सियासत हुई SOG, ATS, ACB V/S CBI, ED, IT... CM के बेटे वैभव गहलोत, भाई पर कसा शिकंजा


जयपुर. राजस्थान की सियासत में चल रही उठापटक और सियासी जंग व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप पर पहुंच चुकी है. आलम यह कि एक ओर जहां राजस्थान सरकार ने एसीबी एटीएस और एसओजी के मार्फत कांग्रेस के बागी विधायकों, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह के साथ अन्य लोगों पर शिकंजा कसने की शुरुआत की तो भाजपा की केंद्र सरकार ने भी अशोक गहलोत के करीबियों पर सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स का शिकंजा कस डाला.

अब यह शिकंजा अशोक गहलोत के भाई अग्रसेन गहलोत और बेटे वैभव गहलोत तक भी पहुंच गया है. और बुधवार को ईडी ने CM गहलोत के बड़े भाई अग्रसेन गहलोत के जोधपुर स्थित ठिकानों पर छापेमारी की. छापेमारी 2007 से 2009 के बीच हुए फर्टिलाइजर घोटाले में अग्रसेन गहलोत का नाम आने के चलते की गई. प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच सीबीआई और ईडी की छापेमारी पहले से ही जगह-जगह चल रही है. एक तरफ खुफिया एंजेसियां विधायकों की खरीद फरोख्त को लेकर जांच कर रही है तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री गहलोत को घेरने को लेकर केंद्रीय एजेंसियों ने ताकत झोंक रखी है.

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उधर ईडी ने बुधवार को सीएम गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को भी पूछताछ के लिए समन जारी किया. पिछले सप्ताह ही गहलोत के करीबियों ज्वैलरी व्यवसायी और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष राजीव अरोड़ा, होटल व्यवसायी रतनकांत शर्मा व धर्मेंद्र राठौड़ के ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी. इस छापेमारी के दौरान ईडी की टीम को मिले दस्तावेज और पूछताछ में सामने आया कि रतनकांत शर्मा वैभव गहलोत के बिजनेस पार्टनर है. दोनों ही सन लाइट कार रेंटल सर्विस के निदेशक हैं. रतनकांत शर्मा की फेयरमाउंट होटल में भी वैभव गहलोत की हिस्सेदारी की बात सामने आई है. धर्मेंद्र राठौड़ के जयपुर स्थित कार्यालय में भी वैभव गहलोत के नियमित रूप से बैठने और कामकाज साथ-साथ करने की होने की बात सामने आई है. इसी आधार पर ईडी ने गहलोत व रतनकांत शर्मा को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है.

उधर सीबीआई की ओर से चूरू के एसएचओ द्वारा आत्महत्या के मामले में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी देवाराम सैनी से लगातार पूछताछ कर रही है तो कांग्रेस में गहलोत खेमे की विधायक कृष्णा पूनिया से लगातार दो दिनों से सीबीआई पूछताछ कर रही है.

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बहरहाल इन सारे घटनाक्रमों के बीच राजस्थान की सियासत में इस वक्त डर का माहौल बना हुआ है. वहीं कोरोना संकट के बीच आमजन सरकार की बेबसी पर निराश नजर आ रहा है. माना जा रहा है कि सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच शुरू हुई यह सियासी जंग अब कई नेताओं और अधिकारियों तक पहुंच चुकी है.