राहुल गांधी के नेतृत्व पर उठे सवाल तो बचाव में फ्रंट फुट पर आए अशोक गहलोत


जयपुर. राहुल गांधी की लीडरशिप पर उठाए जा रहे सवालों के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत उनके बचाव में फ्रंट फुट पर आए हैं. और राहुल के नेतृत्व पर सवाल उठाने वालों को दो टूक जवाब भी दिया है.

अशोक गहलोत ने कहा कि'राहुल गांधी की ताकत का एहसास इसी बात से किया जा सकता है कि राहुल जी कोई भी मुद्दा उठाते हैं तो मोदी सरकार के सभी मंत्री अपना सारा काम छोड़कर राहुल गांधी को घेरने लगते हैं.'

गौरतलब है कि कांग्रेस के सहयोग से महाराष्ट्र में सत्ता पर काबिज शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमता पर सवाल खड़े किए थे वहीं, यूपीए काेेे NGO करार देते हुए शिवसेना ने इसका नेतृत्व NCP के मुखिया शरद पवार को सौंपने की वकालत की. सामना में लिखा गया कि यूपीए की हालत एनजीओ जैसी हो गई है.

संपादकीय में शिवसेना ने कहा कि किसान आंदोलन के 30 दिन बीत जाने के बाद भी सीमा पर आंदोलन कर रहे किसानों को लेकर सरकार बेफिक्र है क्योंकि विपक्ष कमजोर है. विपक्ष की हालत बंजर गांव के मुखिया का पद संभालने जैसा है. दिल्ली सीमा पर बैठे किसानों की सुध लेने वाला कोई नहीं है.

सामना में लिखा गया कि कांग्रेस के नेतृत्व में एक यूपीए नाम का राजनीतिक संगठन है. लेकिन यूपीए की हालत एनजीओ की तरह होती दिख रही है. यूपीए में शामिल पार्टियां किसानो के असंतोष को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. यूपीए में शामिल दल कौन हैं और वे क्या करते हैं इसे लेकर भ्रम की स्थिति है. राहुल गांधी पर्याप्त काम कर रहे हैं लेकिन उनके नेतृत्व में कुछ कमी है. कांग्रेस को पूर्णकालिक अध्यक्ष की जरूरत है.

शिवसेना के सामना में लिखे गए इसी लेख के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राहुल गांधी का बचाव किया है और उनकी नेतृत्व क्षमता को सक्षम बताया है.