73% किराएदार नए साल में चाहते हैं मकान खरीदना


नई दिल्ली. घर बनाना हर किसी का सपना होता है. कौन नहीं चाहता कि उसका अपना घर हो. किराए से मुक्ति मिले. खुद का घर हो तो कहना ही क्या. हर व्यक्ति का जीवन का सपना होता है रोटी, कपड़ा और मकान. शायद यही कारण है कि ‘इंडिया रियल एस्टेट रिपोर्ट 2020’ में आवासीय संपत्ति (Residential Property) के कुछ ऐसे उत्साहजनक रुझान मिले हैं, जिनसे पता चलता है कि कोरोना महामारी (Corona pandemic) के बाद रियल एस्टेट बाजार (Real Estate Market) में मांग निकल रही है.

इस रिपोर्ट से पता चला है कि दिल्ली में लगभग 73% किरायेदार 2021 में अपना मकान खरीदने की तैयारी कर रहे हैं. यह लोग अपनी जेब के अनुरूप मकानों की खेाज कर रहे हैं. चाहे वो घर दिल्ली में हो या कहीं भी लेकिन किराए का न होकर अपना घर हो.

रिपोर्ट में रियल एस्टेट कारोबारियों के लिए एक और अच्छी बात सामने आई है. यह रिपोर्ट बताती है कि इस समय हर शहर या कस्बे में रहने वाले अधिकतर किराएदार खुद के मकान की खोज में हैं. दिल्ली एनसीआर में भले ही ऐसे किराएदारों का प्रतिशत 73 है, लेकिन यदि राष्ट्रीय औसत देखें तो यह 82 फीसदी है. जो बताता है कि 2021 प्रॉपर्टी कारोबारियों के लिए अच्छा रहने वाला है. खासकर अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए.

नोब्रोकर डॉट कॉम के सर्वे में जहां दिल्ली के लोगों के मन की यह बात निकल कर सामने आई है वहीं देश के अन्य राज्यों में भी लोग कुछ ऐसा ही सपना संजो रहे हैं. लोग जो किराए पर रह रहे हैं चाहते हैं कि उनको किराए से मुक्ति मिले और छोटा ही सही लेकिन खुद का घर हो. वैसे इस पूरे मामले में आजकल अफॉर्डेबल हाउसिंग कंसेप्ट सबसे पॉपुलर है. चाहे अफोर्डेबल फ्लैट की बात हो या छोटे मकान की, सबसे ज्यादा रुझान इन्हीं के प्रति देखा जा रहा है.