गृह निर्माण सहकारी समितियों की अनियमितताओं के खिलाफ सरकार सख्त, मुख्य सचिव ने दिए पुख्ता कार्रवाई के निर्देश


जयपुर। बैक डेट में योजना सृजित कर पट्टे जारी करना, भूखण्डों के नाप में परिवर्तन, समिति के स्तर पर एक ही भूखण्ड के दो पट्टे जारी करना, बंद अथवा निष्कि्रय एवं पंजीयन निरस्त होने के बाद भी अवैध भू-कारोबार करना, सरकारी जमीन पर कब्जा कर अवैध पट्टे काटना, समय पर ऑडिट नहीं करवाना सहित विभिन्न अनियमितताएं करने वाली गृह निर्माण सहकारी समितियों की अब खैर नहीं होगी।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर राज्य के मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने ऐसे मामलों में तुरंत सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही इन समस्याओं के स्थाई समाधान के लिए भी आवश्यक प्लान तैयार करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को जारी किए हैं। ताकि विभिन्न विभाग आपस में समन्वय कर स्थायी निदान निकाल सकें।

मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने कहा कि गृह निर्माण सहकारी समितियों में हो रही अनियमितताएं एक गंभीर मुद्दा है तथा इस संबंध में ऎसा मैकेनिज्म प्रस्तावित किया जाए जिससे इसका स्थायी समाधान संभव हो सके।

आर्य सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गृह निर्माण सहकारी समितियों में हो रही अनियमिततओं के संबंध में बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि समितियों में हो रही अनियमितताओं को हल करने के लिए तकनीक का भी ज्यादा से ज्यादा प्रयोग किया जाना चाहिए तथा एक सेन्ट्रलाइज्ड टेक्नॉलोजी सिस्टम विकसित किया जाना चाहिए।

उन्होंने जेडीए, यूडीएच, सहकारिता तथा पुलिस विभाग को इस संबंध में अपने- अपने विभागों में बैठक करने के निर्देश दिए। बैठक में सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार मुक्तानन्द अग्रवाल ने समितियों में हो रही अनियमितताओं के संबंध में प्रस्तुतिकरण द्वारा विस्तृत चर्चा की तथा इस समस्या के हल के लिए विस्तृत कार्ययोजना भी प्रस्तुत की।

बैठक में गृह विभाग के प्रमुख शासन सचिव अभय कुमार, सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव भास्कर ए. सांवत, नगरीय विकास के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा, जयपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त गौरव गोयल ने भी अपने सुझाव दिए। बैठक में पुलिस, सूचना प्रौद्योगिकी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी वीडियो कांन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े हुए थे।