जयपुर में आयकर चोरों के 1700 करोड़ से अधिक के दस्तावेेज मिले आयकर विभाग को! मुहाणा मंडी क्षेत्र के कई और बिल्डर्स पर भी पैनी नजर


  • गोकुल कृपा बिल्डर, चौरड़िया समूह और सिल्वर आर्ट पैलेस के ठिकानों पर आयकर छापे.
  • आयकर विभाग ने मंगलवार और बुधवार को प्रदेश के तीन कारोबारी समूहों के 30 से ज्यादा ज्यादा ठिकानों पर छापे मारे.
  • जयपुर के सिविल लाइन, अजमेर रोड, आमेर रोड, जल महल के सामने, ब्रह्मपुरी सहित कई शहरों में छापे की कार्रवाई.
  • आयकर विभाग के 200 से ज्यादा अफसर और कर्मचारी जुटे टैक्स चोरों पर कार्रवाई में.
  • आयकर छापों में बड़े पैमाने पर अघोषित आय मिलने की संभावना.
  • मुहाणा मंडी क्षेत्र में बड़े रियल एस्टेट कारोबारियों पर भी पैनी नजर.
  • हाल में मुहाणा मंडी क्षेत्र में किए गए बड़े जमीन के सौदे लेकिन नम्बर वन और नम्बर दो के पैसे का एडजेस्टमेंट की खबर.
  • वास्तविक आय छुपाकर टैक्स चोरी करी इस बड़े ग्रुप ने.
  • जिन समूहों पर कार्रवाई की गई वो इन्ही क्षेत्रों में भी लगातार कर रहे थे जमीन के कारोबार.

जयपुर. आयकर विभाग ने टैक्स चोरों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए सूत्रों के मुताबिक करीब 1700 करोड़ से अधिक के दस्तावेज बरामद किए हैं.  जिन बड़े ग्रुप्स पर टैक्स चोरी का आरोप है उनमें गोकुल कृपा बिल्डर्स एंड कॉलोनाइजर, सिल्वर आर्ट के नवरतन अग्रवाल, चोरड़िया सिटी का नाम शामिल है. छापेमारी आयकर विभाग के 200 से अधिक अधिकारी और कर्मचारियों ने की. हालांकि वास्तविक आंकड़ा क्या है इसका अभी खुलासा होना है. 

बता दें कि प्रदेश में तीन कारोबारी समूहों पर आयकर छापा मारा गया है. सूत्रों के मुताबिक चोरडिया डवलपर्स समूह के यहां छापे में जहां 250 करोड़ रुपये की जमीन के दस्तावेज मिले हैं वहीं 430 करोड़ रुपये के कारोबार और 133 करोड़ रुपये की कंपनी खरीद के दस्तावेज भी मिले हैं. गोकुल कृपा बिल्डर्स और सिल्वर आर्ट ग्रुप के यहां से भी काली कमाई का खुलासा हुआ है. 1000 करोड़ की संपत्तियों के सबूत यहां मिले हैं. बताया जा रहा है कि रेरा में रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट्स का करोड़ों का आयकर नहीं चुकाया गया और इन ग्रुप्स ने जमकर टैक्स चोरी की. बिना टैक्स दिए ही अरबों की सम्पत्ति खरीदी गई. रॉयल रेजिडेंसी, रॉयल एनक्लेव, गोकुल आंगन, रॉयल ग्रीन सिटी प्रोजेक्टो की जांच जारी है. विभाग को जमीनों के धंधे में खपाई जा रही काली कमाई की अहम जानकारी मिली थी जिसके बाद हेंडीक्राफ्ट, रियल एस्टेट और ज्वैलरी समूह पर मारे गए छापे में जब्त दस्तावेज कई राज खोल रहे हैं. आयकर विभाग के अधिकारियों को नकदी, जमीनों में निवेश, शेयर बाजार में निवेश, लॉकर्स में जमा धन और एसटीएसी के नाम जमीन खरीद के कई ऐसे प्रमाण हाथ लगे हैं जो राजस्व चोरी के बड़े मामले का खुलासा करते हैं. 

आयकर छापों में चौरडिया डवलपर समूह की अघोषित संपत्ति का खुलासा हुआ है. विभाग को समूह की जयपुर में ढाई सौ करोड़ रुपये की जमीन के दस्तावेज और अजमेर रोड पर जमीनों में निवेश के बड़ी संख्या में दस्तावेज मिले है. समूह के कुल 430 करोड़ रुपये के कारोबार और 133 करोड़ रुपये की कंपनी को फर्जी तरीके से खरीदने के दस्तावेज मिले हैं. ग्रुप के सहयोगियों पर भी विभाग की निगाहें हैं. छापों में गोकुल कृपा बिल्डर्स और सिल्वर आर्ट ग्रुप की काली कमाई का जखीरा मिला है.


और भी टैक्स चोर नम्बर पर 

बताया जा रहा है कि इन बिल्डर्स के अलावा मानसरोवर एक्सटेंशन, मुहाणा मंडी, पत्रकार काॅलोनी, अजमेर रोड़, सिरसी, कालवाड़ रोड़ क्षेत्र के कई रियल एस्टेट कारोबारियों पर भी आयकर विभाग की नजरें हैं जहां हाल में हुए जमीनों के बड़े सौदों में नम्बर एक में कम पैसा दिखाया गया, और नम्बर दो में ज्यादा पैसा लिया गया. ऐसे ही कुछ बड़े सौदे मुहाणा मंडी क्षेत्र में भी हुए जिसपर भी आयकर विभाग की इंटेलीजेंसी टीम सबूत जुटाने में लगी है. 

 

सूत्रों के मुताबिक बाजार लेनदेन सहित करोड़ों के निवेश दस्तावेज बरामद किए गए हैं. छुपाकर रखे गए कागजों, डायरियों और डिजिटल उपकरणों में कई महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं. सबसे अधिक निवेश जमीनों के कारोबार में किया जाना सामने आया है. इसके अलावा शेयर बाजार, गोल्ड, ब्याज पर पैसा कमाने को लेकर भी भारी लेनदेन सामने आया है. कोड वर्ड में लिखे लेनदेन को डिकोड किया जा रहा है. लॉकर्स की जांच जारी है.