जलशक्ति मंत्री बोले गहलोत ERCP पर केवल राजनीतिक फायदे के लिए कुंडली मारकर बैठे हैं, तो गहलोत सरकार के मंत्री ने किया यह पलटवार


जयपुर। सीएम गहलोत ERCP पर केवल राजनीतिक फायदे के लिए कुंडली मारकर बैठे हैं. 13 जिलों के प्यासे कंठों को पानी देने के लिए राजस्थान सरकार को प्रोजेक्ट में संशोधन करके भारत सरकार को भेजना है. केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के इस बयान के बाद ERCP मुद्दे पर एक बार फिर से सियासत परवान पर है.

शेखावत के मुताबिक राजस्थान सरकार अगर संशोधन करके आज भेज दें तो मैं 2 महीने में इस योजना को लागू करवा दूंगा और अगर यह दो महीने में नहीं भेजते हैं तो आप 2023 में इनको भेज देना.

मंत्री ने कहा कि 2023 के बाद में जब बीजेपी की सरकार आएगी तो हम इसको लागू करवा देंगे. शेखावत ने आगे कहा कि 2019 में जब मैं जलशक्ति मंत्री बना तो राजस्थान और मध्य प्रदेश के मंत्रियों-अधिकारियों की बैठक बुलाई थी लेकिन उसमें केवल अधिकारी पहुंचे थे.

शेखावत ने कहा कि शायद गहलोत सरकार के मंत्रियों को मेरे ऑफिस में आने से डर लगता है. उन्होंने आगे कहा कि गहलोत साहब के बेटे को जोधपुर की जनता ने वोटों के बड़े अंतर से हरा दिया, उसके बाद राजस्थान का कोई मंत्री मेरे ऑफिस में नहीं आता है.

उधर पूर्वी राजस्थान से ताल्लुक रखने वाले राजस्थान कांग्रेस के कद्दावर नेता और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा ने इस पूरे मामले पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह पर पलटवार किया है। रमेश मीणा ने कहा कि ERCP पर गजेन्द्र सिंह शेखावत द्वारा गलतबयानी की गई है। ये हास्यास्पद बात है कि राजस्थान के जोधपुर से सांसद गजेन्द्र सिंह शेखावत केन्द्र में जलशक्ति मंत्री हैं परन्तु आज तक उन्होंने राजस्थान के लिए पानी की एक छोटी योजना तक भी शुरू नहीं की। यह दिखाता है कि केन्द्र सरकार में उनकी कोई पूछ नहीं हो रही है। इसी की हताशा में वो इस तरह के बयान दे रहे हैं।

 

उन्होंने कहा कि आज गजेन्द्र सिंह शेखावत कह रहे हैं कि ERCP की DPR सही नहीं है जबकि ERCP की DPR तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा वर्ष 2017 में केन्द्र सरकार के उपक्रम वेप्कोस लिमिटेड के माध्यम के तैयार करवाई गई थी। वेप्कोस लिमिटेड जल सम्बधी परियोजना के क्षेत्र में एक अंतरर्राष्ट्रीय कन्सलटेन्सी संस्था है। परियोजना की DPR उस समय राजस्थान रिवर बेसिन ऑथिरिटी के चैयरमेन श्रीराम वेदिरे की देखरेख में बनाई गयी थी। वर्तमान में श्रीराम वेदिरे केन्द्रीय जलशक्ति मंत्रालय में सलाहकार भी हैं। गजेन्द्र सिंह शेखावत को अपने सलाहकार से पूछना चाहिए कि उनकी DPR सही है या नहीं। मेरा जिला करौली पानी के मामले में बेहद पिछड़ा हुआ जिला है। ERCP को राष्ट्रीय दर्जा देने के वादे से मुकरने के बाद करौली की जनता में बेहद गुस्सा है। ERCP पर हमारे जिले के युवा ऐसी बातों को सुनकर आक्रोशित होते हैं।

हमारे सांसद इस योजना पर कुछ नहीं कर रहे हैं। हर बात पर धरना प्रदर्शन करने वाले राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ERCP पर केन्द्र सरकार और गजेन्द्र सिंह शेखावत के खिलाफ धरना क्यों नहीं देते हैं। या उन्हें पद की ऐसी लालसा हो गई है कि करौली, दौसा, सवाई माधोपुर की जनता प्यासी रहे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। ERCP पर जिस तरह की बातें ये लोग जैसी बातें कर रहे हैं उससे ये तो तय जिस प्रकार 2018 में करौली में भाजपा साफ हुई थी, उसी प्रकार 2023 में भी साफ होगी।