गहलोत बोले, 'अब आपस में भूलो, माफ करो और आगे बढ़ो की भावना के साथ डेमोक्रेसी को बचाने की लड़ाई में लगना है'


जयपुर. राजस्थान कांग्रेस की सियासत में चली लंबी रस्साकशी और मनमुटाव के बाद अब सचिन पायलट और अशोक गहलोत दोनों ही एक दूसरे के खिलाफ बयान बाजी में थोड़े नरम पड़ते दिखाई दे रहे हैं. हालांकि सचिन पायलट पहले से ही बयानबाजी से दूर थे लेकिन गहलोत कैंप की ओर से की गई बयानबाजी इन दोनों नेताओं के बीच में मनमुटाव का एक और बड़ा कारण बन गई. इन सबके बीच अब जब मामला शांत हो रहा है तो राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी कहीं ना कहीं चाहते हैं कि अब फिर से ध्यान सरकार चलाने, प्रदेश के विकास, लोगों की समस्याओं के समाधान पर केंद्रित किया जाए.

इसी कड़ी में गुरुवार को CM अशोक गहलोत ने कहा कि 'कांग्रेस की लड़ाई तो सोनिया गांधी जी और राहुल गांधी जी के नेतृत्व में डेमोक्रेसी को बचाने की है. पिछले एक माह में कांग्रेस पार्टी में आपस में जो भी नाइत्तेफ़ाकी हुई है, उसे देश के हित में, प्रदेश के हित में, प्रदेशवासियों के हित में और लोकतंत्र के हित में हमें फॉरगेट एन्ड फॉरगिव करना चाहिए. यानी अब आपस में भूलो और माफ करो, आगे बढ़ो की भावना के साथ डेमोक्रेसी को बचाने की लड़ाई में लगना है.'

गहलोत ने यह भी कहा कि 'मैं उम्मीद करता हूँ कि फॉरगेट एन्ड फॉरगिव की भावना के साथ सेव डेमोक्रेसी हमारी प्रायोरिटी होनी चाहिए. देश में वन बाई वन चुनी हुई सरकारों को तोड़ने की जो साजिश चल रही है, यह लोकतंत्र को कमजोर करने का बहुत बड़ा गेम है. कर्नाटक, मध्यप्रदेश, अरुणाचल प्रदेश आदि राज्यों में सरकारें जिस तरह टॉपल की जा रही हैं, ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स, ज्यूडिशियरी का जो दुरूपयोग हो रहा है ये डेमोक्रेसी को कमजोर करने का डेंजरस गेम है.' उधर आलाकमान के निर्देश पर केसी वेणुगोपाल को राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच में बड़ी हुई दूरियों को कम करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. ऐसी वेणुगोपाल भी अब दोनों नेताओं को साथ बिठाकर मन में खटास को दूर करने का हर संभव प्रयास करेंगे.