अंबाला एयरबेस पर राफेल विमानों की 'हैप्पी लैंडिंग', देश की सीमाओं में आते ही हुआ जबरदस्त स्वागत


नई दिल्ली. भारतीय वायुसेना के बेडे में अब राफेल का जलवा देखने को मिलेगा. अंबाला में भारतीय वायु सेना के एयरबेस पर पांचों राफेल विमान की हैप्पी लैंडिंग हुई. ये विमान फ्रांस से 7 हजार किलोमीटर की दूरी तय करके भारत पहुंचे. भारत ने वायुसेना के लिये 36 राफेल विमान खरीदने के लिये चार साल पहले फ्रांस के साथ 59 हजार करोड़ रुपये का करार किया था.

पांच राफेल विमानों ने सोमवार को फ्रांसीसी शहर बोडरे में मेरिनैक एयर बेस से उड़ान भरी थी. बेड़े में तीन सिंगल सीटर और दो डबल सीट वाले विमान शामिल हैं. इन्हें भारतीय वायुसेना में इसके 17वें स्क्वाड्रन के हिस्से के रूप में शामिल किया जा रहा है. अंबाला एयर बेस पर 'गोल्डन एरो' के रूप में भी जाना जाता है. पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच राफेल मौजूदा परिदृश्य में भारत के लिए एक गेम चेंजर होगा. कहा जा रहा है कि यह भारत की वायुशक्ति को कई गुना बढ़ा देगा. राफेल 4.5 जेनरेशन का विमान है और इसमें नवीनतम हथियार व बेहतरीन सेंसर लगे हैं.

खास बात यह है कि हिलाल अहमद राथर राफेल उड़ाने वाले भारत के पहले पायलट बने. कश्मीर के हिलाल अहमद ही वह शख्स हैं, जिन्होंने राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप को विदाई दी, जो फ्रांस से भारत के लिए सोमवार को उड़ान भरी. इतना ही नहीं, वह भारतीय जरूरतों के अनुसार, राफेल विमान के शस्त्रीकरण से भी जुड़े रहे हैं. राफेल में भी भारतीय कंडिशन के हिसाब से हिलाल ने हथियारों का जखीरा भरवाया और फिर इसकी क्विक डिलीवरी भी सुनिश्चित कराई. भारतीय वायुसेना के इस अधिकारी के करियर डेटेल्स के मुताबिक, हिलाल अहमद दुनिया में यह सर्वश्रेष्ठ फ्लाइंग अधिकारी हैं.

बड़ी बात यह रही कि पांच राफेल विमानों लगातार दो सुखाई विमान एस्कॉर्ट करते रहे.