जाने-माने वकील और राजनेता राम जेठमलानी का निधन, जानिए उनके जीवन से जुड़ी 10 बड़ी रोचक बातें


नई दिल्ली. जाने माने वरिष्ठ वकील और राजनेता राम जेठमलानी (Ram Jethmalani)का रविवार को देहांत हो गया. मशहूर वकील और आरजेडी से राज्यसभा सांसद राम जेठमलानी का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया, वे 95 साल के जेठमलानी सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता थे. इनकी गिनती देश के नामचीन क्रिमिनल वकीलों में की जाती रही है. वे भाजपा की ओर से राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं. अपनी बेबाक राय रखने के लिए जेठमलानी चर्चा में रहे और कई बार आलोचना का शिकार भी हुए. उनकी विद्ववानता का हर कोई कायल था. कई बड़े मामलों के केस जेठमलानी ने लड़े. जेठमलानी ने 17 साल की उम्र में ही वकालत की डिग्री हासिल कर ली थी. तब नियमों में संशोधन कर उन्हें 18 वर्ष की उम्र में प्रैक्टिस करने की इजाजत दी गई थी. जबकि नियमानुसार प्रैक्टिस की उम्र सीमा 21 वर्ष थी.

जानिए जेठमलानी के जीवन से जुड़ी 10 बड़ी बातें-

1. देश के मशहूर वकील राम जेठमलनी का जन्म पाकिस्तान (तब भारत का हिस्सा था) के शिकारपुर में 14 सितंबर 1923 को हुआ था. पढ़ने में बेहद मेधावी रहे जेठमलानी ने दूसरी, तीसरी और चौथी कक्षा की पढ़ाई एक साल में ही पूरी कर ली थी और मात्र 13 साल की उम्र में मैट्रिक पास कर गये थे. पाकिस्तान बनने के बाद वहां हालात लगातार खराब हो रहे थे. राम जेठमलानी अपने एक दोस्त की सलाह पर मुंबई आ गए थे. यहां वो काफी दिनों तक रिफ्यूजी कैंप में रहे.

2. जेठमलानी के पिता बोलचंद गुरमुख दास जेठमलानी और दादा भी वकील थे. शायद इसलिए राम जेठमालनी का भी झुकाव वकालत के पेशे की ओर हुआ.

3. महज 17 साल की उम्र में वकालत की डिग्री लेने वाले राम जेठमलानी पहले ही केस में चर्चित हो गए थे. यह केस 1959 में केएम नानावती बनाम महाराष्ट्र सरकार का था. इसमें जेठमलानी ने यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ के साथ केस लड़ा था. बाद के दिनों में चंद्रचूड़ देश के चीफ जस्टिस भी बने. इसी केस के ऊपर अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म 'रूस्तम' बनी है.

4. 70 और 80 के दशक में जेठमलानी को 'स्मगलरों का वकील' भी कहा जाने लगा था. केएम नानावती मर्डर हाई प्रोफाइल मिस्ट्री केस के बाद सुर्खियों में आए राम जेठमलानी ने मुंबई और दिल्ली के विभिन्न कोर्ट में कई स्मगलरों के केस की पैरवी की. अपनी दलीलों के दम पर जेठमलानी ने ज्यादातर केस में स्मगलरों के लिए केस जीतते रहे.

5- जेसिका लाल मर्डर केस में जेठमलानी मनु शर्मा की तरफ से पेश हुए थे, उपहार सिनेमा अग्निकांड में आरोपी मालिकों अंसल बंधुओं की तरफ से पेश हुए. 2G घोटाले में डीएमके नेता कणिमोझी की तरफ से पेश हुए थे. सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में अमित शाह की तरफ से अदालत में हाजिर हुए थे. हवाला डायरी कांड में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की तरफ से भी पैरवी की थी. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जहां पूरे देश में कोई भी वकील आरोपियों सतवंत सिंह और केहर सिंह के लिए पैरवी करने को तैयार नहीं था तब राम जेठमलानी ने ही आगे बढ़कर इस केस को अपने हाथ में लिया था.

6- चारा घोटाले से जुड़े मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के लिए 2013 में पैरवी की थी. 2013 में नाबालिग लड़की के बलात्कार के आरोपी आसाराम बापू की तरफ से पेश हुए थे. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा के लिए अवैध खनन मामले में पेश हुए थे. शेयर बाजार के दलाल हर्षद मेहता और केतन पारेख के बचाव में अदालत में पेश हुए थे. साल 2011 में रामलीला मैदान में धरना दे रहे बाबा रामदेव पर सेना के प्रयोग के लिए बाबा के बचाव में कोर्ट में पेश हुए.

7. राम जेठमलानी बेहद जिद्दी स्वभाव के माने जाते हैं. वे जब तक किसी मुकदमे को जीत नहीं लेते वे उसमें जी-जान से लगे रहते हैं. राम जेठमलानी आजाद भारत के सबसे महंगे वकीलों में से एक हैं, ये किसी केस की पैरवी के लिए एक तारीख पर जाने के बदले करोड़ रुपए तक की फीस लेते थे.

8. यूं तो राम जेठमलानी का झुकाव शुरू से ही राजनीति की तरफ रहा पर वकालत के पेश में उन्होंने कभी भी किसी दल या संगठन का केस लड़ने में भेदभाव नहीं किया. यही वजह है कि शुरुआती दिनों में उन्होंने सीपीआई के विधायक कृष्णा देसाई की हत्या के मामले में शिव सेना की तरफ से पैरवी की थी.

9-छठी और सातवीं लोकसभा में भाजपा के सांसद रहे. मुंबई से 2 बार चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे. वाजपेयी की सरकार में कानून एवं शहरी विकास मंत्री रहे लेकिन विवादास्पद बयानों के चलते भाजपा से किए गए. वाजपेयी के खिलाफ लखनऊ लोकसभा सीट से 2004 में लड़ा. मई 2010 को सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने गए. 2010 में फिर से भाजपा ने पार्टी में किया शामिल. भाजपा के राजस्थान से राज्यसभा सांसद रहे.

10. 2G घोटाले में यूनीटेक लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर संजय चंद्रा की सुप्रीम कोर्ट से जमानत कराई. बड़े कारोबारियों में से एक सहारा प्रमुख सुब्रतो रॉय सहारा के लिए राम जेठमलानी सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर चुके हैं. हाल ही में राम जेठमलानी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ मानहानि का केस भी लड़ चुके हैं. हालांकि इसी दौरान फीस को लेकर उनका केजरीवाल से कुछ आरोप-प्रत्यारोप भी हुआ था. राम जेठमलानी अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कानून मंत्री भी रह चुके हैं, हालांकि बाद में उन्होंने कई बीजेपी नेताओं के खिलाफ भी मुकदमा लड़ा था.