जानिए भारतीय सेना में शामिल हुए अपाचे हेलीकॉप्टर की 10 बड़ी बातें, जिससे चीन और पाकिस्तान की नींद उड़ी


पठानकोट (पंजाब). दुनिया के सबसे आधुनिक बहु-उद्देश्यीय लड़ाकू हेलीकाप्टरों में से एक है AH-64E अपाचे (Apache) भारतीय वायुसेना के बेडे में शामिल हो गए हैं. पिछले कुछ समय से भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच पाकिस्तानी सीमा के करीब पठानकोट एयरबेस पर अमेरिका से मिले अधुनिक तकनीक वाले आठ अपाचे हेलीकॉप्टर तैनात कर दिए गए हैं. बडी बात यह है कि अमेरिकी सेना भी इसका इस्तेमाल करती है. तैनाती से पहले अपाचे हेलीकॉप्टर्स को वॉटर कैनन से सलामी दी गई. पठानकोट एयर बेस में शामिल होने से पहले एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ और वेस्टर्न एयर कमांडर एयर मार्शल आर नांबियार ने अपाचे हेलीकॉप्टरों की पूजा की. इस एयरबेस पर अपाचे की तैनाती से भारतीय एयरफोर्स की ताकत और बढ़ जाएगी. वायुसेना ने 22 अपाचे हेलीकाप्टरों के लिए सितंबर 2015 में अमेरिकी सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे. भारतीय वायुसेना अमेरिका से मिल रहे 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों को पठानकोट और चीन बार्डर की सुरक्षा के लिए असम के जोरहट में तैनात रखेगी. यह हेलीकॉप्टर्स का पहला बेड़ा है. हेलीकॉप्टर्स की पहली डिलीवरी तय समय से पहले हुई है. भारतीय वायुसेना साल 2020 तक 22 अपाचे हेलीकॉप्टर के बेड़े को संचालित करेगी. वायुसेना के लिए AH-64E अपाचे ने जुलाई 2018 में पहली सफल उड़ान पूरी की थी. वायुसेना के पहले बैच ने साल 2018 में अमेरिका में अपाचे को उड़ाने के लिए अपना प्रशिक्षण शुरू किया था. पठानकोट एयरबेस रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है. यह एयरबेस पाकिस्तानी सीमा से लगभग 150 किलोमिटर की दूरी पर है. वहीं दिल्ली से इसकी दूरी लगभग 450 किलोमीटर है. यही नहीं 2 जनवरी 2016 को पठानकोट एयरबेस में घुसकर पाकिस्तान के 5 आतंकियों ने हमला किया था. उन्हें खत्म करने के लिए दिल्ली से एनएसजी कमांडो बुलाने पड़े थे. ऐसे में अब इन हेलीकॉप्टर्स की तैनाती से इस स्थिति में तुरंत बड़ा एक्शन लिया जा सकेगा.

 

जानिए AH-64E अपाचे हेलीकॉप्टर की भारतीय सेना में एंट्री से जुड़ी 10 बड़ी बातें-

1- वायुसेना रूस निर्मित एमआई-35 का इस्‍तेमाल वर्षों से कर रही है, जो रिटायरमेंट के कगार पर है. जिसके चलते अपाटे हेलीकॉप्टर का भारतीय सेना में अहम रोल होगा. 

2- अपाचे हेलीकॉप्टरों को भारतीय वायुसेना की भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया गया है. बोइंग ने दुनिया भर में 2,200 से अधिक अपाचे हेलीकॉप्टर का सौदा किया है. भारत इसे इस्तेमाल करने वाला 14वां देश होगा. 

3- अपाचे हेलीकॉप्टर को उड़ाने के लिए 2 पायलट होने जरूरी हैं. इसकी ऊंचाई 15.24 फीट है और इसका वजन 6,883 kg है अपाचे हेलीकॉप्टर के बड़े विंग को चलाने के लिए 2 इंजन होते हैं, इस वजह से इसकी रफ्तार बहुत ज्यादा है.

4- अपाचे एक मल्टी रोल कॉम्बैट हेलिकॉप्टर है. अमेरिका तक ने इराकी सेना से लड़ाई में और अफगानिस्तान की पहाड़ियों में छिपे तालिबान को नष्ट करने में इसी हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया था. 

5- भारतीय वायुसेना में अपाचे पहला ऐसा हेलीकॉप्‍टर है जो विशुद्ध रूप से हमले करने का काम करेगा. करीब पौने तीन घंटे तक उड़ान भरने वाला ये अटैक हेलीकॉप्टर दुश्मन पर जब टूटता है तो उसकी शामत आ जाती है, दुश्मन की बर्बादी निश्चित है.

6- यह दुनिया के सबसे उन्नत बहु-भूमिका लड़ाकू हेलीकॉप्टर में से एक है, इससे वायुसेना के लड़ाकू क्षमता में बढ़ोत्तरी होगी.

7- अपाचे दुश्‍मन की किलेबंदी को भेदकर और उसकी सीमा में घुसकर हमला करने में सक्षम है. ऊंचे पहाड़ों में बने आतंकी कैंपों और दुश्मन सेना के ठिकानों पर ये हमला करने में सक्षम हैं या यों कहें कि अपाचे के लिए चुटकी का खेल है.

8- यह हेलीकॉप्टर 293 किमी प्रति घंटा उड़ सकता है तथा एजीएम-114 हेलीफायर मिसाइल और स्ट्रिंगर मिसाइलें से लैस है. इस हेलीकॉप्टर को अपनी डिजाइन की वजह से रडार आसानी से पकड़ नही पाता है. इसमें एक सेंसर भी लगा है, जिसकी वजह से ये हेलीकॉप्टर रात में भी ऑपरेशन को अंजाम दे सकता है. यही नहीं, इस हेलीकॉप्टर में 30 एमएल की दो गन लगी हुई हैं.

9- अपाचे के पायलट जिस तरफ देखते हैं, उसमें लगी ऑटोमेटिक गन उसी दिशा में घूम जाती है. अपाचे (Apache) में हाइड्रा अनगाइडेड रॉकेट 8 किलोमीटर तक टारगेट को तबाह करने की गारंटी देते हैं.

10- ये हेलीकॉप्टर्स रात के अलावा किसी भी विपरित मौसम में भी ऑपरेशन को अंजाम देने में सक्षम हैं.