फिनलैंड: हफ्ते में 4 दिन काम, 3 दिन छुट्टियों का प्रस्ताव, यह हैं दुनिया के सबसे खुश इस देश की 10 खासियत


फिनलैंड/ नई दिल्ली. 'देश में अब रोज 8 घंटे और हफ्ते में 5 दिन काम करने की जरूरत नहीं होगी, इससे बचने वाले समय को लोग परिवार और प्रियजनों के बीच बिताएं. इससे परिवार तो मजबूत होगा ही, देश की उत्पादन क्षमता भी बढ़ेगी. स्वीडन में 2015 में हफ्ते में 6 घंटे रोज काम करने के फैसले से क्रांतिकारी बदलाव आया है. वहां न सिर्फ उत्पादकता बढ़ी, बल्कि अमीरी और खुशहाली के पैमाने में भी उसने दो पायदान छलांग लगाई.' यह बात कहकर एक माह पहले ही फिनलैंड में दुनिया की सबसे युवा प्रधानमंत्री बनीं सना मारिन ने हफ्ते में 4 दिन और रोज 6 घंटे काम का प्रस्ताव लाकर सबको चौंका दिया. यानि फॉर-डे वर्किंग अब सब ठीक रहा तो जल्द फिनलैंड में लागू होगा और लोगों को 3 दिन की छुट्टी मिलेगी. फिनलैंड के लोगों ने इसका जोरदार स्वागत किया है. यह प्रस्ताव स्थानीय सरकार ने इसलिए रखा ताकि फिनलैंड के लोग और खुशहाल, तनाव मुक्त और स्वस्थ्य जीवन जी सकें.

वैसे हम आपको बता दें कि 2019 में दुनिया के सबसे खुशहाल देशों की सूची में फिनलैंड को दूसरी बार पहला स्थान मिला. जबकि इस दौरान 7 पायदान फिसलकर भारत 140वें स्थान पर पहुंच गया. खुशहाली मापने के लिए 6 मानकों पर सवाल तैयार किए जाते हैं, जिनमें देश के प्रति व्यक्ति की जीडीपी, सामाजिक सहयोग, उदारता और भ्रष्टाचार, सामाजिक स्वतंत्रता, स्वस्थ जीवन के जवाब के आधार पर रैंकिंग की जाती है. बड़ी बात यह है कि हैप्पी इंडैक्स में अप्रवासियों की खुशी का भी मानक रखा गया तो उसमें भी फिनलैंड सबसे ऊपर रहा. वर्ष 2015 के बाद यहां कई देशों के शरणार्थी पहुंचे. वो भी यहां खुद का काफी खुश महसूस करते हैं. इस देश में शरणार्थियों की संख्या करीब 3 लाख के आसपास है. शरणार्थियों को भी बहुत कम दरों पर किराए का मकान उपलब्ध कराया जाता है.

 

फिनलैंड की 10 खास बातें:

 

1- आधिकारिक तौर पर फिनलैंड गणराज्य उत्तरी यूरोप के फेनोस्केनेडियन क्षेत्र में स्थित एक नॉर्डिक देश है. फिनलैंड के पश्चिम में स्वीडन, पूर्व में रूस और उत्तर में नॉर्वे है. फिनलैंड खाड़ी के पार दक्षिण में एस्टोनिया स्थित है. देश की राजधानी हेलसिंकी है. क्षेत्रफल के हिसाब से यह यूरोप का आठवां सबसे बड़ा और जनघनत्व के आधार पर यूरोपीय संघ में सबसे कम आबादी वाला देश हैं. देश में रहने वाले बहुसंख्यक लोगों की मातृभाषा फिनिश है. देश की 5.5 प्रतिशत आबादी की मातृभाषा स्वीडिश है.

2- फिनलैंड दुनिया के सबसे विकसित देशों में है. लोगों की आमदनी काफी अच्छी है. हर नागरिक को आर्थिक सुरक्षा, भत्तों के साथ कई ऐसे अधिकार और सुविधाएं मिलती हैं जो भारत के लोग सोच भी नहीं सकते. फिनलैंड के लोग रोजगार या आर्थिक सुरक्षा को लेकर हमेशा निश्चिंत रहते हैं. लोगों को बुढापे की चिंता नहीं है, उन्हें किसी दुर्घटना या बड़ी बीमारी के वक्त इलाज की चिंता नहीं है, आधारभूत सुविधाओं की चिंता नहीं हैं, उनके पास धन नहीं है तो क्या होगा या कोई दुर्घटना या तबीयत खराब हो जाए तो इलाज कैसे होगा. ये सारी चिंताएं वहां आम आदमी की नहीं बल्कि सरकार की है जो अपने नागरिकों के हेप्पीनेस इंडेक्स को बनाए रखने खुद सारी जिम्मेदारियां लेती है. हालांकि यहां की जीडीपी कम है लेकिन ये शायद दुनिया का इकलौता देश होगा जहां कोई बेघर नहीं है. यहां के बैंक काफी सक्षम हैं.

