केंद्रीय कोयला मंत्री के साथ राजस्थान के ऊर्जा मंत्री की उच्च स्तरीय बैठक, पीईकेबी कोल खदानों के मसले पर हुई चर्चा


जयपुर। परसा ईस्ट व कांटे बासन कोयला खदानों से खनन में आ रही बाधाओं के कारण वर्तमान में हो रही कोयले की कमी को दूर करने एवं राजस्थान के थर्मल विद्युत गृहों को पर्याप्त कोयला उपलब्ध कराने के लिए राजस्थान सरकार के ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा विभाग भास्कर ए. सावंत, अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम आर.के. शर्मा एवं अतिरिक्त मुख्य अभियन्ता देवेन्द्र श्रृंगी के साथ केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी से मंगलवार को शास्त्री भवनए नई दिल्ली में केन्द्रीय कोल सचिव अनिल जैन एवं अन्य उच्चाधिकारियों की उपस्थिति में वार्ता की।

बैठक में कोयले की उपलब्धता में कमी के मद्देनजर राजस्थान को एनसीएलए एसईसीएल एवं एमसीएल से 3 कोयले की रैक बढ़ाने पर सहमति बनी। अब राज्य के विद्युत गृहों को एनसीएल से 6 कोयले की रैक प्रतिदिन और एसईसीएल से 4 कोयले की रैक प्रतिदिन प्राप्त होगी और एमसीएल से भी वर्तमान में प्राप्त हो रही कोल रैक की आपूर्ति में वृद्धि की जायेगी। केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने एमसीएल से कोयले का उठाव बढ़ाने के लिए राजस्थान सरकार से रेल समुद्र रेल मार्ग से भी कोल परिवहन की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा ताकि कोयले के परिवहन में रेल रूट में ट्रेफिक दबाव की समस्या से निपटा जा सके।

राजस्थान के सभी विद्युत गृहों को आवश्यकतानुसार कोयला प्राप्त हो इसके लिए रेलवे रैक्स को उत्पादन निगम की मांग के अनुसार डायवर्जन करने के लिए कोयला मंत्री ने बैठक में उपस्थित रेलवे के प्रतिनिधि को निर्देशित किया। केन्द्रीय कोयला मंत्री द्वारा राजस्थान सरकार को छत्तीसगढ़ शासन से वार्ता कर पीईकेबी माइंस को जल्द शुरू कराने पर जोर दिया गया। साथ ही स्पष्ट किया कि पूर्व में उन्होने भी पीईकेबी से माईनिंग कार्य शुरू करवाने हेतु छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री से चर्चा की है और पुनः इस विषय में वार्ता कर पीईकेबी कोल माइंस से खनन प्रारम्भ करने हेतु प्रयास किये जायेंगे।

ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी, प्रमुख शासन सचिव ऊर्जा विभाग भास्कर ए. सावंत, अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम, आर.के.शर्मा द्वारा प्रभावी तरीके से मीटिंग में राज्य का पक्ष रखा गया। कोयले की 3 रैक बढ़ोतरी से राजस्थान के विद्युत गृहों में कोयले की समस्या का पूर्ण समाधान तो नहीं होगा परन्तु स्थिति से निपटने में मदद जरूर मिलेगी। बैठक के दौरान केन्द्रीय कोल सचिव, भारत सरकार द्वारा कोयले की कमी को देखते हुए सीजीपीएल से वर्तमान में खरीदी जा रही 380 मेगावाट के अतिरिक्त भी बिजली खरीदने का सुझाव दिया गया ताकि राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के विद्युतगृहों में कोल स्टॉक को बढ़ाया जा सकें।