किसान आंदोलन में हिंसा, अर्धसैनिक बलों की 15 कंपनियां, CRPF की 10 कंपनियां तुरंत तैनात करने के गृहमंत्रालय ने दिए आदेश


नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों द्वारा निकाली गई ट्रैक्टर रैली उग्र होने पर हुई हिंसा के बाद केंद्र सरकार सख्त हो गई है. केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय इस पूरे घटनाक्रम को गंभीरता से लिया है. राजधानी में उपद्रवियों से निपटने के लिए अर्धसैनिक बलों की 15 कंपनियां तैनात करने का फैसला किया गया है. सीआरपीएफ की 10 कंपनियों के एक हजार जवान और 5 अन्य पैरामिलिट्री फोर्स के 500 जवान शांति व्यवस्था कायम करने के लिए तैनातगी का फैसला हुआ है. किसान गहमागहमी के बीच लाल किला पहुंचे जहां, उन्होंने अपना झंडा फहराया, हालांकि मुख्य स्थान पर लगे तिरंगे को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया. मंगलवार को किसान हिंसा के बाद गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में बैठक हुई, जहां उन्होंने हालात का जायजा लिया गया. बैठक में अशांति वाली जगह 15 कंपनियों के 1500 जवाब तैनात करने का फैसला लिया गया और उपद्रवियों से सख्ती से निपटने के आदेश दिए गए हैं.

 

इंटरनेट पर अस्थाई रोक


राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा की घटना के बाद सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर, मुबारका चौक और नांगलोई में इंटरनेट की सर्विस अस्थाई तौर पर रोक दी गई है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह आदेश जारी किया है. आदेश के मुताबिक, 26 जनवरी रात 12 बजे तक इंटरनेट सेवा बंद रहेगी.