3- यहां के लोग बड़ी सोच वाले हैं. जो प्रशासन को पूरा सहयोग करते हैं. सबसे कम भ्रष्टाचार और सबसे प्रोग्रेसिव समाज फिनलैंड का माना जाता है. यूनाइटेड नेशन की रिपोर्ट की माने तो यह भी एक प्रमुख कारण है जिससे यह देश दुनिया का सबसे खुश देश है.

4- यहां प्रति वर्ग किलोमीटर में औसतन 18 की आबादी मिलती है. यह यूरोपियन यूनियन में सबसे कम है. यहां ठंड बहुत ज्यादा रहती है लेकिन मौसम हमेशा सुहाना, मनभावन और मनमो‍हक दिखाई देता है. गर्मियों में तो यहां रात 12 बजे के बाद कुछ अंधेरा होता है और रात 10 बजे शाम का अहसास होता है. ठंड के दिनों में आसमान में सूर्य देव को ढूंढना मुश्किल हो जाता है.

5- क्राइम फ्री कंट्री की दिशा में यहां हर वक्त काम किया जाता है, इसलिए ये सबसे स्थिर और सुरक्षित देश भी कहा जाता है. वर्ष 2015 में यहां मर्डर रेट एक लाख की आबादी पर केवल 1.28 फीसदी थी. यहां की कुल आबादी करीब 56 लाख है. वर्ष 2015 में यहां केवल 50 मर्डर हुए. यहां की पुलिस इंटरनेट सुरक्षा के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर है, जो कानून पालना करवाने को लेकर बेहद सख्त है. इसलिए यहां संगठित अपराध का नामोनिशान तक नहीं.

6- यहां चुनाव काफी निष्पक्ष, भयमुक्त, साफ सुथरे, भ्रष्टाचार मुक्त माहौल में होते हैं. यहां के लोग सबसे तनावमुक्त माहौल में अपना नेता और अपनी सरकार चुनते हैं. सबसे ज्यादा व्यक्तिगत और अभिव्यक्ति की आजादी इस देश में है. यहां प्रेस पूरी तरह से स्वतंत्र, आजाद और खुश है. मानवाधिकारों की रक्षा यहां के सरकार का धर्म है और लोग भी एक दूसरे के अधिकारों का बेहद सम्मान करते हैं. यहां के लोग अपने जीवन से संतुष्ट हैं. उन्हें अपने रहने की जगहों से कोई शिकायत नहीं है. यहां रहने की जगहें काफी स्पेस वाली और आरामदायक हैं. कंज्युमर कांफीडेंस यूरोप में सबसे मजबूत है. लिंगानुपात की बराबरी में भी ये विश्व के शीर्ष पांच देशों में है. फिनलैंड सबसे ज्यादा महिला सांसदों के मामले दुनिया का तीसरा शीर्ष देश है.

7- फिनलैंड दुनिया में सबसे ज्यादा योग्य प्रतिभाएं तैयार करने वाला देश है. यहां अनुसंधान और प्रशिक्षण भारी खर्च किया जाता है, पढाई, शिक्षा, रिसर्च पर सरकार फण्ड देने में कोई कमी नहीं रखती. यही कारण है कि यह देश टॉप थ्री समृद्धि के शिखर पर शिखर पर पहुंचने वाले देशों में शामिल है. उच्च शिक्षा में दुनिया में तीसरे नंबर पर है. दुनिया के सबसे साक्षर देशों में फिनलैंड का नाम है. यहां की लाइब्रेरियां इतनी अच्छी और समृद्ध हैं कि यूरोप में दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा लोग यहां की लाइब्रेरियों का इस्तेमाल करते हैं.

8- शुद्ध हवा और पर्यावरण के मामले में फिनलैंड दुनिया में तीसरे नंबर पर है. यहां के घने जंगल, पर्यावर दुनियाभर के पर्यटकों के आकर्षण का कारण है. यहां कुल 1,87,888 झीलें हैं जिसके कारण इसे झीलों का देश भी कहते हैं. पानी बहुत शुद्ध है.

9- यहां व्यापार की पहली शर्त है ईमानदारी. बिजनेस करने के मामले में ये यूरोप का तीसरे नंबर का बेहतरीन देश है. यहां बिजनेस ग्रोथ का माहौल में यूरोप में तीसरे नंबर पर बेस्ट है. ग्लोबल क्लीनटेक इनोवेशन इंडैक्स की माने तो क्लीन तकनीक इस्तेमाल करने में दुनिया का दूसरे नंबर का बेहतरीन देश है. यहां उद्योगपतियों को बढावा देने का हर संभव प्रयास किया जाता है, टैक्स प्रक्रिया ऐसी है कि उद्योग धंध बर्बाद होने के बजाए फले फूलें.

10- फिनलैंड के ट्रैफिक नियमों के बारे में जानने को लेकर भी बहुत कुछ रोचक बातें हैं. यहां रईस लोगों को चालान बड़े अमाउंट का काटा जाता है तो जिनकी कमाई कम है उनके चालान कम राशि के काटे जाते हैं. मतलब साफ है कि जितना वेतन उस हिसाब से ही चालान काटा जाता है. हालांकि इस नियम के बीच स्थानीय पुलिस के लिए ट्रैफिक नियमों की पालना करवाना और लोगों की सही कमाई जानना एक चुनौती भी है.