जीडीपी में 24 साल में सबसे बड़ी गिरावट, 23.9 फीसदी की कमी, मोदी सरकार पर उठे सवाल


नई दिल्ली. वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में 24 साल में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. सोमवार को जारी सरकारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल से जून तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था में 23.9 फीसदी की गिरावट आई है. जो एक नया रिकॉर्ड बनाते नज़र आ रही है. हालांकि मोदी सरकार के आर्थिक प्रबंधन पर भी सवाल उठ रहे है लेकिन कोरोना वायरस महामारी ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है. कम उपभोक्ता मांग और घटते निजी निवेश के चलते यह स्थिति उत्पन्न हुई है.

 

बड़ी बातें


- चिंता की बात यह है कि मोदी सरकार द्वारा 21 लाख करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता के बावजूद कोरोना वायरस महामारी की वजह से कारोबार और आम इंसान पर भारी असर पड़ा. 


- सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के मुताबिक, '2020-21 की पहली तिमाही में जीडीपी 26.9 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है जो कि 2019-20 की पहली तिमाही में 35.35 लाख करोड़ रुपये थी. इसमें 23.9 फीसदी की गिरावट देखी जा सकती है.'


- सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के प्रयास कर रही है लेकिन कोरोना महामारी के चलते अभी भी अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है. - साल 1996 के बाद यह पहली बार है जब जीडीपी के तिमाही नतीजों में इतनी बड़ी गिरावट देखी गई है.


- बीते साल इसी अवधि में जीडीपी ग्रोथ 5% थी. वहीं, जनवरी-मार्च तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 3.1% थी, जो बीते आठ साल में सहसे कम थी.


- सरकार का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी के चलते निजी निवेश में भारी कमी आई है और उपभोक्ता मांग में गिरावट रही जिसके चलते जीडीपी इतने नीचे चली गई है.