस्त करेगा.

3. भारत के विरुद्ध भ्रामक व मिथ्या प्रचार करने वाली सभी सूचना संस्थाओं को लगभग स्थाई तौर पर दरकिनार कर दिया जाएगा, चाहे वो भारत में हों अथवा अन्य किन्हीं देशों में. नकारात्मक माहौल बनाने वाली बहुत सी संस्थाओं, व्यक्तिओं और बहुत से समूहों को स्थाई रूप से भारत की आम आवाम तिरस्कृत कर देगी. कहीं-कहीं वे लोग आमजन के भारी आक्रोश का भी शिकार हो सकते हैं.

4. भारत-2020 दिसंबर के अंत तक दवाओं का बड़ा निर्यातक देश बनेगा. स्वाथ्य के क्षेत्र में चाहे वह मशीन व इक्विपमेंट्स हो अथवा फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री हो, भारत आश्चर्यजनक रूप से विश्व पटल पर उभरेगा. अस्पतालों के प्रति लोगों का रुख सिर्फ बीमारी के लिए नहीं बल्कि इसलिए भी होगा कि वो स्वस्थ हैं या ना नहीं इसकी समय समय पर जांच कराने लगेंगे.

5. चीन की वैश्विक साख में बहुत बड़ी गिरावट होगी और उतनी ही भारत की साख में गुणात्मक वृद्धि होगी. जापान और अमेरिका जैसे देशों की 200 से अधिक बड़ी कंपनियां जनवरी 2021 के आसपास भारत में स्थाई साझेदारों की व्यवस्था कर यहां स्थापित होने का निर्णय ले लेंगी.

6. अहिंसा व शाकाहार, नमस्कार सहित भारत की मूल व पुरातन संस्कृति को विश्व स्तर पर मान्यता मिलेगी एवं इसके विरुद्ध प्रचार करने वाले स्थानीय अथवा वैश्विक समूह लगभग बहिष्कृत कर दिए जाएंगे. पाश्चात्य संस्कृति से ना केवल भारतीय दूर होंगे बल्कि पश्चिमी देश भी पुरातन संस्कृति के करीब आएंगे.

7. गूगल, इंटेल, ओरेकल, माइक्रोसॉफ्ट जैसी दर्जनों कंपनियों में कार्यरत सैंकड़ों भारतीय वैज्ञानिक अपेक्षाकृत कम आमदनी में भी भारत में काम करने को प्राथमिकता देने लगेंगे. बदले हुए परिदृश्य में समस्त विश्व की प्राथमिकता "आर्थिक" से छिटक कर सामाजिक व आध्यात्मिक सुख व शांति की तरफ होने लगेगी.

8. यूरोप के अवसान के बाद भारत संसार का प्रमुख पर्यटन आकर्षण का केंद्र बनेगा जहां अकेला कश्मीर रिकॉर्ड पर्यटकों की मेजबानी करेगा. कश्मीर की आम आवाम के आर्थिक हालात आश्चर्यजनक गति से सुधरेंगे. स्थानीय लोग स्थानीय पर्यटन स्थलों को विदेशी पर्यटन से ज्यादा तवज्जों देते नजर आएंगे.

9. कुछ छोटी-बड़ी घटनाओं से नसीहत लेने के साथ भारत के पडौसी देशों के साथ स्थिर संबंध होंगे एवं शत्रुता रखने वाले देश लगभग शांत होकर व्यापारिक संबंधों को सुदृढ़ बनाने की कोशिश प्रारंभ करेंगे. सार्क देशों सहित अन्य विकासशील देशों के साथ भारत के निर्यात में 2021 तक लगभग 25% की वृद्धि होगी.

10. 2021 में भारत की GDP रफ्तार पकड़ेगी जो 6.5- 7 तक पहुंच सकती है. लगभग अक्टूबर-2020 तक भारत में बेरोजगारी सर्वाधिक रहने का अंदेशा होगा. 2021 में MSME बहुत शीघ्रता से पुनरोत्थान करेंगी जो लगभग 50 से 55% तक असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को रोजगार देगी. यह वह समय होगा जब भारत की बेरोजगारी दर न्यूनतम स्तर पर आएगी.