स्वास्थ्य विभाग के बेहतर प्रबंधन और प्रभावी रणनीति से इस वर्ष कम रहा मौसमी बीमारियों का प्रसार, पॉजिटिविटी दर रही कम


जयपुर। राजस्थान में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का बेहतर प्रबंधन और प्रभावी रणनीति काफी कारगर साबित हुई है। जिसके चलते इस वर्ष कम मौसमी बीमारियों का प्रसार,
पॉजिटिविटी दर रही कम रही। विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह की लीडरशिप में विभाग ने बेहतर काम किया। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की शुक्रवार को स्वास्थ्य भवन में मौसमी बीमारियों की स्थिति की समीक्षा को लेकर एक अहम बैठक हुई जिसमें यह बात सामने आई कि विभाग के प्रयासों से मौसमी बीमारियों पर निंयत्रण पाने में काफी हद तक मदद मिली। 


बैठक में चिकित्सा विशेषज्ञों ने बताया कि जांच, उपचार एवं रोकथाम की प्रभावी रणनीति के कारण इस वर्ष मौसमी बीमारियों का प्रसार विगत वर्षों की तुलना में कम रहा है। मौसमी बीमारियों के मामलों में पॉजिटिविटी दर भी पिछले साल की तुलना में कम रही है। चिकित्सा विशेषज्ञों ने बताया कि विगत वर्ष अक्टूबर माह में सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज में डेंगू के पॉजिटिव मामलों की दर 15 प्रतिशत थी, जो इस वर्ष करीब 9 प्रतिशत रही है। इसी प्रकार मलेरिया एवं अन्य मौसमी बीमारियों का प्रसार भी कम रहा है। 

विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने मौसमी बीमारियों के प्रसार में कमी पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि चिकित्सा विभाग सहित अन्य संबंधित विभाग आगे भी इसी तरह पूर्ण समन्वय और प्रो-एक्टिव एप्रोच से काम कर मौसमी बीमारियों पर नियंत्रण सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि यह अच्छा संकेत है कि मलेरिया, डेंगू आदि मौसमी बीमारियों के मामलों में अब गिरावट आ रही है और चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार इसके केस निरन्तर कम होना संभावित है।  

सिंह ने निर्देश दिए कि डेंगू, मलेरिया आदि मौसमी बीमारियों के रोगियों के उपचार के लिए सीएचसी एवं पीएचसी स्तर तक उपचार के माकूल इंतजाम हों। हर रोगी को अस्पतालों में समुचित उपचार सुगमतापूर्वक सुलभ हो। उन्होंने कहा कि एंटीलार्वा, सोर्स रिडक्शन, डीडीटी स्प्रे एवं फोगिंग आदि गतिविधियां नियमित रूप से की जाएं। जिन क्षेत्रों में पॉजिटिव केस सामने आएं वहां यह गतिविधियां प्राथमिकता के आधार पर सघनता से चलाई जाएं। उन्होंने जागरूकता के लिए आईईसी गतिविधियां जारी रखने पर भी बल दिया।

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सोर्स रिडक्शन के लिए चलाएं विशेष अभियान—
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि डेंगू एवं मलेरिया से बचाव के लिए पानी का जमाव वाले स्थानों पर सोर्स रिडक्शन करने हेतु विशेष अभियान चलाया जाए और लोगों को इस संबंध में जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि नगर निगम, नगर परिषद एवं नगरपालिकाएं नालियों व गंदे पानी के स्रोतों में एमएलओ डालने, आबादी क्षेत्रों में पानी की निकासी करने तथा आमजन को भी पानी के स्रोतों को खाली करने के लिए पाबंद करना सुनिश्चित करें।

निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि चिकित्सा संस्थानों में दवाओं एवं जांच किट सहित अन्य आवश्यक उपकरणों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है। अतिरिक्त निदेशक ग्रामीण स्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश शर्मा ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रदेश में मौसमी बीमारियों की स्थिति एवं रोकथाम गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए घर-घर सर्वे, उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों की पहचान, एन्टीलार्वा गतिविधियां, फोगिंग एवं आईईसी गतिविधियां निरन्तर की जा रही हैं।


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बैठक में एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा, एसएमएस मेडिकल कॉलेज की अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. भारती मल्होत्रा, सेटेलाइट हॉस्पिटल बनीपार्क के डॉ. पीडी मीणा सहित जयपुरिया अस्पताल, कांवटिया अस्पताल एवं गणगौरी अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सा